कल्याण आयुर्वेद- आयुर्वेद के अनुसार अर्जुन के पेड़ को कई औषधीय गुण से भरपूर बताया गया है. अर्जुन के पेड़ की छाल भी सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है. इस पेड़ की छाल का पाउडर बनाकर उपयोग किया जाता है.
अर्जुन की छाल में स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हार्ट फेल जैसे हृदय से जुड़ी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है.
अर्जुन का पेड़ भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है. हिमालय की तराई, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश में अधिक पाया जाता है. अर्जुन पेड़ में बीटा-सिस्टोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राई हाइड्रोक्सी, ट्राइटर्पीन मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड पाया जाता है. जिस कारण यह रोगों को दूर करने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.
अर्जुन की छाल से हृदय रोग, क्षय,पीत, कफ, सर्दी, खांसी, अत्यधिक कोलेस्ट्रोल और मोटापे जैसी बीमारी को दूर करने में मदद मिलती है. इसके अलावा यह महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. खूबसूरती बढ़ाने वाली क्रीम के अलावा स्त्री रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है.
चलिए जानते हैं फायदे-
1 .स्तन कैंसर से करें बचाव-
कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक पाया जाता है. इसके कारण शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैलने नहीं पाती है. विशेषकर स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में अर्जुन की छाल बड़े काम की है. यदि गर्म दूध में अर्जुन के पेड़ की छाल के बारीक पीसकर प्रतिदिन सेवन किया जाए तो स्तन कैंसर से बचा जा सकता है.
2 .हृदय रोगियों के लिए-
ह्रदय रोगियों के लिए यह छाल किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है. जिनका कोलेस्ट्रोल बढ़ा है और थोड़ा भी पैदल चलने पर सांस फूलने लगती है उन्हें अर्जुन की छाल की चाय जरूर पीनी चाहिए. अर्जुन की छाल धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करती है. इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनिया सुचारू रूप से काम करने लगती है. इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोलेस्ट्रोल या ट्राइग्लिसराइड का ज्यादा बढ़ना दिल के लिए घातक हो जाता है. इससे कई बार हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है, ऐसे मरीजों को प्रतिदिन अर्जुन की छाल का सेवन किसी न किसी रूप में अवश्य करनी चाहिए.
3 .डायबिटीज के लिए-
अर्जुन की छाल एक साथ कई बीमारियों को दूर कर सकती है. कैंसर व दिल से संबंधित बीमारियों के अलावा डायबिटीज की बीमारी को भी नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल बड़े काम की दवा है. लेकिन इसके लिए अर्जुन की छाल के साथ देसी जामुन को बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लेना चाहिए. इस चूर्ण को प्रतिदिन सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करना डायबिटीज मरीज के लिए काफी लाभदायक होता है.
4 .रोक देता है मोटापे को-
अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से मोटापे की बीमारी भी नहीं होती है क्योंकि पाचन तंत्र इसके लगातार सेवन से ठीक रहता है. यदि लगातार इसका सेवन किया जाए तो सिर्फ एक महीना के इसका असर देखा जा सकता है. अर्जुन की छाल इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है. जिससे सर्दी, खासी जैसी बीमारियों से बचाव होता है.
5 .मुंह के छालों के लिए है रामबाण-
अर्जुन की छाल पेटसाफ करती है और इसकी तासीर भी ठंडी होती है. इसलिए भी इसका प्रतिदिन सेवन किया जाए तो कभी भी मुंह में छाले की समस्या नहीं होती है. इसके अलावा यह खून को बगैर दवा लिए प्राकृतिक रूप से पतला करने में भी अहम भूमिका निभाता है. इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी उत्पन्न नहीं होती है.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले आप योग्य आयुर्वेदाचार्य की सलाह लें. धन्यवाद.
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डायबिटीज सहित कई जटिल बीमारियों का रामबाण इलाज है अर्जुन की छाल, जानें इस्तेमाल करने के तरीके |
अर्जुन का पेड़ भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है. हिमालय की तराई, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश में अधिक पाया जाता है. अर्जुन पेड़ में बीटा-सिस्टोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राई हाइड्रोक्सी, ट्राइटर्पीन मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड पाया जाता है. जिस कारण यह रोगों को दूर करने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.
अर्जुन की छाल से हृदय रोग, क्षय,पीत, कफ, सर्दी, खांसी, अत्यधिक कोलेस्ट्रोल और मोटापे जैसी बीमारी को दूर करने में मदद मिलती है. इसके अलावा यह महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. खूबसूरती बढ़ाने वाली क्रीम के अलावा स्त्री रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है.
चलिए जानते हैं फायदे-
1 .स्तन कैंसर से करें बचाव-
कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक पाया जाता है. इसके कारण शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैलने नहीं पाती है. विशेषकर स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में अर्जुन की छाल बड़े काम की है. यदि गर्म दूध में अर्जुन के पेड़ की छाल के बारीक पीसकर प्रतिदिन सेवन किया जाए तो स्तन कैंसर से बचा जा सकता है.
2 .हृदय रोगियों के लिए-
ह्रदय रोगियों के लिए यह छाल किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है. जिनका कोलेस्ट्रोल बढ़ा है और थोड़ा भी पैदल चलने पर सांस फूलने लगती है उन्हें अर्जुन की छाल की चाय जरूर पीनी चाहिए. अर्जुन की छाल धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करती है. इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनिया सुचारू रूप से काम करने लगती है. इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोलेस्ट्रोल या ट्राइग्लिसराइड का ज्यादा बढ़ना दिल के लिए घातक हो जाता है. इससे कई बार हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है, ऐसे मरीजों को प्रतिदिन अर्जुन की छाल का सेवन किसी न किसी रूप में अवश्य करनी चाहिए.
3 .डायबिटीज के लिए-
अर्जुन की छाल एक साथ कई बीमारियों को दूर कर सकती है. कैंसर व दिल से संबंधित बीमारियों के अलावा डायबिटीज की बीमारी को भी नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल बड़े काम की दवा है. लेकिन इसके लिए अर्जुन की छाल के साथ देसी जामुन को बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लेना चाहिए. इस चूर्ण को प्रतिदिन सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करना डायबिटीज मरीज के लिए काफी लाभदायक होता है.
4 .रोक देता है मोटापे को-
अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से मोटापे की बीमारी भी नहीं होती है क्योंकि पाचन तंत्र इसके लगातार सेवन से ठीक रहता है. यदि लगातार इसका सेवन किया जाए तो सिर्फ एक महीना के इसका असर देखा जा सकता है. अर्जुन की छाल इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है. जिससे सर्दी, खासी जैसी बीमारियों से बचाव होता है.
5 .मुंह के छालों के लिए है रामबाण-
अर्जुन की छाल पेटसाफ करती है और इसकी तासीर भी ठंडी होती है. इसलिए भी इसका प्रतिदिन सेवन किया जाए तो कभी भी मुंह में छाले की समस्या नहीं होती है. इसके अलावा यह खून को बगैर दवा लिए प्राकृतिक रूप से पतला करने में भी अहम भूमिका निभाता है. इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी उत्पन्न नहीं होती है.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले आप योग्य आयुर्वेदाचार्य की सलाह लें. धन्यवाद.
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