महिलाओं को प्रेग्नेंट होने से रोकता है यह रोग, जानें कारण और बचाव के उपाय

कल्याण आयुर्वेद- अक्सर कई महिलाएं शादी के बाद बच्चे को जन्म देने के लिए गर्भधारण करने के लिए प्रयासरत रहती है. लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि उन्हें प्रेग्नेंट होने में परेशानी आती है और प्रयास के बावजूद भी वह प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है.
महिलाओं को प्रेग्नेंट होने से रोकता है यह रोग, जानें कारण और बचाव के उपाय
अक्सर कुछ महिलाओं के नाभि के निचले हिस्से में दर्द होता है. मासिक धर्म के दौरान दर्द होना आम बात है. लेकिन बिना मासिक धर्म के पेडू में दर्द होना पीआईडी रोग का संकेत हो सकता है. यह पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज रोग महिलाओं को होने वाला एक रोग है जो प्रेगनेंसी के दौरान समस्या उत्पन्न कर सकता है. इसकी वजह से प्रजनन अंगों में इंफेक्शन और सूजन जैसी समस्या देखने को मिलती है.
तो आज हम आपको पीआईडी होने के कारण और बचाव के बारे में बताने की कोशिश करेंगे-
क्या है पीआईडी रोग-
यह पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज रोग अक्सर महिलाओं में होने वाला एक संक्रमण रोग है जो गर्भाशय, डिंबवाही, ट्यूब व अंडाशय में इंफेक्शन और सूजन लाता है. बता दें कि जब बैक्टीरिया योनि में प्रवेश करते हैं, जिससे पेल्विक को प्रभावित करते हैं और यह संक्रमण गर्भाशय ग्रीवा से डिंब वाही ट्यूब तक फैल जाते हैं. जिससे सूजन आने लगती है.
पीआईडी रोग होने के कारण-
सामान्यतः यह बीमारी बैक्टीरिया इन्फेक्शन के कारण होती है. लेकिन इसकी और भी वजह गोनोरिया और क्लेमाइडिया भी है. अगर इसका समय पर इलाज नहीं करवाया गया तो यह बीमारी अधिक बढ़ सकती है. इसके अलावा गर्भपात करवाना, एक से ज्यादा व्यक्ति के साथ सेक्स करना, बिना सेफ्टी सेक्स करना और कम उम्र में सेक्स करना भी इस बीमारी के होने के खतरे को बढ़ा देता है.
पीआईडी के लक्षण-
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण जल्दी से नहीं पहचाना जा सकता, लेकिन कुछ लक्षणों को पहचान सकते हैं. जैसे- पेट के निचले हिस्से या ऊपरी हिस्से में तेज दर्द, योनि से असामान्य पीले या हरे रंग का स्राव होना, पेशाब के समय दर्द और जलन होना, मितली और उल्टी आना, मासिक धर्म का अनियमित होना, पीठ में दर्द की समस्या होना, इन संकेतों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करें और इसकी जांच करवाएं. इन लक्षणों से इस बीमारी का पता लगाया जाता है.
इस बीमारी का उपचार-
इस बीमारी में डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करवाते हैं. इस बीमारी को एंटीबायोटिक द्वारा बैक्टीरिया को कंट्रोल किया जाता है. लेकिन महिला को यह बीमारी दोबारा होने की संभावना रहती है. यह ज्यादा गंभीर है तो डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं. इस बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि बेहतर देखभाल करें- सही डाइट सेवन और एक्सरसाइज करें. असुरक्षित और एक से अधिक पुरुषों के साथ सेक्स करने से बचें. योनि की साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखें.

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