कल्याण आयुर्वेद- बाँझपन या इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है. जिस पर कोई भी लज्जा बस खुलकर बात नहीं करता है, जबकि बांझपन दूर करने के लिए घरेलू उपाय मौजूद हैं जो काफी प्रभावी हैं. बांझपन की समस्या से बहुत से विवाहित जोड़े प्रभावित हैं क्योंकि बांझपन की समस्या महिला या पुरुष दोनों को ही हो सकती है. जिससे उनमें बच्चे को जन्म देने की क्षमता कम या खत्म हो सकती है. हालांकि अधिकांश मामलों में यह लक्षण स्थाई नहीं होते हैं. इसका मतलब यह है कि कुछ मामलों में बांझपन को दवाओं एवं घरेलू उपायों द्वारा दूर किया जा सकता है.
आज हम इस पोस्ट के माध्यम से बांझपन को दूर करने के घरेलू उपायों के बारे में जानेंगे-
1 .माका रूट-
महिलाओं के साथ ही साथ पुरुषों में भी बाँझपन का इलाज करने के लिए माका रूट का इस्तेमाल किया जाता है. यह जड़ी- बूटी शरीर में अच्छे हार्मोन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. माका रुट का उपयोग विशेष रूप से हाइपोथायराइड से ग्रसित महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है. अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए माका रूट पाउडर को गर्म दूध या गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करना अच्छा साबित हो सकता है. इसके अलावा आप अपने नाश्ते के साथ भी माका रूट को शामिल कर बाँझपन की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. लेकिन जब आप गर्भवती हो तो इसका सेवन न करें.
2 .अल्फा- अल्फा-
बहुत से लोग प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए उपाय के रूप में अल्फा- अल्फा का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इस खाद पदार्थ में बहुत से विटामिन और खनिज पदार्थ मौजूद होती है. इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन एल पाया जाता है. इसके अलावा इसमें आठ प्रकार के पाचक एंजाइम भी मौजूद होते हैं. इस तरह से अल्फा- अल्फा का सेवन शरीर के लिए औषधि का काम करता है. अल्फा- अल्फा शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को उचित मात्रा में रखता है साथ ही हार्मोन को संतुलित करता है. जिसके कारण इसे फाइटोएस्ट्रोजन कहा जाता है. शारीरिक कमजोरियों और बांझपन को दूर करने के लिए अल्फा- अल्फा का सेवन करना लाभदायक होता है.
3 .अनार-
अनार लंबी और स्वस्थ जीवन के लिए एक प्राकृतिक पूरक की तरह है. इसके अलावा या गर्भवती महिलाओं में वृद्घि के दर के साथ-साथ प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार होता है. अनार रक्त के प्रवाह को गर्भाशय तक बढ़ाता है. यह सीधे गर्भाशय के स्तर को मोटा और मजबूत बनाने का काम करता है. जिसके परिणाम स्वरूप गर्भपात को होने से रोका जा सकता है. अनार के सेवन से एक मजबूत और सुरक्षित गर्भाशय के साथ-साथ भ्रूण स्वस्थ तरीके से विकसित हो सकते हैं. बांझपन दूर करने के लिए कुछ सप्ताह तक अनार को ताजा या अनार के रस का सेवन करना फायदेमंद होता है.
4 .सिंहपरनी-
प्रजनन क्षमता की कमी को ही बांझपन के नाम से जाना जा सकता है. लेकिन अधिकांश मामलों में इन समस्याओं का घरेलू उपचार किया जा सकता है क्योंकि यह समस्या अधिक स्थाई नहीं है. यह शारीरिक कमजोरी के कारण भी हो सकती है. बांझपन दूर करने के लिए आप सिंहपरनी का उपयोग कर सकते हैं. सिंहपरनी श्लेष्म में झिल्ली के स्राव को उत्तेजित करता है. सिंहपरनी स्वाद में कड़वा होता है. लेकिन इसमें विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसके पत्तों में मूत्र वर्धक गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर करने में मददगार होते हैं. नियमित रूप से सिंहपरनी का सेवन करने से शरीर में हार्मोन संतुलन बना रहता है जिससे बांझपन की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है.
5 .सौंफ और मक्खन-
जिन महिलाओं या पुरुषों का वजन बहुत अधिक होता है. उन्हें बांझपन की संभावना अधिक होती है. लेकिन ऐसी स्थिति का इलाज करने के लिए सौंफ का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए आप सौंफ के पाउडर के साथ शुद्ध मक्खन का सेवन कर सकते हैं. नियमित रूप से कुछ दिनों तक मक्खन और सौंफ पाउडर के मिश्रण से तैयार कर पीने से बांझपन की समस्या को दूर की जा सकती है. यह प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी घरेलू उपाय माना जाता है.
6 .अश्वगंधा-
अश्वगंधा को महिला व पुरुषों के कई गुप्त रोगों को दूर करने के लिए जाना जाता है जो महिला और पुरुषों दोनों में बांझपन की समस्या को दूर करती है. अश्वगंधा का इस्तेमाल प्राचीन समय से यौन समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. अश्वगंधा का नियमित सेवन करने से शरीर की इम्यून पावर को बढ़ावा मिलती है. इसमें मौजूद पोषक तत्व और अन्य घटक शरीर में यौन क्षमता को प्रभावित करने वाले हार्मोन को संतुलित करते हैं. इस तरह से अश्वगंधा बांझपन की समस्या को दूर करने में आपकी मदद करता है. इसके लिए एक चम्मच अश्वगंधा और एक चम्मच मिश्री का पाउडर मिलाकर दूध के साथ सेवन करना चाहिए.
7 .खजूर-
खजूर न केवल खाने में ही स्वादिष्ट होता है बल्कि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो गर्भाधान का समर्थन करते हैं. खजूर में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और कई खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह सभी एक महिला को गर्भ धारण करने के लिए आवश्यक है. साथ ही साथ अंत तक एक स्वस्थ गर्भावस्था बनाए रखने में मददगार होता है. खजूर कब्ज के उपचार और मल त्याग को नियमित करने में भी मददगार होता है. खजूर और धनिया की जड़ का पेस्ट बनाकर इसे गाय के दूध के साथ उबालकर प्रतिदिन पीना आपके मासिक धर्म को नियमित करने में मददगार होता है.
8 .बरगद की जड़-
महिला बांझपन को दूर करने के लिए बरगद की जड़ काफी प्रभावी उपचार माना जाता है. आयुर्वेद में बांझपन सहित अन्य कई रोगों को दूर करने के लिए बरगद की जड़ का इस्तेमाल किया जाता है. शारीरिक एवं यौन कमजोरी दूर करने के लिए बरगद की जड़ का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है.
आप बरगद की ताजा जड़ों को खोदें और इसे कुछ दिनों तक धूप में सूखने दें. इन सूखी हुई जड़ों को अच्छी तरह से पीसकर महीन पाउडर तैयार कर लें और अब इसे किसी सुरक्षित डिब्बे में रख लें नियमित रूप से इस पाउडर को एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच मिलाएं. इस मिश्रण को मासिक धर्म खत्म होने के बाद लगातार तीन दिनों तक खाली पेट सेवन करें. इस मिश्रण का सेवन करने से महिलाओं को काफी लाभ होता है इससे महिला बांझपन को दूर किया जा सकता है.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी उपयोग से पहले आप जानकार डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.
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महिलाओं में बांझपन दूर करने के रामबाण घरेलू उपाय |
1 .माका रूट-
महिलाओं के साथ ही साथ पुरुषों में भी बाँझपन का इलाज करने के लिए माका रूट का इस्तेमाल किया जाता है. यह जड़ी- बूटी शरीर में अच्छे हार्मोन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. माका रुट का उपयोग विशेष रूप से हाइपोथायराइड से ग्रसित महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है. अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए माका रूट पाउडर को गर्म दूध या गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करना अच्छा साबित हो सकता है. इसके अलावा आप अपने नाश्ते के साथ भी माका रूट को शामिल कर बाँझपन की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. लेकिन जब आप गर्भवती हो तो इसका सेवन न करें.
2 .अल्फा- अल्फा-
बहुत से लोग प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए उपाय के रूप में अल्फा- अल्फा का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इस खाद पदार्थ में बहुत से विटामिन और खनिज पदार्थ मौजूद होती है. इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन एल पाया जाता है. इसके अलावा इसमें आठ प्रकार के पाचक एंजाइम भी मौजूद होते हैं. इस तरह से अल्फा- अल्फा का सेवन शरीर के लिए औषधि का काम करता है. अल्फा- अल्फा शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को उचित मात्रा में रखता है साथ ही हार्मोन को संतुलित करता है. जिसके कारण इसे फाइटोएस्ट्रोजन कहा जाता है. शारीरिक कमजोरियों और बांझपन को दूर करने के लिए अल्फा- अल्फा का सेवन करना लाभदायक होता है.
3 .अनार-
अनार लंबी और स्वस्थ जीवन के लिए एक प्राकृतिक पूरक की तरह है. इसके अलावा या गर्भवती महिलाओं में वृद्घि के दर के साथ-साथ प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार होता है. अनार रक्त के प्रवाह को गर्भाशय तक बढ़ाता है. यह सीधे गर्भाशय के स्तर को मोटा और मजबूत बनाने का काम करता है. जिसके परिणाम स्वरूप गर्भपात को होने से रोका जा सकता है. अनार के सेवन से एक मजबूत और सुरक्षित गर्भाशय के साथ-साथ भ्रूण स्वस्थ तरीके से विकसित हो सकते हैं. बांझपन दूर करने के लिए कुछ सप्ताह तक अनार को ताजा या अनार के रस का सेवन करना फायदेमंद होता है.
4 .सिंहपरनी-
प्रजनन क्षमता की कमी को ही बांझपन के नाम से जाना जा सकता है. लेकिन अधिकांश मामलों में इन समस्याओं का घरेलू उपचार किया जा सकता है क्योंकि यह समस्या अधिक स्थाई नहीं है. यह शारीरिक कमजोरी के कारण भी हो सकती है. बांझपन दूर करने के लिए आप सिंहपरनी का उपयोग कर सकते हैं. सिंहपरनी श्लेष्म में झिल्ली के स्राव को उत्तेजित करता है. सिंहपरनी स्वाद में कड़वा होता है. लेकिन इसमें विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसके पत्तों में मूत्र वर्धक गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर करने में मददगार होते हैं. नियमित रूप से सिंहपरनी का सेवन करने से शरीर में हार्मोन संतुलन बना रहता है जिससे बांझपन की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है.
5 .सौंफ और मक्खन-
जिन महिलाओं या पुरुषों का वजन बहुत अधिक होता है. उन्हें बांझपन की संभावना अधिक होती है. लेकिन ऐसी स्थिति का इलाज करने के लिए सौंफ का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए आप सौंफ के पाउडर के साथ शुद्ध मक्खन का सेवन कर सकते हैं. नियमित रूप से कुछ दिनों तक मक्खन और सौंफ पाउडर के मिश्रण से तैयार कर पीने से बांझपन की समस्या को दूर की जा सकती है. यह प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी घरेलू उपाय माना जाता है.
6 .अश्वगंधा-
अश्वगंधा को महिला व पुरुषों के कई गुप्त रोगों को दूर करने के लिए जाना जाता है जो महिला और पुरुषों दोनों में बांझपन की समस्या को दूर करती है. अश्वगंधा का इस्तेमाल प्राचीन समय से यौन समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. अश्वगंधा का नियमित सेवन करने से शरीर की इम्यून पावर को बढ़ावा मिलती है. इसमें मौजूद पोषक तत्व और अन्य घटक शरीर में यौन क्षमता को प्रभावित करने वाले हार्मोन को संतुलित करते हैं. इस तरह से अश्वगंधा बांझपन की समस्या को दूर करने में आपकी मदद करता है. इसके लिए एक चम्मच अश्वगंधा और एक चम्मच मिश्री का पाउडर मिलाकर दूध के साथ सेवन करना चाहिए.
7 .खजूर-
खजूर न केवल खाने में ही स्वादिष्ट होता है बल्कि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो गर्भाधान का समर्थन करते हैं. खजूर में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और कई खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह सभी एक महिला को गर्भ धारण करने के लिए आवश्यक है. साथ ही साथ अंत तक एक स्वस्थ गर्भावस्था बनाए रखने में मददगार होता है. खजूर कब्ज के उपचार और मल त्याग को नियमित करने में भी मददगार होता है. खजूर और धनिया की जड़ का पेस्ट बनाकर इसे गाय के दूध के साथ उबालकर प्रतिदिन पीना आपके मासिक धर्म को नियमित करने में मददगार होता है.
8 .बरगद की जड़-
महिला बांझपन को दूर करने के लिए बरगद की जड़ काफी प्रभावी उपचार माना जाता है. आयुर्वेद में बांझपन सहित अन्य कई रोगों को दूर करने के लिए बरगद की जड़ का इस्तेमाल किया जाता है. शारीरिक एवं यौन कमजोरी दूर करने के लिए बरगद की जड़ का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है.
आप बरगद की ताजा जड़ों को खोदें और इसे कुछ दिनों तक धूप में सूखने दें. इन सूखी हुई जड़ों को अच्छी तरह से पीसकर महीन पाउडर तैयार कर लें और अब इसे किसी सुरक्षित डिब्बे में रख लें नियमित रूप से इस पाउडर को एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच मिलाएं. इस मिश्रण को मासिक धर्म खत्म होने के बाद लगातार तीन दिनों तक खाली पेट सेवन करें. इस मिश्रण का सेवन करने से महिलाओं को काफी लाभ होता है इससे महिला बांझपन को दूर किया जा सकता है.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी उपयोग से पहले आप जानकार डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.
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