कल्याण आयुर्वेद- बांझपन मूल रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ का होना है. बांझपन किसी महिला की उस अवस्था को कहा जाता है जिसमें पूरे समय तक गर्भधारण करने में असमर्थ रहती है. 1 साल तक गर्भधारण करने की कोशिश करने के बावजूद भी महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है तो उसे बांझपन के नाम से जाना जाता है.
अथवा 6 महीने यदि महिला की आयु 35 वर्ष या अधिक है वे महिलाएं जो गर्भधारण कर सकती है लेकिन पूरे समय तक गर्भवती नहीं रह पाती हैं बांझ हो सकती हैं.
बांझपन हमेशा एक महिला की ही समस्या नहीं है. पुरुष और महिला दोनों में बांझपन की समस्या हो सकती है. लगभग एक तिहाई मामले महिलाओं की समस्याओं के कारण होते हैं. अन्य एक तिहाई फर्टिलिटी पुरुषों के कारण होते हैं. बाकी मामलों में पुरुष और महिला दोनों ही शामिल होते हैं या फिर किसी अज्ञात समस्या के कारण होते हैं.
यदि गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही हो तो इन बातों का रखें ध्यान-
1 .अपने तनाव को नियंत्रित करें-
अपने तनाव को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे गर्भधारण की संभावना अधिक हो जाती है. यदि आप गर्भधारण करने की योजना बना रही है तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि आप तनाव को दूर रखें. अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का प्रयास करें, किताबें पढ़ें और अपनी प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता दें.
2 .आज भी महिला बांझपन को समझना बहुत ही आसान है क्योंकि अधिकतर मामलों में समस्या के बारे में पता होता है. साथ ही कई प्रकार से कारणों का पता लगाना भी आसान हो गया है.
3 .पोषण की कमी पर दें ध्यान-
ध्यान दें कि आप क्या नहीं खा पा रहे हैं और जो आप खा रहे हैं उस पर नियंत्रण रखें. बेहतर फर्टिलिटी आहार और बेहतर फूड के बारे में जाने, अपने चिकित्सक से सलाह लें कि आप को अपने भोजन में से क्या छोड़ने की जरूरत है यह सुनिश्चित करने की पर्याप्त आहार फर्टिलिटी बढ़ाने में मददगार होता है.
4 .ट्युबल रोग-
लगभग 15 से 18 बांझपन के मामले ट्यूबल रोग के कारण होते हैं. इसका मतलब है कि आपकी फेलोपियन ट्यूब अवरुद्ध है जिसका आपको परीक्षण कराने की आवश्यकता है.
5 .बांझपन के लिए मायने रखती है उम्र-
उम्र का बांझपन से सीधा और विशिष्ट संबंध होता है. युवावस्था में शारीरिक ताकत, प्रतिरोधक क्षमता तथा हार्मोन अवलेबल चरम पर होते हैं और इसलिए इस पहलू पर विचार करना आवश्यक होता है. उम्र बढ़ने के साथ हमारे जीवन शक्ति और स्थिरता कम होने लगती है. इसलिए बांझपन से संबंधित उपचार क्रम उम्र में आरंभ करना बेहतर होता है.
6 .भरपूर नींद लें-
कई अध्ययनों से यह साफ पता चलता है कि गहरी नींद की कमी और बांझपन में संबंध है. इसलिए यदि आप अक्सर पार्टी करते रहते हैं तो आपको जागरूक होने की जरूरत है. लंबे समय तक देर रात तक जागने से हार्मोनल लेबल में मूलभूत बदलाव होते हैं जिससे बांझपन की समस्या अधिक हो जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग लंबे समय तक भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं वे विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कम प्रजनन दर का सामना करते हैं. यह शरीर में हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित करता है जो बांझपन का एक मुख्य कारण है.
7 .विशेषज्ञ आमतौर पर उन्मूलन विधि का प्रयोग करते हैं-
सबसे पहले यह पता लगाना होगा कि ओब्युलेशन सामान्य है अथवा पूर्ण रूप से अनुपस्थित है. ओवुलेशन किट से चेक करना, शरीर का तापमान रिकॉर्ड करना और प्रोजेस्टेरोन के स्तर की जांच करना यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है. वह कई बार अल्ट्रासाउंड भी करवाते हैं.
8 .पुरुष बांझपन का निदान और उपाय-
पुरुष फर्टिलिटी का निदान और उपाय अत्यंत ही जटिल है. शुक्राणु की संख्या शुक्राणुओं की ताकत और अन्य कारकों का पता लगाने के लिए स्पर्म के नमूने को प्रयोगशाला में जांच की जाती है. टेस्टोस्टेरोन का स्तर निर्धारित करने के लिए हार्मोन स्तर की जांच भी की जाती है. शारीरिक समस्याओं जैसे यौन अंगों में दोष एसटीडी अथवा वीडि पतित स्वखलन की भी जांच की जाती है. यहां हम गर्भावस्था को सफल बनाने और नन्हे फरिश्ते को इस दुनिया में लाने का हरसंभव प्रयास करते हैं.
10 .रिश्ते में तनाव-
दंपति के रिश्ते में तनाव आने से भी बांझपन की समस्या हो सकती है और यह समस्या अधिक जटिल हो जाता है. दोनों पार्टनर को अपने रिश्ते में सामंजस्य बनाए रखना चाहिए और किसी भी आंतरिक झगड़े को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. यह समय एक- दूसरे को पूर्ण रूप से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समर्थन देने का है. पुरुषों के लिए यह जिम्मेदारी और भी अधिक हो जाती है क्योंकि महिला साथी को अत्यधिक शारीरिक पीड़ा से गुजरना होता है. इस उपचार प्रक्रिया में आईवीएफ गर्भधारण के कई चक्र विभिन्न परीक्षणों और कई क्रियाएं होती है जो महिला पर जबरदस्त तनाव डालती है.
यह जानकारी अच्छी लगे तो लाइक, शेयर करें, धन्यवाद.
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महिला व पुरुषों में बांझपन के संबंध में जानने योग्य बातें |
बांझपन हमेशा एक महिला की ही समस्या नहीं है. पुरुष और महिला दोनों में बांझपन की समस्या हो सकती है. लगभग एक तिहाई मामले महिलाओं की समस्याओं के कारण होते हैं. अन्य एक तिहाई फर्टिलिटी पुरुषों के कारण होते हैं. बाकी मामलों में पुरुष और महिला दोनों ही शामिल होते हैं या फिर किसी अज्ञात समस्या के कारण होते हैं.
यदि गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही हो तो इन बातों का रखें ध्यान-
1 .अपने तनाव को नियंत्रित करें-
अपने तनाव को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे गर्भधारण की संभावना अधिक हो जाती है. यदि आप गर्भधारण करने की योजना बना रही है तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि आप तनाव को दूर रखें. अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का प्रयास करें, किताबें पढ़ें और अपनी प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता दें.
2 .आज भी महिला बांझपन को समझना बहुत ही आसान है क्योंकि अधिकतर मामलों में समस्या के बारे में पता होता है. साथ ही कई प्रकार से कारणों का पता लगाना भी आसान हो गया है.
3 .पोषण की कमी पर दें ध्यान-
ध्यान दें कि आप क्या नहीं खा पा रहे हैं और जो आप खा रहे हैं उस पर नियंत्रण रखें. बेहतर फर्टिलिटी आहार और बेहतर फूड के बारे में जाने, अपने चिकित्सक से सलाह लें कि आप को अपने भोजन में से क्या छोड़ने की जरूरत है यह सुनिश्चित करने की पर्याप्त आहार फर्टिलिटी बढ़ाने में मददगार होता है.
4 .ट्युबल रोग-
लगभग 15 से 18 बांझपन के मामले ट्यूबल रोग के कारण होते हैं. इसका मतलब है कि आपकी फेलोपियन ट्यूब अवरुद्ध है जिसका आपको परीक्षण कराने की आवश्यकता है.
5 .बांझपन के लिए मायने रखती है उम्र-
उम्र का बांझपन से सीधा और विशिष्ट संबंध होता है. युवावस्था में शारीरिक ताकत, प्रतिरोधक क्षमता तथा हार्मोन अवलेबल चरम पर होते हैं और इसलिए इस पहलू पर विचार करना आवश्यक होता है. उम्र बढ़ने के साथ हमारे जीवन शक्ति और स्थिरता कम होने लगती है. इसलिए बांझपन से संबंधित उपचार क्रम उम्र में आरंभ करना बेहतर होता है.
6 .भरपूर नींद लें-
कई अध्ययनों से यह साफ पता चलता है कि गहरी नींद की कमी और बांझपन में संबंध है. इसलिए यदि आप अक्सर पार्टी करते रहते हैं तो आपको जागरूक होने की जरूरत है. लंबे समय तक देर रात तक जागने से हार्मोनल लेबल में मूलभूत बदलाव होते हैं जिससे बांझपन की समस्या अधिक हो जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग लंबे समय तक भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं वे विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कम प्रजनन दर का सामना करते हैं. यह शरीर में हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित करता है जो बांझपन का एक मुख्य कारण है.
7 .विशेषज्ञ आमतौर पर उन्मूलन विधि का प्रयोग करते हैं-
सबसे पहले यह पता लगाना होगा कि ओब्युलेशन सामान्य है अथवा पूर्ण रूप से अनुपस्थित है. ओवुलेशन किट से चेक करना, शरीर का तापमान रिकॉर्ड करना और प्रोजेस्टेरोन के स्तर की जांच करना यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है. वह कई बार अल्ट्रासाउंड भी करवाते हैं.
8 .पुरुष बांझपन का निदान और उपाय-
पुरुष फर्टिलिटी का निदान और उपाय अत्यंत ही जटिल है. शुक्राणु की संख्या शुक्राणुओं की ताकत और अन्य कारकों का पता लगाने के लिए स्पर्म के नमूने को प्रयोगशाला में जांच की जाती है. टेस्टोस्टेरोन का स्तर निर्धारित करने के लिए हार्मोन स्तर की जांच भी की जाती है. शारीरिक समस्याओं जैसे यौन अंगों में दोष एसटीडी अथवा वीडि पतित स्वखलन की भी जांच की जाती है. यहां हम गर्भावस्था को सफल बनाने और नन्हे फरिश्ते को इस दुनिया में लाने का हरसंभव प्रयास करते हैं.
10 .रिश्ते में तनाव-
दंपति के रिश्ते में तनाव आने से भी बांझपन की समस्या हो सकती है और यह समस्या अधिक जटिल हो जाता है. दोनों पार्टनर को अपने रिश्ते में सामंजस्य बनाए रखना चाहिए और किसी भी आंतरिक झगड़े को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. यह समय एक- दूसरे को पूर्ण रूप से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समर्थन देने का है. पुरुषों के लिए यह जिम्मेदारी और भी अधिक हो जाती है क्योंकि महिला साथी को अत्यधिक शारीरिक पीड़ा से गुजरना होता है. इस उपचार प्रक्रिया में आईवीएफ गर्भधारण के कई चक्र विभिन्न परीक्षणों और कई क्रियाएं होती है जो महिला पर जबरदस्त तनाव डालती है.
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