महिलाएं अनियमित मासिक धर्म को न करें नजरअंदाज हो सकता है इन गंभीर बीमारियों का कारण

कल्याण आयुर्वेद- आमतौर पर महिलाओं का मासिक धर्म 28 दिनों का होता है. लेकिन कुछ महिलाओं का अलग ही हो सकता है. जब मासिक धर्म को आने में 35 दिनों से ज्यादा देरी हो गई है तो इसका मतलब है कि आपका मासिक धर्म अनियमित है महिलाओं को मासिक धर्म का आना यह एक मासिक चक्र का हिस्सा है. आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म उम्र के 10 साल से लेकर 16 साल की उम्र तक शुरू हो जाते हैं और जब महिला 45 से 50 वर्ष की हो जाती है. तब उनके मासिक धर्म आना बंद हो जाता है. जिसे मेनोपॉज कहा जाता है शरीर में असंतुलन बनने के कारण या हार्मोन में बदलाव के कारण अनियमित मासिक धर्म की समस्या शुरू हो जाती है.
महिलाएं अनियमित मासिक धर्म को न करें नजरअंदाज हो सकता है इन गंभीर बीमारियों का कारण
हालांकि यदि साल में एक दो बार और नियमित मासिक धर्म हो तो इसका इलाज कराने की जरूरत नहीं है. लेकिन यह समस्या यदि आपको बार-बार हो रही है तो आपको अनियमित मासिक धर्म का कारण जानना और इलाज कराना जरूरी हो जाता है.
अनियमित मासिक धर्म के लक्षण-
* महिलाओं की मासिक धर्म साइकिल 28 से 35 दिनों तक की हो सकती है यह महिलाओं के शरीर पर निर्भर करता है ज्यादातर महिलाओं के 11 से 13 बार मासिक धर्म हर साल आते हैं और ब्लीडिंग 5 से 7 दिनों तक रहती है.
* जब लड़की के मासिक धर्म आना शुरू हो जाते हैं तब शुरुआती 2 साल तक उस में अनियमितता होती है लेकिन जैसे-जैसे लड़की बड़ी होती जाती है वैसे-वैसे लड़कियों के मासिक धर्म नियमित आना शुरू हो जाते हैं और हर मासिक धर्म के आने का समय लगभग एक जैसा हो जाता है.
* कुछ महिलाओं का मासिक धर्म का आने का समय आगे पीछे होता रहता है अगर यह समस्या बार-बार हो रही है तो इसे अनियमित मासिक धर्म कहा जाता है.
* मासिक धर्म साइकिल का 35 दिनों से अधिक देर से आना यह अनियमित मासिक धर्म का प्रमुख लक्षण है.
* मासिक धर्म आने के बाद रक्तस्राव में 2.5 सेंटीमीटर से बड़ी गांठ नजर आ रही है तो यह अनियमित मासिक धर्म का लक्षण माना जाता है.
अनियमित मासिक धर्म होने के कारण-
वैसे देखा जाए तो और नियमित मासिक धर्म होने के कई कारण हो सकते हैं यह ज्यादातर हार्मोन के निर्माण के समय पर निर्भर करता है.
* एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बदलाव से मासिक धर्म में अनियमितता आती है.
* अगर शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन ठीक से बन रहे हैं तो इससे मासिक धर्म आने में देरी नहीं होती है यानी मासिक धर्म समय पर आते हैं.
* हार्मोन बदलाव के कारण मीनोपॉज प्रेगनेंसी बच्चे को जन्म देना बच्चे को दूध पिलाने के कारण महिलाओं का मासिक चक्र बदल सकता है.
* जब लड़की को मासिक धर्म आना शुरू होते हैं. उस समय पर अनियमित मासिक धर्म होना सामान्य बात है. क्योंकि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संतुलन बनाए रखने के लिए एक दो साल लगते हैं और यह आपके मासिक धर्म को नियमित रखने के लिए आवश्यक होता है.
* महिलाओं के मासिक धर्म बंद होने से पहले 1 से 2 साल उन्हें अनियमित मासिक धर्म की समस्या हो सकती है और जब मासिक धर्म आने में 12 महीने से ज्यादा समय हो जाता है. तब उसे मीनोपॉज कहा जाता है मेनोपॉज होने के बाद महिलाओं को कभी मासिक धर्म नहीं आते हैं.
* गर्भावस्था में महिलाओं के मासिक धर्म रुक जाते हैं क्योंकि उनके गर्भाशय में अंडे का फर्टिलिटी होना रुक जाता है और ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के बाद बच्चे को दूध पिलाने के समय में मासिक धर्म नहीं आते हैं.
* जब महिला गर्भ निरोधक गोली का सेवन करती है तब उसे बार-बार ब्लडिंग की समस्या हो सकती है और यह ब्लीडिंग कम मात्रा में होती है. लेकिन इसी कांट्रेसेप्टिव पिल के कारण उन्हें अनियमित मासिक धर्म का सामना करना पड़ सकता है.
अनियमित मासिक धर्म होने की अन्य कारण-
* अचानक से वजन का कम होना.
* अचानक से वजन का अधिक होना.
* किसी चीज के बारे में अधिक सोचना हमेशा तनाव में रहना.
* खान-पान का ध्यान ना देना.
* ज्यादा एक्सरसाइज या रनिंग करने के कारण भी मासिक धर्म अनियमित हो सकते हैं.
अनियमित मासिक धर्म के कारण क्या समस्या हो सकती है?
* महिलाओं में मासिक धर्म का नियमित न आना उनके स्वास्थ्य के खराबी को दर्शाता है. कई बार इससे बच्चा पैदा करने में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है. महिलाओं के गर्भाशय में अनियमित मासिक धर्म के कारण खून की गठिया बन जाती है. इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी कहा जाता है. इसके कारण महिला के शरीर से अंडे बाहर नहीं निकल पाते हैं. इसी कारण उनके शरीर पर अचानक से बदलाव आना शुरू हो जाते हैं जैसे कि मोटापा, चेहरे पर पिंपल्स और शरीर पर अधिक बाल आना जैसे बदलाव दिखाई देने लगते हैं.
* जिन महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होता है. उन महिलाओं में पुरुष सेक्स हार्मोन ज्यादा पाए जाते हैं और एंड्रोजन और टेस्टोस्टेरोन की समस्या होने लगती है.
थायराइड की वजह से-
अनियमित मासिक धर्म का मुख्य कारण थायराइड है क्योंकि थायराइड में आई सूजन की वजह से मेटाबोलिज्म पर बुरा असर पड़ता है और यह मासिक धर्म को आने में देरी कर सकता है.
गर्भाशय कैंसर-
कुछ महिलाओं को गर्भाशय में कैंसर होने की वजह से मासिक धर्म में खून अधिक निकलता है या फिर शारीरिक संबंध बनाते समय अधिक मात्रा में खून निकलता है. इससे भी मासिक धर्म को आने में देरी हो सकती है.
ओवरी की कोशिकाओं का बाहर निकलना-
महिलाओं के यूट्रस में कोशिकाएं होती है और जब यह कोशिकाएं यूट्रस के बाहर बढ़ने लगती है. तब इसके कारण मासिक धर्म साइकिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसे एंडोमेट्रियोसिस कहते हैं यूट्रस के बाहरी बढ़ने वाले कोशिकाओं की वजह से मासिक धर्म का ब्लड बाहर निकलने में दिक्कत आती है.
असामान्य गर्भाशय का रक्तस्राव होने के कारण-
महिला के प्राइवेट पार्ट से जो सामान्य रक्त स्राव होता है उसे मासिक धर्म कहा जाता है. लेकिन मासिक चक्र के दौरान अचानक से किसी भी समय महिला गुप्तांग से जब खून निकलता है तो उसे और सामान्य गर्भाशय रक्त स्राव कहा जाता है. यह भी मासिक धर्म को देरी से आने का कारण हो सकता है.
अनियमित मासिक धर्म के लिए कब लेनी चाहिए डॉक्टर से सलाह?
* 15 साल के उम्र होने के बाद भी यदि सही समय पर मासिक धर्म नहीं आ रहे हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
* यदि मासिक धर्म चक्र को 90 दिनों से अधिक समय हो गया है तो आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए.
* मासिक धर्म के दौरान यदि 7 दिनों से अधिक रक्तस्राव हो रहा हो तो आपको डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

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