कल्याण आयुर्वेद- नियमित रूप से शारीरिक संबंध बनाने की बहुत से फायदे होते हैं. यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही हमारी इम्यून पावर को भी मजबूत बनाता है.
हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार जो महिलाएं नियमित रूप से शारीरिक संबंध एंजॉय करती हैं उन्हें मेनोपॉज अन्य की तुलना में देर से होता है. इस नई परिसर में 2936 महिलाओं पर अध्ययन किया गया. इनमें से यह देखा गया कि जो महिलाएं सप्ताह में एक बार शारीरिक संबंध बनाती है. उन्हें अन्य महिलाओं की तुलना में 28% तक मेनोपॉज चल जाता है.
इस विषय पर स्टडी करने वाली एक वैज्ञानिक मेगन अर्नस्ट ने बताया है कि हमने देखा है कि शादीशुदा और किसी रिलेशन में न रह रही महिलाओं की मीनोपॉज साइकिल में अंतर होता है. शादीशुदा या जो महिलाएं नियमित रूप से सेक्सुअल इंटर कोर्स करती है उनमें मेनोपॉज सिंगल महिलाओं की तुलना में देर से होता है. इसे पहले किसी ने सेक्स और मेनोपॉज के बीच रिलेशन देखने की शायद कोशिश नहीं की थी. अभी हम इस बारे में और टेस्ट कर रहे हैं.
मेनोपॉज क्या होता है?
महिलाओं में मासिक धर्म का होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो 12 से 14 साल की उम्र से शुरू होकर 45 से 50 वर्ष की उम्र तक होता है. लेकिन आखिरकार उन्हें मासिक धर्म का आना बंद हो जाता है और फिर कभी लौट कर नहीं आता है यह समय अक्सर रीप्रोडक्टिव उम्र का अंत माना जाता है. इसकी शुरुआत होती है 12 महीने तक मासिक धर्म न आने से. इस एक साल के समय को प्रीमेनोपॉज कहा जाता है. इस दौरान महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म होते हैं, पेट दर्द, मासिक धर्म की अनियमितता इस दौरान देखी जाती है.
इसका कारण है दो हार्मोन्स एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल में हुआ बदलाव. इस समय आपका शरीर खुद को मेनोपॉज के लिए तैयार करता है. दोनों हार्मोन्स की प्रोडक्शन के मुख्य हार्मोन माने जाते हैं. प्रीमेनोपॉज के दौरान महिलाओं को बहुत सी मुश्किलो और अजीब समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसी ही एक स्थिति आती है कि प्राकृतिक रूप से मासिक धर्म हमें अलविदा कहने की तैयारी कर रहे होते हैं. इस दौरान महिलाओं को यह समस्याएं हो सकती है.
Hot flashes यानी अधिक गर्मी महसूस होना-
वैजाइना में सूखापन-
सेक्स की इच्छा में कमी आना या सेक्स का इच्छा ना होना.
अनिद्रा यानी नींद नहीं आने की समस्या.
Mood swings मूड का अच्छा नहीं रहना, चिड़चिड़ापन महसूस होना.
शारीरिक संबंध कैसे मेनोपॉज को आगे बढ़ा सकता है?
फिलहाल की स्टडी में अभी इसकी डिटेल जानकारी नहीं है. लेकिन अर्नोट का कहना है प्रीमेनोपॉज के दौरान महिलाओं की शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा खत्म होने लगती है, यानी शारीरिक संबंध और रीप्रोडक्टिव हार्मोन्स का आपस में गहरा संबंध है. जब आप नियमित शारीरिक संबंध का इंजॉय कर रहे होते हैं. शरीर अपने रिप्रोडक्टिव अंगों और हार्मोन्स को एक्टिव रखता है. ऐसा ही अंग है ओवरिज जो हार्मोन्स का निर्माण करती है. जब महिलाएं एक लंबे समय से शारीरिक संबंध में इंवॉल्व नहीं होती ओवारिज की काम करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है. इसलिए हार्मोन्स बननेने बहुत कम हो जाते हैं और मेनोपॉज जल्दी हो जाता है.
महिलाओं के लिए मुश्किल समय है मेनोपॉज की स्थिति-
मेनोपॉज महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत चैलेंजिंग हो सकता है. इस दौरान उनकी मुश्किलें बहुत अधिक हो जाती है और घर परिवार नौकरी आदि की जिम्मेदारियों के बीच हार्मोनल बदलाव मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकते हैं.
ऐसे में आप कुछ घरेलू उपाय कर सकती हैं जो मूड स्विंग्स में राहत दिलाएगी.
एरोबिक एक्सरसाइ करने के साथ ही अपने खानपान में प्रोटीन, फल, सब्जियां, फाइबर से भरे अनाज को शामिल करें.
योग और मेडिटेशन आपके टस्ट्रेस को कम करने में आपकी मदद करेगा, कोई किताब जो आपको पसंद है पढ़ना आपको बेहतर महसूस कराएगा, किसी को टीवी सीरियल देखना पसंद होता है अपनी पसंद की टीवी सीरियल को देखकर आप मन को बहला सकते हैं जो आपकी स्ट्रेस को कम करने में मददगार होगा.
इस दौरान नींद ना आना एक असल समस्या है. इसके लिए बहुत से लोग दवाएं ही खाते हैं लेकिन कुछ छोटे बदलाव करके आप नींद को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं. अपने कमरे की लाइट सोने से आधे घंटे पहले बुता दे, सोने से ठीक पहले कॉफी या चाय नही पीना चाहिए, अपने फोन को खुद से दूर रखें और आंखों को बंद करके कुछ देर डीप रीडिंग करें. यह बेहतर नींद के लिए लाभदायक होगा.
बदलाव कोई भी हो वह मुश्किलें होता ही है. मेनोपॉज जैसे बड़े बदलाव से गुजर रही महिलाओं के लिए यह समय मुश्किल भरा होता है. आपके साथ और मदद से वह अपनी मुड स्विंग्स और दूसरी मुश्किलों का बेहतर सामना कर पाएंगे.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी बीमारी या समस्या के इलाज का हिस्सा नहीं है. अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह लें.
यह जानकारी अच्छी लगे तो लाइक, शेयर करें. धन्यवाद.
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नियमित शारीरिक संबंध बनाने से टल सकता है मेनोपॉज, ये है कारण |
इस विषय पर स्टडी करने वाली एक वैज्ञानिक मेगन अर्नस्ट ने बताया है कि हमने देखा है कि शादीशुदा और किसी रिलेशन में न रह रही महिलाओं की मीनोपॉज साइकिल में अंतर होता है. शादीशुदा या जो महिलाएं नियमित रूप से सेक्सुअल इंटर कोर्स करती है उनमें मेनोपॉज सिंगल महिलाओं की तुलना में देर से होता है. इसे पहले किसी ने सेक्स और मेनोपॉज के बीच रिलेशन देखने की शायद कोशिश नहीं की थी. अभी हम इस बारे में और टेस्ट कर रहे हैं.
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नियमित शारीरिक संबंध बनाने से टल सकता है मेनोपॉज, ये है कारण |
महिलाओं में मासिक धर्म का होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो 12 से 14 साल की उम्र से शुरू होकर 45 से 50 वर्ष की उम्र तक होता है. लेकिन आखिरकार उन्हें मासिक धर्म का आना बंद हो जाता है और फिर कभी लौट कर नहीं आता है यह समय अक्सर रीप्रोडक्टिव उम्र का अंत माना जाता है. इसकी शुरुआत होती है 12 महीने तक मासिक धर्म न आने से. इस एक साल के समय को प्रीमेनोपॉज कहा जाता है. इस दौरान महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म होते हैं, पेट दर्द, मासिक धर्म की अनियमितता इस दौरान देखी जाती है.
इसका कारण है दो हार्मोन्स एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल में हुआ बदलाव. इस समय आपका शरीर खुद को मेनोपॉज के लिए तैयार करता है. दोनों हार्मोन्स की प्रोडक्शन के मुख्य हार्मोन माने जाते हैं. प्रीमेनोपॉज के दौरान महिलाओं को बहुत सी मुश्किलो और अजीब समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसी ही एक स्थिति आती है कि प्राकृतिक रूप से मासिक धर्म हमें अलविदा कहने की तैयारी कर रहे होते हैं. इस दौरान महिलाओं को यह समस्याएं हो सकती है.
Hot flashes यानी अधिक गर्मी महसूस होना-
वैजाइना में सूखापन-
सेक्स की इच्छा में कमी आना या सेक्स का इच्छा ना होना.
अनिद्रा यानी नींद नहीं आने की समस्या.
Mood swings मूड का अच्छा नहीं रहना, चिड़चिड़ापन महसूस होना.
शारीरिक संबंध कैसे मेनोपॉज को आगे बढ़ा सकता है?
फिलहाल की स्टडी में अभी इसकी डिटेल जानकारी नहीं है. लेकिन अर्नोट का कहना है प्रीमेनोपॉज के दौरान महिलाओं की शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा खत्म होने लगती है, यानी शारीरिक संबंध और रीप्रोडक्टिव हार्मोन्स का आपस में गहरा संबंध है. जब आप नियमित शारीरिक संबंध का इंजॉय कर रहे होते हैं. शरीर अपने रिप्रोडक्टिव अंगों और हार्मोन्स को एक्टिव रखता है. ऐसा ही अंग है ओवरिज जो हार्मोन्स का निर्माण करती है. जब महिलाएं एक लंबे समय से शारीरिक संबंध में इंवॉल्व नहीं होती ओवारिज की काम करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है. इसलिए हार्मोन्स बननेने बहुत कम हो जाते हैं और मेनोपॉज जल्दी हो जाता है.
महिलाओं के लिए मुश्किल समय है मेनोपॉज की स्थिति-
मेनोपॉज महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत चैलेंजिंग हो सकता है. इस दौरान उनकी मुश्किलें बहुत अधिक हो जाती है और घर परिवार नौकरी आदि की जिम्मेदारियों के बीच हार्मोनल बदलाव मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकते हैं.
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नियमित शारीरिक संबंध बनाने से टल सकता है मेनोपॉज, ये है कारण |
एरोबिक एक्सरसाइ करने के साथ ही अपने खानपान में प्रोटीन, फल, सब्जियां, फाइबर से भरे अनाज को शामिल करें.
योग और मेडिटेशन आपके टस्ट्रेस को कम करने में आपकी मदद करेगा, कोई किताब जो आपको पसंद है पढ़ना आपको बेहतर महसूस कराएगा, किसी को टीवी सीरियल देखना पसंद होता है अपनी पसंद की टीवी सीरियल को देखकर आप मन को बहला सकते हैं जो आपकी स्ट्रेस को कम करने में मददगार होगा.
इस दौरान नींद ना आना एक असल समस्या है. इसके लिए बहुत से लोग दवाएं ही खाते हैं लेकिन कुछ छोटे बदलाव करके आप नींद को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं. अपने कमरे की लाइट सोने से आधे घंटे पहले बुता दे, सोने से ठीक पहले कॉफी या चाय नही पीना चाहिए, अपने फोन को खुद से दूर रखें और आंखों को बंद करके कुछ देर डीप रीडिंग करें. यह बेहतर नींद के लिए लाभदायक होगा.
बदलाव कोई भी हो वह मुश्किलें होता ही है. मेनोपॉज जैसे बड़े बदलाव से गुजर रही महिलाओं के लिए यह समय मुश्किल भरा होता है. आपके साथ और मदद से वह अपनी मुड स्विंग्स और दूसरी मुश्किलों का बेहतर सामना कर पाएंगे.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी बीमारी या समस्या के इलाज का हिस्सा नहीं है. अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह लें.
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