कल्याण आयुर्वेद- चकवड़ जिसे अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जैसे चकवड़, पवार, पमार, कराटी, चक्रमर्द, पवाड एवं चकुंदा इत्यादि.
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चकवड़ ( पमार ) के फायदे जानकर नहीं करेंगे यकीन, कई जटिल बीमारियों का है रामबाण दवा |
भारत के उष्ण प्रदेशों में ज्यादातर चकवड़ के पौधे वर्षा ऋतु आने पर अपने आप ही उगते हैं. इसका पौधा 5 फीट तक लंबा हो सकता है. अधिकतर लोग इसे खरपतवार के रूप में देखते हैं. लेकिन यह एक औषधीय पौधा है जिसका इस्तेमाल त्वचा विकार, रक्त विकार एवं बिष विकार में किया जाता है.
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चकवड़ ( पमार ) के फायदे जानकर नहीं करेंगे यकीन, कई जटिल बीमारियों का है रामबाण दवा |
अक्सर वर्षा ऋतु में दाद, खाज, खुजली जैसी समस्या होना आम हो जाता है. इन सभी त्वचा विकारों में चकवड़ के इस्तेमाल चमत्कारी लाभ देते हैं. आपको बता दें कि इसकी पत्तियां मेथी के पत्तों की तरह होती है अगर इन पत्तों को मसल कर सुंधा जाए तो एक प्रकार की दुर्गंध आती है. इस पर फलियाँ भी लगती है जो पतली एवं लंबी होती है. फलियों में 15 से 20 बीज निकलते हैं. चकवड़ के सभी अंगों यानी पत्ते, जड़, तना, फूल, फल का इस्तेमाल औषधि रूप में किया जाता है.
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चकवड़ ( पमार ) के फायदे जानकर नहीं करेंगे यकीन, कई जटिल बीमारियों का है रामबाण दवा |
चकवड़ के घरेलू प्रयोग एवं फायदे-
1 .अगर आपको खुजली की परेशानी है तो चकवड़ के बीज ले लीजिए. इसके साथ तिल एवं सरसो को मिलाकर पीस लें और उबटन बना लें. अब इसे गर्म जल में मिलाकर स्नान करें. खुजली की समस्या से राहत मिलेगी.
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चकवड़ ( पमार ) के फायदे जानकर नहीं करेंगे यकीन, कई जटिल बीमारियों का है रामबाण दवा |
2 .श्वास एवं कास रोग में चकवड़ के बीजों का चूर्ण बना लें एवं इसे 2 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सेवन करें श्वास एवं कास रोग में बहुत जल्द लाभ मिलेगा.
3 .शरीर में कहीं भी दाद की समस्या हो तो चकवड़ के बीजों के साथ थोड़ी सी हल्दी एवं आंवले को मिलाकर पीस लें. अब इसे सरसों के तेल में मिलाकर इसका कल्क दाद पर लगावे दो तीन बार लगाने से ही दाद ठीक हो जाता है. या चकवड़ के बीजों को पीसकर इसमें नींबू मिलाकर लगाने से भी दाद की समस्या दूर हो जाती है.
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4 .शीतपित्त की समस्या में चकवड़ के पत्तों को तोड़कर छांव में सुखा लें. अच्छे से सूखने के बाद इसे पीसकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को घी के साथ सेवन करने से पीत की विकृति जल्द ही ठीक हो जाती है.
5 .रक्त विकृति में इसके बीजों को भूनकर क्वाथ बना लें. इस क्वाथ के सेवन करने से शरीर में स्थित खून साफ होता है एवं रक्त की विकृति के कारण खराब हुई त्वचा पर निखार आ जाता है.
6 .शरीर में कहीं भी फोड़ा, फुंसी हो जाए तो चकवड़ की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को फोड़े पर बांध दें. कुछ ही दिनों के प्रयोग से फ़ोड़ा नष्ट हो जाता है.
7 .महिलाओं में कमर दर्द का होना आम समस्या है. इस समस्या से छुटकारा दिलाने में चकवड़ किसी रामबाण से कम नहीं है. इसके लिए चकवड़ के बीजों को भूनकर पीसकर चूर्ण बना लें और 1 से 2 ग्राम की मात्रा में घी एवं गुड़ के साथ सेवन करें, लाभ होगा.
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चकवड़ ( पमार ) के फायदे जानकर नहीं करेंगे यकीन, कई जटिल बीमारियों का है रामबाण दवा |
8 .पेट के विकार जैसे कब्ज एवं पेट के कीड़ों में इसके पत्तों को तोड़कर इसका काढ़ा तैयार कर लें. इस काढ़े के सेवन से कब्ज एवं पेट में पनप रहे कीड़े मर जाते हैं.
9 .ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बहुत से लोग चकवड़ के पत्तों को साग बना कर खाते हैं और इसे अत्यंत गुणकारी मानते हैं.
10 .प्रेमेह में भी इसके जड़ का क्वाथ बनाकर पीना फायदेमंद होता है.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है, इसका सेवन करना किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं है, फिर भी प्रयोग से पहले आप किसी योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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