कल्याण आयुर्वेद- पुरुष में उत्तेजना व स्वखलन के दौरान मूत्र मार्ग से निकलने वाले तरल द्रव्य को वीर्य कहा जाता है. यह प्रोस्टेट ग्रंथि और अन्य पुरुष प्रजनन अंगों से शुक्राणु और तरल पदार्थ ग्रहण करके बनता है. आमतौर पर वीर्य गाढ़ा एवं सफेद होता है. हालांकि कई स्थितियों में इसके रंग और गुणवत्ता में बदलाव हो सकता है. वीर्य पतला कम शुक्राणुओं की ओर संकेत करता है. जिससे आपकी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है.
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जानिए- वीर्य क्या है? कैसे बनता है? स्वस्थ एवं गाढ़ा बनाने के उपाय |
हालांकि यदि वीर्य पतला हो गया है तो इस स्थिति में परेशान होने की जरूरत नहीं है. वीर्य के बारे में आप की उत्सुकता के कारण ही आज हम इस पोस्ट के माध्यम से वीर्य के बारे में बताने जा रहे हैं इस पोस्ट में आज हम आपको वीर्य क्या है? कैसे बनता है? वीर्य के पतलापन के कारण एवं वीर्य को बढ़ाने के उपाय और इसे गाढ़ा करने के घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे.
मिर्च क्या है?
पुरुषों में यौन सम्बन्ध से अंतिम पड़ाव के समय लिंग से एक तरल पदार्थ निकलता है इस तरल पदार्थ को ही वीर्य का कहा जाता है. यह ग्रंथि से स्रावित होता है. इसमें शुक्राणु मौजूद होते हैं. शुक्राणु के अलावा इसमें अन्य फलों से शर्करा और प्रोटियोलिटीक एक तरह का एंजाइम्स जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है. मिले होते हैं इन सभी के मेल से वीर्य स्वस्थ होता है और प्रजनन क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
कैसे बनता है वीर्य ?
वीर्य पुटिका प्रोस्टेट ग्रंथि से वीर्य बनता है. वीर्य पुटिका के द्वारा 65- 70% वीर्य बन जाता है. जिसमें चिपचिपी फ्रुक्टोज का निर्माण होता है. इसके बाद इसमें सफेद रंग का तरल प्रोस्टेट ग्रंथि के द्वारा स्रावित होकर मिल जाता है. प्रोस्टेट ग्रंथि से निकलने वाले सफेद तरल में सिट्रिक एसिड लिपिड और फास्फेट मिला होता है. इससे ही वीर्य को संपूर्णता मिलती है.
इसके अलावा बल्ब्यौरेथ्रल ग्रंथि एक तरह का उत्पादन करती है यह योनि और गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद शुक्राणु कोशिकाओं की गतिशीलता में मदद करता है. वीर्य में इस तरह का स्राव मात्र 1% से भी कम होता है.
वीर्य में यह चीजें होती है मौजूद-
फ्रुक्टोज, झिंक, कोलेस्ट्रोल, प्रोटीन, कैल्शियम, क्लोरीन, रक्त समूह एंटीजन, सिट्रिक एसिड, डीएनए, मैग्निशियम, विटामिन b12, फास्फोरस, सोडियम, पोटेशयम, यूरिक अम्ल, लैक्टिक एसिड, नाइट्रोजन, स्कोरबिक एसिड अन्य पोषक तत्व.
वीर्य पतला होने के कारण-
आज के समय में वीर्य का पतलापन आम समस्या हो गया है जो लोगों को परेशान कर रही है. इस समस्या का निम्न कारण है.
शुक्राणु की संख्या में कमी-
शुक्राणु की संख्या में कमी वीर्य के पतलापन होने का सामान्य कारण होता है. इसको अल्प शुक्राणुता भी कहा जाता है. वीर्य में शुक्राणुओं की एक सामान्य संख्या पाई जाती है. बताया जाता है कि 1 मिलीलीटर वीर्य में करीब 15 करोड़ शुक्राणु होते हैं. इससे कम होने पर वीर्य में शुक्राणुओं की कमी माना जाता है. अल्प शुक्राणुता होने के निम्न कारण होते हैं.
वैरीकोसेले-
इस रोग में अंडकोष व अंडकोष के थैली की नसों में सूजन आ जाती है. इससे पुरुष की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. इस समस्या को इलाज से ठीक किया जा सकता है.
संक्रमण-
उदाहरण के लिए यौन संचारित रोग, एसटीडी जैसे गोनोरिया या कोई अन्य संक्रमण भी प्रजनन अंगों में सूजन होने का कारण हो जाते हैं. इससे भी अंडकोष में सूजन आ जाती है.
ट्यूमर-
अंडकोष में मैलीग्रेंट व बिनाइन ट्यूमर होने से शुक्राणुओं के बनने की क्षमता प्रभावित होती है.
हार्मोन असंतुलित होना-
अंडकोष व पिट्यूटरी ग्रंथि के द्वारा बनने वाले हार्मोन का संतुलन होना, इससे शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ जाती है.
इसके अलावा प्रतिरक्षा तंत्र के द्वारा शुक्राणुओं की कमी वाले एंटीबॉडी बनना.
शुक्राणु को वीर्य तक लाने वाली नालियों में चोट आना या कोई अन्य समस्या होना.
अनियमित स्वखलन करना-
यदि आप अनियमित स्वखलन करते हैं तो वीर्य का पतला होना आम हो जाता है. अगर आप दिन में कई बार हस्तमैथुन या सेक्स करते हैं तो वीर्य की गुणवता पहली बार स्वखलन के बाद पतली होने लगती है. आपके शरीर को दोबारा से वीर्य बनाने के लिए कुछ घंटों का समय चाहिए होता है, एक निश्चित समय अंतराल के बाद दोबारा स्वस्थ वीर्य बनता है.
जिंक की कमी-
वीर्य के पतलापन होने के कारण जिंक की कमी को भी शामिल किया जाता है, एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि पुरुषों में जिंक की एक निश्चित मात्रा होती है. अगर पुरुषों में जिंक निश्चित मात्रा से कम होता है तो शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ जाती है. शुक्राणु की कमी के लिए जिम्मेदार एंटीबॉडी को कम करने के लिए जिंक सल्फेट का सेवन करना चाहिए.
शीघ्रपतन-
अगर आपका वीर्य पतला हो गया है तो इसके पीछे शीघ्रपतन भी एक कारण हो सकता है. कई बार फोरप्ले के दौरान वीर्य निकल जाता है. इस वीर्य में शुक्राणु मौजूद होते हैं इसके कारण भी वीर्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है.
वीर्य को गाढ़ा करने के उपाय-
व्यायाम करें- कई अध्ययन में इस बात का पता चला है कि वजन को कम करने वाले व्यायाम से आपके शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा अध्ययन यह भी कहते हैं कि 1 सप्ताह में कम से कम 15 घंटों की एक्सरसाइज करने से न सिर्फ मांस पेशियों को लाभ होता है बल्कि वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है.
तनाव- किसी भी तरह का तनाव होने से शरीर के अंगों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. तनाव के कारण मांसपेशियों में थकान होती है. साथ ही साथ ऊर्जा का स्तर भी कम हो जाता है. तनाव ग्रस्त व्यक्ति सुस्ती व थकान के कारण प्रजनन क्षमता की ओर ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसके लिए आपको तनाव होने के कारणों को पहचानना होगा. साथ ही उन खाद पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना होगा जो तनावमुक्त रखने में मददगार होते हैं. योग के माध्यम से भी आप तनाव को कम कर सकती हैं.
सूरजमुखी व कद्दू के बीज- वीर्य को गाढ़ा करने के लिए आप को नियमित रूप से सूरजमुखी व कद्दू के बीजों का सेवन करना चाहिए. आपको एक चौथाई कप सूरजमुखी व कद्दू के बीजों का नियमित रूप से सेवन करना होगा. 1 माह तक लगातार ऐसा करने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है और पुरुषों की प्रजनन क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है.
विटामिन डी और कैल्शियम का सेवन- रिसर्च में बताया गया है कि विटामिन डी और कैल्शियम की मदद से वीर्य के पतलेपन की समस्या को दूर किया जा सकता है. वहीं इस विषय पर हुए कई अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है कि विटामिन डी व कैल्शियम से आप इसकी गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं, जबकि आहार में विटामिन डी के स्रोतों का सेवन करने से आपको इसकी कमी महसूस हो सकती है और शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है.
एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ- एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ हमारे शरीर को कई तरह से स्वस्थ रखते हैं. इनके सेवन से कोशिकाओं को हानि पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स नष्ट हो जाते हैं. कई तरह के विटामिन और खनिज एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं. वहीं कई अन्य अध्ययन में यह पता चला है कि एंटी ऑक्सीडेंट से वीर्य संबंधित समस्याएं कम होती है और शुक्राणुओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होती है.
स्वस्थ वसा का करें सेवन- पॉलीअनसैचुरेटेड वसा को स्वस्थ वसा कहा जाता है वसा के दो प्रकार होती हैं. एक को मानव शरीर के लिए अच्छा बताया जाता है जबकि दूसरे को खराब पॉलीअनसैचुरेटेड वसा का स्वरूप माना जाता है. इससे शरीर को किसी तरह की कोई हानि नहीं होती है. ओमेगा-3 और omega-6 स्पर्म को बनाने के लिए मददगार होती है. अलसी के बीज, अखरोट, बेरी, राई का तेल और इसमें ओमेगा-3 के गुण पाए जाते हैं. जबकि ओमेगा-6 इसके लिए आपको मूंगफली, जैतून का तेल और तिल के बीज आदि का सेवन करना चाहिए.
वीर्य को गाढ़ा बनाने वाले खाद्य पदार्थ- कुछ खाद पदार्थों को नियमित सेवन कर आप वीर्य को गाढ़ा बना सकते हैं. इसमें दही, बादाम, लहसुन, अनार, राजमा, ग्रीन टी, केला, नींबू, साबुत अनाज और दालें डार्क चॉकलेट दूध वाले पदार्थ और हल्दी आदि शामिल कर सकते हैं.
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