रूमेटाइड अर्थराइटिस ( गठिया ) के मरीजों को बदलते मौसम में रखना चाहिए इन बातों का ध्यान, नहीं बढ़ेगा सूजन और दर्द

कल्याण आयुर्वेद- अर्थराइटिस के बारे में आप जरूर जानते होंगे. अर्थराइटिस को गठिया भी कहा जाता है. यह एक ऐसा रोग है जिसके कारण शरीर के जोड़ों में सूजन आ जाती है. इतना ही नहीं इससे शरीर के तंत्र, त्वचा, आंखें, दिल आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है. यह रोग जो एक बार शरीर में लग जाए तो जीवन भर साथ नहीं छोड़ती है. इस बीमारी का इलाज लंबे समय तक चलने के बाद छुटकारा मिलने की गुंजाइश होती है.

रूमेटाइड अर्थराइटिस ( गठिया ) के मरीजों को बदलते मौसम में रखना चाहिए इन बातों का ध्यान, नहीं बढ़ेगा सूजन और दर्द

क्या होता है रुमेटाइड अर्थराइटिस ?

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक क्रॉनिक ऑटोइम्यून इन्फ्लेमेशन होती है जो शरीर के जोड़ों को प्रभावित करती है. जिससे जोड़ों के आसपास की झिल्ली कमजोर होने लगती है और जोड़ों में सूजन आने लगता है. कई बार ऐसा भी होता है कि इस स्थिति में जोड़ों के कार्टिलेज भी खत्म हो जाते हैं जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती है. इस स्थिति को ही कार्टिलेज अर्थराइटिस करते हैं. ज्यादातर यह परेशानी 40 से 60 साल की उम्र के लोगों में होती है. यह एक घातक बीमारी है जो शुरू में तो बहुत ही सामान्य लगता है लेकिन समय बीतने के साथ-साथ कलाई, कोहनी और कंधों तक पहुचने लगता है. उठना- बैठना मुश्किल कर देता है.

रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण-

रूमेटाइड अर्थराइटिस की यह कारण हो सकते हैं जैसे-

* जिन महिलाओं को धूम्रपान करने की आदत होती है उन महिलाओं को यह समस्या हो सकती है. साथ ही यह महिलाएं जिन बच्चों को जन्म देती है उस बच्चे को भी रुमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा अधिक रहता है.

* कभी कभार ऐसा होता है कि बीमारी के कारण व्यक्ति की सीनियर झिल्ली में सूजन आ जाती है. जिसकी वजह से उसमे जलन होने लगता है और एंजाइम निकलने लगता है इसके कारण भी यह रोग हो जाता है.

* उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं और पुरुषों दोनों को यह समस्या हो सकती है.

* मोटापे के कारण भी व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हो सकता है. अक्सर रूमेटाइड अर्थराइटिस किसी ऐसी महिला व पुरुष को होता है जिनका वजन अधिक हो. इस रोग के कारण वजन तेजी से गिरने लगता है.

* जब किसी व्यक्ति का शरीर ठीक ढंग से काम नहीं करता है तो इस स्थिति में सफेद रक्त कोशिकाएं जीवाणु और विषाणु का शिकार कर लेती है जिसकी वजह से शरीर में कई तरह के रोग लग जाते हैं.

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रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण-

* रूमेटाइड अर्थराइटिस होने पर तेज बुखार और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है.

* लगातार थकान महसूस होना, शरीर में कमजोरी और भूख ना लगना रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण हो सकते हैं.

* कई लोगों को रूमेटाइड अर्थराइटिस होने पर हाथ, पैरों में अकड़न और जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्याएं हो जाती है.

* आंखों में ड्राइनेस, सीने में दर्द होना, एनर्जी की कमी, अधिक पसीना आना, अचानक वजन कम होना अर्थराइटिस के लक्षण होते हैं.

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रूमेटाइड अर्थराइटिस राहत पाने के घरेलू उपाय-

1 .रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जा सकता है. नियमित रूप से बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करने से 2 सप्ताह रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या से आराम मिल सकता है. इसका सेवन करने के लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पीना चाहिए.

2 .त्रिफला चूर्ण अर्थराइटिस में सेवन करना लाभदायक होता है. यह 3 फलों के मिश्रण से बना है और इसके सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती है और अगर आप का पाचन तंत्र मजबूत है तो कोई समस्या प्रभावित नहीं कर सकती है.

3 .हल्दी अर्थराइटिस के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है. ऐसे में हल्दी सरसों के तेल में अच्छे से जलाकर प्रभावित स्थान पर लगाकर सूती कपड़े से बांध लें. ऐसा करने से आपको दर्द में काफी राहत मिलेगा. इतना ही नहीं हल्दी को आप दूध के साथ सेवन कर सकते हैं यानि हल्दी वाला दूध पीना रूमेटाइड अर्थराइटिस वालों के लिए फायदेमंद होता है.

रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीज मौसम बदलते समय इन बातों का रखें ध्यान-

* रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रसित लोगों को बदलते मौसम में नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. भले ही आपको अभी मौसम में ठंडक महसूस ना हो रही हो. लेकिन यह आपके शरीर को प्रभावित कर सकती है. इसलिए नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें.

* फ्रिज की चीजों से या अन्य ठंडी चीजों से परहेज रखें.

* अपने शरीर को ढककर रखें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, रात को सोते समय कोशिश करें की चादर ओढ़ कर सोयें.

* शरीर को गर्म रखने की कोशिश करें, आप चाहे तो दिन भर हल्का गुनगुना पानी पी सकते हैं.

* नियमित रूप से कम से कम 10 से 15 मिनट धूप में जरूर बैठे.

* यदि आप रुमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रसित है तो आपको पंखे के नीचे ज्यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए और ना ही रात को पंखा चलाकर सोना चाहिए, कूलर और एसी से तो बिल्कुल दूर रहना चाहिए.

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