कल्याण आयुर्वेद- गंजा होना कोई नहीं चाहता है लेकिन आयुर्वेद के अनुसार वात और पित्त कुपित होकर रोम कुपो में जाते हैं तो बाल झड़ने लग जाते हैं और धीरे-धीरे एक समय ऐसा आता है कि सिर गंजा हो जाता है या एक प्रकार का सूक्ष्म जीवाणु होता है जिसे बालचर कहते हैं. यह सिर के रोम कुपो और दाढ़ी, मूछ या भौंहों में या शरीर में ही उगता है तो वहां से बाल एकदम झड़ जाते हैं और वह भाग एक त्वचा के समान हो जाती है.
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गंजे सिर पर फिर से आएंगे बाल, इस्तेमाल करें ये आयुर्वेदिक नुस्खे |
यह बालचर धीरे-धीरे पूरे सिर के बाल, दाढ़ी के बाल, मूंछ के बाल या शरीर के अन्य हिस्से के बाल जहां- जहां यह जीवाणु लगता है उस जगह पर फिर बाल नहीं उगते हैं.
बाल उगाने के आयुर्वेदिक नुस्खे-
1 .10 अंडों को लेकर पीले भाग को किसी बर्तन में निकाल लें. अब आंच पर रखकर चलाते रहें, थोड़े ही समय में बर्तन में तेल निकल आएगा. उस तेल को छानकर जिस हिस्से से बाल झड़ रहा है वहां लगावें. कुछ दिन इसके इस्तेमाल से नए बाल उग आते हैं.
2 .हाथी दांत की भस्म और रसांजन को बकरी के दूध में मिलाकर लेप करने से भी धीरे-धीरे बाल उगने लगते हैं और गंजापन दूर हो जाता है.
3 .माजूफल का चूर्ण पानी में मिलाकर लेप करने से भी बाल उगने लगता है.
4 .एलुआ 1 ग्राम को 10 ग्राम दही में मिलाकर तांबे के पात्र में 8- 10 घंटे रखकर छोड़ दें. इसके बाद जहां बाल उगाना है वहां पर लेप करें और 3- 4 घंटे तक रहने दे. इसके बाद साफ पानी से धो लें. नियमित कुछ दिनों तक ऐसा करने से बाल उगने शुरू हो जाते हैं.
स्रोत- आयुर्वेद ज्ञान गंगा.
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