कुछ छोटी- मोटी गलत आदतें जो महिलाओं को बना देती है बीमार, जानें और सतर्क रहें

कल्याण आयुर्वेद- बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो अपने जीवन की स्त्री रोगों का सामना करती है. ज्यादातर महिलाएं शादी के बाद इस समस्या से परेशान रहती है. कुछ महिलाएं समझ नहीं पाती है वह हमेशा इस समस्या का सामना क्यों करती है?

कुछ छोटी- मोटी गलत आदतें जो महिलाओं को बना देती है बीमार, जानें और सतर्क रहें 

चलिए जानते हैं विस्तार से-

पुरुषों की तुलना में महिलाओं की शारीरिक स्थिति कमजोर होती है. मासिक धर्म की उपस्थिति के साथ मिलकर महिलाओं में हर महीने लगभग 1 सप्ताह प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम कमजोर होती है और कीटाणुओं का प्रतिरोध करने के लिए उनके शरीर की क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है. स्त्री रोग के लिए अवसर देती है. प्रकट होने के लिए रोग. हालांकि कमजोर काया का मतलब केवल है कि महिलाओं को स्त्री रोग संबंधित समस्याएं होने की संभावना है. क्या वास्तव में महिलाओं को होने वाली समस्या ज्यादातर महिलाओं की आदतों से निर्धारित होती है.

यदि प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है तो महिलाओं को कंडीशनिंग पर अधिक ध्यान देना चाहिए. जीवन में कई महिलाएं शारीरिक कंडीशनिंग पर ध्यान नहीं देती है बल्कि अपने शरीर को खराब करने के लिए विभिन्न बुरी आदतों का उपयोग करती हैं.

उदाहरण के लिए पुरुष खड़े होकर पेशाब करते हैं जबकि महिलाओं को पेशाब करने के लिए बैठना उनकी शारीरिक संरचना से निर्धारित होता है. स्क्वेट करना और पेशाब करना महिलाओं के स्वास्थ के लिए अधिक अनुकूल है लेकिन कुछ महिलाएं बड़े होने पर उत्तेजना का पीछा करना पसंद करती हैं. वे स्नान करते समय खड़े होकर पुरुषों की तरह पेशाब कर लेती हैं. हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कभी- कभार खड़े होकर पेशाब कर लेती है आखिरकार आप जब स्नान करते हैं तो पानी आपके मूत्र धो सकता है लेकिन खड़े होना और पेशाब करना आवश्यक नहीं है. यह अवशिष्ट है कि बैक्टीरिया और अवशिष्ट मूत्र के कारण प्रजनन करेंगे जो आपके स्वास्थ के लिए नुकसानदायक होगा.

यह हर महिला की सुंदरता से प्यार करने की प्रकृति है. लेकिन कुछ महिलाएं कम कपड़े पहनने और पेट और टखने को गर्म रखने के लिए उपेक्षा के साथ प्रेम सौन्दर्य की बराबरी करती हैं. एक महिला के शरीर के लिए ये दो हिस्से ठंढ के आसानी से आक्रमण किए गए होते हैं. लंबे समय तक कम तापमान के संपर्क में रहने से ठंड पूरे शरीर में रक्त के साथ फ़ैल जाती है जिससे क्युई अवरुद्ध हो जाएगा. गर्भाशय ठंड को पकड़ने और कुछ सूजन बिन बुलाए हो सकता है. अपने शरीर में जमा शीतलता को कम ना समझें. जब यह कुछ हद तक जमा हो जाता है तो महिलाओं को बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

मासिक धर्म के समय जब महिलाओं का शरीर प्रतिरोध सबसे कमजोर होता है. यदि सेनेटरी नैपकिन को लंबे समय तक नहीं बदला जाता है तो जमा मासिक धर्म का रक्त आसानी से ऑक्सीकरण होता है और एक मजबूत गंध का उत्सर्जन करता है. यह आदत मासिक धर्म के दौरान कई महिलाओं की बदबू का एक कारण बनता है. इसके अलावा सेनेटरी नैपकिन जो लंबे समय तक प्रतिस्थापित नहीं होते हैं बैक्टीरिया को जन्म देते हैं और स्त्री रोग संबंधी समस्याएं उत्पन्न करते हैं. जब सेनेटरी नैपकिन बदलने का वास्तव में समय नहीं है तो महिलाएं टेंपोन चुनने की इच्छा कर सकती हैं. इसे 4 से 8 घंटे में बदला जा सकता है.

अध्ययनों से पता चला है कि महिलाओं को रात की तुलना में दिन में बैक्टीरिया द्वारा संक्रमित होने के चांस 8 गुना अधिक होता है. यह दिन के दौरान विशेष भागों के तापमान और अधिक तापमान से संबंधित हो सकता है. कुछ महिलाएं लंबे समय तक काम करने पर अपने पैरों को झूलने की आदत विकसित करेंगे. उसके पैरों के बार- बार झूलने से विशेष भागों के तापमान और आर्द्रता में बढ़ोतरी होगी जो बैक्टीरिया को बेहतर की जगह देता है. ऐसी महिलाएं जो चड्ढी पहनना पसंद करती हैं. वे चड्ढी द्वारा प्रतिबंधित है. हवा की पारगम्यता बदतर है. पसीना वाष्पशील करना आसान नहीं है और यह बैक्टीरिया के संचय को तेज करता है. जो महिलाएं इन आदतों को बनाए रखते हैं उन्हें स्त्री रोग होने की संभावना ज्यादा होती है.

स्त्रियों को शादी के बाद होने वाली स्त्री रोग संबंधित समस्याएं महिलाओं द्वारा एकतरफा नहीं होने के कारण होती है. यह पुरुषों की स्वच्छता की कमी के कारण भी हो सकता है जैसे कि रात में अपने नितंबों को न धोना और अक्सर अपना अंडरवियर बदलना. जब पति और पत्नी एक साथ मिलते हैं तो उन्हें एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए और बैक्टीरिया के क्रॉस- फैलने की संभावना को कम करने के लिए एक दूसरे की देखभाल करनी चाहिए. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

यह देखने के लिए पर्याप्त है कि महिलाओं के स्त्री रोग संबंधी रोगों के अधिकांश कारण उनके स्वयं इस शरीर पर होते हैं. लेकिन यह शादी के बाद जोड़ों के साथ होने पर बैक्टेरियल - क्रॉस संक्रमण की संभावना को खारिज नहीं करता है. यदि आप इन बुरी आदतों से सक्रिय रूप से बच सकते हैं तो आप स्त्री रोगों से बच कर रह सकते हैं.

Post a Comment

0 Comments