कल्याण आयुर्वेद- आजकल की बदलती जीवन शैली में अनियमित खानपान, खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी, बढ़ते तनाव आदि के कारण ज्यादातर पुरुषों में शारीरिक कमजोरी का होना आम बात हो जाती है. जिसका प्रभाव उनके सेक्स पावर पर पड़ता है. जिसके कारण कई बार उन्हें पार्टनर के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है, ऐसे में कई लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए वियाग्रा जैसी सेक्स वर्धक दवाओं का सेवन करते हैं जो कई बार स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है.
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खोई हुई ताकत, जोश और जवानी दोबारा प्राप्त करने के लिए पुरुष 1 महीने तक करें इस चूर्ण का सेवन |
चलिए जानते हैं उस चूर्ण के बारे में और बनाने की विधि-
इस चूर्ण को बनाने के लिए आपको इन जड़ी बटियों की आवश्यकता होगी.
शतावरी 100 ग्राम,
गोखरू के बीज 100 ग्राम,
बीजबंद 100 ग्राम,
वंशलोचन 100 ग्राम,
कबाब चीनी 100 ग्राम,
चोपचीनी 100 ग्राम,
कौंच बीज 100 ग्राम,
सफेद मुसली 100 ग्राम,
काली मूसली 100 ग्राम,
सोंठ 100 ग्राम,
काली मिर्च 100 ग्राम,
पीपल 100 ग्राम,
सालम मिश्री 100 ग्राम,
अश्वगंधा 100 ग्राम,
विदारीकंद 100 ग्राम,
निशोथ 100 ग्राम.
सभी जड़ी- बूटियों को सुखाकर पीसकर पाउडर बनाकर किसी कांच की चौड़े मुंह वाले बोतल में सुरक्षित रख लें. आपका दवा तैयार हो गया. यह दवा आयुर्वेद में धातु पौष्टिक चूर्ण के नाम से मिलती है.
सेवन करने की विधि-
इस चूर्ण में से 5 से 10 ग्राम की मात्रा में सुबह खाली पेट और शाम को खाना खाने के बाद गुनगुने दूध के साथ सेवन कर सकते हैं.
नोट- यदि सभी चूर्ण में 20 ग्राम बंग भस्म मिला दिया जाए तो यह अति गुणकारी हो जाता है और 5 से 10 ग्राम की मात्रा में मिश्री मिले गर्म दूध के साथ सेवन करने से एक ही खुराक में असर दिखा देता है.
सेवन करने के फायदे-
शीघ्रपतन जिसे शीघ्र स्खलन भी कहते हैं. वास्तव में शारीरिक संबंध बनाते समय वीर्य का जल्दी निकल जाना शीघ्रपतन या शीघ्र स्खलन कहलाता है. हालांकि इसके इलाज के लिए आयुर्वेद में तो कई योग बताए गए हैं. लेकिन धातु पौष्टिक चूर्ण शीघ्रपतन या शीघ्र स्खलन का इलाज स्थाई रूप से कर सकने में समर्थ है. वैसे तो इस रोग का संबंध मानसिक होता है. लेकिन जब शरीर की धातुएं कमजोर हो जाती है तो व्यक्ति मानसिक रूप से भी आश्वस्त हो जाता है. तब धातु पौष्टिक चूर्ण ही शीघ्र स्खलन का संपूर्ण रूप से इलाज करने में सामर्थ रहता है.
यह एक पूर्ण आयुर्वेदिक हर्बल औषधि है जो नसों और प्रजनन अंगों को ताकत देता है तथा स्वप्नदोष, असमय वीर्यपात, नपुंसकता को दूर करने में समर्थ है. इसका सेवन करने से शरीर में कमजोरी दूर हो जाता है और बल तथा धातु की वृद्धि होता है. यह पुरुषों के लिए उत्तम टॉनिक है वीर्य और शुक्र विकारों को दूर करने में अद्वितीय है.
अतः जिन पुरुषों को शारीरिक कमजोरी, मर्दाना ताकत की कमजोरी, शीघ्र स्खलन जैसी समस्या है. उनके लिए यह चूर्ण अमृत समान गुणकारी है.
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