कल्याण आयुर्वेद- मां का दूध शिशु के लिए अमृत के समान होता है. इसलिए जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक नवजात को मां का दूध पिलाया जाता है. मां के दूध से नवजात को सभी पोषक तत्व मिलते हैं और इससे वह शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं के लिए भी वरदान होता है. आज के पोस्ट में हम आपको इसके फायदे बताएंगे.
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स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मिलते हैं इतने फायदे, कैंसर का खतरा भी हो जाता है कम |
आइए जानते हैं विस्तार से-
वजन घटाता है- डिलीवरी के बाद महिलाओं को वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है. लेकिन आपको बता दें कि स्तनपान कराने से महिलाओं का वजन घटता है. ब्रेस्टफीडिंग से एक बार में 450 से 500 कैलोरी खर्च हो जाते हैं.
कैंसर से बचाता है-
एक शोध के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग ओव्यूलेशन प्रक्रिया को धीमी कर देता है.. जिसके कारण आप ओवेरियन और ब्रेस्ट कैंसर से बचे रहते हैं
पोस्टपार्टम अवसाद-
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन, अनिद्रा, भूख कम लगना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है.
हार्ट अटैक के खतरे को करता है कम-
रिसर्च के अनुसार शिशु को 6 महीने से ज्यादा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हार्ट अटैक तथा स्ट्रोक की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं.
इंफेक्शन से बचाव होता है-
शिशु के लिए ही नहीं बल्कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली मां को भी इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है. इससे बच्चे डायबिटीज सेल्स कम होना, एलर्जी, अस्थमा और एक्जीमा की चपेट में नहीं आते हैं.
एनीमिया से बचाव-
ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को एनीमिया होने का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है. इसके अलावा इससे मां और बच्चे के बीच का भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है.
आर्थराइटिस-
इससे महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस रूमेटाइड अर्थराइटिस और दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. इसलिए महिलाओं को स्तनपान जरूर करवाना चाहिए.
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