कल्याण आयुर्वेद- जहां हम सभी हरे साग- सब्जियों का सेवन करने की सलाह सुनते हैं वही बरसात के मौसम में खास तौर पर सावन के महीने में ऐसा करने से मना किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार माना जाता है कि इस मौसम में इस सब्जियों के सेवन से शरीर में टोक्सिन लेवल बढ़ जाता है. ऐसे में बीमारियां होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. आज के इस पोस्ट में हम आपको सावन के महीने में पत्तेदार सब्जियां न खाने की वजह बताएंगे.
सावन में भूलकर भी न करें पत्तेदार सब्जियों का सेवन, जानें वजह |
तो आइए जानते हैं विस्तार से-
दरअसल इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस मौसम में वातावरण में ह्यूमिडिटी बनी रहती है जो बैक्टीरिया और जन्म के प्रजनन का सबसे सही समय होता है. यह पत्तों पर प्रजनन करते हैं जिस वजह से इन्हें न खाना बेहतर होता है. ऐसे में अगर आप इस मौसम में पालक, मेथी, बथुआ, बैंगन, गोभी, पत्ता गोभी आदि जैसी हरी-भरी सब्जियों का सेवन करेंगे तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है.
यही कारण है कि सावन के मौसम में पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए. इन सब्जियों में कीट पतंगे काफी मात्रा में प्रजनन करते हैं. आपको बता दें कि इनके प्रजनन का बेस्ट मौसम और जगह यह पत्तेदार सब्जियां ही होती है. वहीं पर अंडे देते हैं और पत्तों को खा कर उनका भोजन करते हैं इसलिए इस मौसम में इन सब्जियों का सेवन ना करना ही बेहतर होता है.
बरसात के मौसम में अगर आप पत्तेदार सब्जियों का सेवन करेंगे तो इससे आपके पाचन तंत्र पर गलत प्रभाव पड़ता है और आपको डायरिया, एसिडिटी, पेट में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं. सावन के मौसम में व्रत रखकर भी आप इन सब्जियों को दूर कर सकते हैं. ऐसा करने से पेट में गैस की समस्या भी नहीं होगी.
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