कल्याण आयुर्वेद- किशमिश का सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. किशमिश अंगूर को सुखाकर बनाया जाता है. इसमें वह सभी गुण पाए जाते हैं जो किशमिश में मौजूद होते हैं. किशमिश का इस्तेमाल सूजी का हलवा, खीर और कुछ शेक और मिठाइयों को सजाने एवं स्वादिष्ट बनाने आदि में किया जाता है. कई प्रकार की सब्जियों में किशमिश डालने से सब्जी की रौनक बढ़ जाती है साथ ही उसका स्वाद भी कई गुना अधिक हो जाता है.
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किशमिश में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
किशमिश में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, विटामिन बी6, विटामिन के मौजूद होते हैं. इसमें प्राकृतिक शक्कर और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
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इसके अलावा किशमिश में पॉलीफेनॉल्स, एंटीऑक्सीडेंट, फाइटोकेमिकल्स, अमीनो एसिड, फ्लेवोनॉयड इत्यादि पोषक तत्व मौजूद होते हैं. यह सभी मिलकर किशमिश को एक शानदार आहार बनाते हैं जिसके कारण किशमिश के सेवन से तुरंत ताकत मिलती है.
किशमिश के फायदे-
1 .पाचन के लिए-
किशमिश में प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है. सूखने के दौरान इसके फाइबर सिकुड़ जाते हैं लेकिन पेट में जाकर वापस अपने स्वरूप में आ जाते हैं. घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होने के कारण यह कब्ज से बचाता है और दस्त में भी फायदेमंद होता है.
किशमिश के सेवन से पेट और आंतों की सफाई हो जाती है. इससे भोजन के पोषक तत्व का अवशोषण सही ढंग से हो पाता है, इस कारण भूख भी अच्छी लगती है. किशमिश के सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती है और स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है.
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2 .ब्लड प्रेशर-
किशमिश में पोटेशियम पाया जाता है इसलिए इसके नियमित सेवन करने से ब्लड प्रेशर कम होता है. पोटैशियम हृदय के लिए बहुत फायदेमंद होता .है टिश्यु तथा अन्य अंगों के सही तरीके से काम करने में मददगार होता है. यह स्ट्रोक का खतरा कम करता है, इसके अलावा किशमिश में पाए जाने वाले फाइबर भी ब्लड प्रेशर और हृदय के लिए फायदेमंद होते हैं.
3 .कैंसर से बचाव-
किशमिश में फेनोलिक तत्व मौजूद होता है जो ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. एंटीऑक्सीडेंट ऐसे तत्व होते हैं जो फ्री रेडिकल्स का हानिकारक प्रभाव निकालकर कैंसर तथा अन्य कई गंभीर बीमारियों को दूर रखने में मददगार होती हैं.
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4 .खून की कमी करता है दूर-
किशमिश में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, इसके नियमित सेवन करने से खून की कमी दूर कर सकता है. किशमिश में विटामिन बी कंपलेक्स समूह के कई विटामिन मौजूद होते हैं जो नया खून बनाने में मददगार होते हैं. किशमिश में पाए जाने वाला कॉपर भी नया खून के निर्माण में मददगार होता है. विशेषकर काली द्राक्ष या किशमिश खून की कमी दूर करने में बहुत उपयोगी साबित होता है. इसमें पाए जाने वाले विटामिन एमिनो एसिड तथा खनिज भोजन के पोषक तत्वों के अवशोषण की शक्ति बढ़ाते हैं.
5 .बुखार की कमजोरी करता है दूर-
बुखार लगना एक आम समस्या है जिसमें अक्सर कमजोरी की समस्या हो जाती है. ऐसे में किशमिश का सेवन करना काफी लाभदायक होता हैं क्योंकि किशमिश में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो वायरल तथा बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करके इनसे होने वाले बुखार को दूर रखते हैं तथा इनके कारण होने वाली कमजोरी को भी दूर करते हैं. किशमिश खाने से शरीर को तुरंत ताकत मिलती है. हालांकि बुखार में किशमिश का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए.
6 .आंखों के लिए लाभदायक-
किशमिश में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं यह फ्री रेडिकल के कारण आंख को होने वाले नुकसान जैसे मेक्यूला की खराबी, उम्र के साथ होने वाली आंखों की कमजोरी, मोतियाबिंद आदि से बचाव करती हैं. किशमिश में पाए जाने वाला विटामिन ए आंखों के लिए काफी लाभदायक होता है.
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7 .एसिडोसिस-
आजकल के लाइफस्टाइल में फास्ट फूड का सेवन करना आम बात हो गया है. आजकल ज्यादातर लोग पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राई, हॉट डॉग, चिप्स इत्यादि का सेवन करना पसंद करते हैं. इसके सेवन से होने वाले नुकसान की जानकारी नहीं होने के कारण लोग पेट भरने का साधन बना लिए हैं जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह होता है इनके सेवन से खून में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है.
जब खून में एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है तो खून का पीएच (PH ) बैलेंस गड़बड़ा जाता है इसे ही एसिडोसिस कहा जाता है. इससे कई प्रकार की समस्या जैसे फोड़े फुंसी का होना, त्वचा के रोग, अंदरूनी अंगों को नुकसान, अर्थराइटिस, गठिया, गुर्दे की पथरी, बाल झड़ना, ह्रदय रोग इत्यादि समस्याएं होने लगती है.
इन सभी समस्याओं से बचने के लिए नियमित किशमिश का सेवन करना काफी लाभदायक हो सकता है क्योंकि किशमिश फाइबर, पोटेशियम और मैग्नीशियम का बहुत अच्छा स्रोत होता है यह तीनों ही तत्व एसिडिटी को खत्म करने का काम करते हैं. अतः किशमिश का नियमित उपयोग करके एसिडोसिस को दूर करके कई बीमारियों से बचा जा सकता है. यदि आप फास्ट फूड खाना बंद नहीं कर सकते हैं तो कम से 8-10 किशमिश प्रतिदिन अवश्य सेवन करें.
8 यौन कमजोरी-
आजकल के बदलते लाइफस्टाइल में अनियमित खान पान, खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी, वही बढ़ते तनाव और धूम्रपान अधिक करना इत्यादि के कारण यौन कमजोरी की समस्या काफी लोगों ने देखी जाती है. इस समस्या से छुटकारा दिलाने में किशमिश मददगार हो सकता है.
किशमिश में कामेच्छा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं. इसमें अर्जिनिन नामक तत्व पाया जाता है जो यौन संस्थान की कमजोरी को दूर करता है. इसके सेवन से शुक्राणुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है.
नियमित किशमिश के सेवन से लिंग में शिथिलता या ताकत की कमी दूर होती है तथा यौन संबंध के आनंद में बढ़ोतरी होती है. महिलाओं की अरुचि और कमजोरी भी इसके सेवन से दूर होते हैं.
9 .हड्डियों को बनाएं मजबूत-
किशमिश में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है इसके अलावा इसमें बोरोन नामक माइको न्यूट्रिएंट्स होता है. बोरोन हड्डी के निर्माण तथा कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक होता है. यह महिलाओं में मेनोपॉज के कारण होने वाले ओस्टियोपोरोसिस को रोकने में मददगार होता है तथा हड्डी और जोड़ों के लिए काफी फायदेमंद होता है.
10 .दांतों के लिए है फायदेमंद-
किशमिश खाने में मीठा होता है लेकिन इससे दांत खराब नहीं होते हैं बल्कि यह दांत और मसूड़े खराब होने से बचाव करता है. इसमें पाए जाने वाले ओलियानोलिक एसिड नामक फाइटोकेमिकल तत्व दांत की कैविटी से रक्षा करता है तथा मुंह में पाए जाने वाले नुकसानदायक बैक्टीरिया को भी मारता है.
किशमिश मसूड़ों को बीमारी और इन्फेक्शन बचाता है इसके अलावा किशमिश में पाए जाने वाला कैल्शियम दांतो को मजबूत बनाने में मदद करता है.
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किशमिश के नुकसान-
कोई भी चीज नियमित तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होते हैं लेकिन कभी-कभी नुकसानदायक भी हो सकते हैं. अधिक मात्रा में किशमिश का उपयोग करना नुकसानदायक हो सकता है. किशमिश में शक्कर की मात्रा अधिक होने के कारण यह वजन को तुरंत बढ़ा सकते हैं.
किशमिश में फ्रुक्टोज की अधिक मात्रा होने के कारण यह खून में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा बढ़ा सकता है जो डायबिटीज, ह्रदय रोग या फैटी लीवर का कारण बन सकता है.
यदि पहले से ही ट्राइग्लिसराइड बढ़े हुए हैं या लीवर की परेशानी हो तो किशमिश का सेवन सावधानी के साथ और डॉक्टरी सलाह के बाद ही करना चाहिए.
किशमिश सल्फर डाइऑक्साइड गैस से ट्रीटमेंट किए हुए हो सकते हैं यदि इस गैस से एलर्जी हो तो यह परेशानी की वजह बन सकती है. ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए और अस्थमा जैसी कोई परेशानी हो तो किशमिश का उपयोग कम करना चाहिए.
नोट- सूरज की रोशनी यानी धूप में सुखाएं हुए किशमिश का सेवन करना नुकसानदायक नहीं होता है.
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