क्या होता है एक्जिमा ? जानें 10 अचूक घरेलू नुस्खे

कल्याण आयुर्वेद- एक्जिमा चर्म रोग से जुड़ी बीमारी है जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. जिससे त्वचा में खुजली, रूखी त्वचा, पपडीदार त्वचा या त्वचा मोटे हो जाते हैं. हालांकि एटोपिक एग्जिमा आपके उम्र पर निर्भर करता है कि आप कितने साल के हैं क्योंकि यह बच्चों और वयस्कों के लिए अनुमानित है जैसे- जैसे व्यक्ति बूढ़ा होता है एक्जिमा का रूप बदल भी सकते हैं.

क्या होता है एक्जिमा ? जानें 10 अचूक घरेलू नुस्खे

सभी उम्र में एक्जिमा का सबसे आम लक्षण एटोपिक जिल्द की सूजन है. इस तरह एटोपिक एक्जिमा ज्यादा उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें अस्थमा, फीवर या फिर फूड एलर्जी की समस्या रहती है. इसके अलावा कई विशेषज्ञों का मानना है कि अनुवांशिक गड़बड़ी की वजह से भी एक्जिमा विकसित हो सकता है.

एक्जिमा के लक्षण-

एक्जिमा में चकत्ते दिखाई देने से पहले आपकी त्वचा में खुजली होगी. आमतौर पर एक्जिमा से निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

1 .एक्जिमा के मुख्य लक्षण गर्दन, चेहरे और पैरों पर लंबे समय तक खुजली, सूखी त्वचा, मोटी त्वचा है. लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. बच्चों में घुटने और कोहनी के अंदरूनी भाग में भी हो सकता है.

2 .यदि खरोच त्वचा के सूखेपन और क्रस्टस के साथ खुले घाव विकसित हो सकते हैं और संक्रमित भी हो सकते हैं.

3 .एक्जिमा में आपको हल्के भूरे रंग की पपड़ी या मवाद से भरे पीले रंग का हो सकता है. यह एक जीवाणु संक्रमण का संकेत हो सकता है जिसे एंटीबायोटिक के साथ इलाज किया जाना चाहिए.

4 .एक्जिमा के क्षेत्रों में कई दर्द नाक छोटे-छोटे फुंसी, तरल पदार्थ से भरे फफोले देख सकते हैं. आपको एक्जिमा हर्पेटीकम हो सकता है. दाद सिंपलेक्स वायरस के कारण एक गंभीर जटिलता भी हो सकती है.

एक्जिमा होने के कारण-

* अनुवांशिक यानी आपके परिवार माता-पिता या दादा दादी को हो तो आपको भी हो सकता है.

* रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना.

* वातावरण.

* ऐसी गतिविधियां जिनके कारण त्वचा अधिक संवेदनशील हो सकती है.

* त्वचा की बाधा में दोष जो नमी को बाहर करने और कीटाणुओं को बाहर निकालने की अनुमति देता है.

* थायराइड की समस्या.

* उत्तेजक पदार्थों के कारण एक्जिमा की समस्या हो सकती है इनमें साबुन, डिटर्जेंट, शैंपू, कीटाणु शोधक, ताजे फल, मांस या सब्जियों के रस शामिल है. यह एक्जिमा की आक्रामक रूप दे सकते हैं.

* अधिक उम्र या बुजुर्ग महिला के द्वारा पैदा हुए बच्चे में कम उम्र या युवा महिलाओं के द्वारा पैदा होने वाले बच्चों की तुलना में एक्जिमा रोग होने की संभावना अधिक होती है.

* बैक्टीरिया जैसे स्टेफिलोकोक्कस ऑरियस वायरस और कुछ कवक एक्जिमा के जोखिम कारकों में शामिल हैं.

एक्जिमा को कम करने में सहायक उपचार-

* कई ऐसी चीजें हैं जिनका उपयोग करके एक्जिमा वाले लोग त्वचा को स्वस्थ रखने और लक्षणों को कम करने में मदद ले सकते हैं जैसे कि-

* कपास के बने मुलायम कपड़े पहने और खरोचने वाले टाइट- फिटिंग कपड़ों से परहेज करें.

* गर्म जल से स्नान करें.

* स्नान के बाद त्वचा सुखाने के लिए रगड़ने की बजाए हवा में सुखाएं या धीरे-धीरे तोलिया के साथ त्वचा को साफ करें.

* जहां तक संभव हो तापमान और गतिविधियों में तेजी से परिवर्तन होने से बचें. यानी एकाएक ठंड से गर्म जगह में ना जाएं और ना ही गर्म से ठंडी जगह में जाए.

* शुष्क या ठंडे मौसम एक नमी उत्पन्न करने वाले यंत्र का उपयोग करें.

* नमी को रोकने के लिए स्नान के 3 मिनट के अंदर मोस्चराइजर का इस्तेमाल करें और नियमित रूप से मोस्चराइजर का प्रयोग रोजाना करें.

* खुजली या खरोचने के कारण त्वचा को नुकसान होने से बचाने के लिए नाखूनों को छोटा रखना चाहिए.

*  खुजली होने पर नाखून से खुजलाने से बचें.

* एक्जिमा के इलाज में ब्लीच स्नान मददगार है है इसलिए ब्लीच स्नान करें.

* शरीर में खून की खराबी के कारण एक्जिमा या अन्य चर्म रोग की बीमारी होती है और यह बीमारी तेजी के शरीर में फैलती है. यह बीमारी सफाई नहीं रखने और भोजन में लापरवाही बरतने से कई सालों तक रहती है. यह रोग संक्रमित होता है. यह बीमारी कब्ज और गैस बन जाने से भी होता है. इसलिए साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखें और खाने-पीने में लापरवाही ना बरतें.

एक्जिमा दूर करने के घरेलू नुस्खे-

1 .नारियल तेल-

नारियल तेल एक्जिमा के इलाज में काफी मददगार है. इसमें कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमारी त्वचा पर परत बनकर बाहरी चीजों से लड़ते हैं. इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो एक्जिमा से निजात पाने में मदद करते हैं. इसके लिए प्रत्येक रात को सोने से पहले प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाएं. एक्जिमा के इलाज में बेहतर काम करता है आप चाहे तो इसमें कपूर भी मिला सकते हैं.

2 .शहद और दालचीनी-

शहद इंफेक्शन से लड़ने के लिए बढ़िया और प्राकृतिक उपाय है. शहद में एंटीमाइक्रोबियल्स गुण होते हैं. यह त्वचा के लिए बहुत अच्छा है और खुजली वाली जगह को राहत प्रदान करता है. इसके लिए दो चम्मच शहद एक चम्मच दालचीनी के पाउडर को अच्छी तरह से मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं और सूखने के बाद सादे पानी से धो लें. दालचीनी पाउडर भी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त होते हैं जो एक्जिमा से लड़ने में मदद करते हैं.

3 .एलोवेरा-

एलोवेरा प्रचुर मात्रा में मॉइश्चराइजिंग मौजूद होते हैं जो त्वचा में नमी को बरकरार रख रूखेपन की समस्या से निजात दिलाते हैं. इस तरह यह त्वचा की नमी बनाए रखता है और त्वचा को ठंडक प्रदान करने के साथ ही खुजली से भी बचाव करता है, इसके लिए एलोवेरा पौधे के एक पत्ता तोड़ कर उसका जेल निकाल लें. इस जेल को प्रभावित स्थान पर लगाएं और आधे से एक घंटे के लिए रहने दें. इसके बाद सादे पानी से धो लें. आप चाहे तो रात को लगाकर रात भर के लिए छोड़ सकते हैं.

4 .हल्दी-

हल्दी में कई करिश्माई गुण मौजूद होती है लेकिन कम लोगों को ही पता है कि यह एक्जिमा के इलाज में भी काफी फायदेमंद है. इसमें मौजूद एंटी सेप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण के कारण खुजली में राहत मिलती है और फफोले, फुंसी और सूजन को खत्म करता है. इसके लिए हल्दी को पानी में मिलाकर इसमें गुलाब जल भी मिलाएं और प्रभावित जगह पर लगाकर छोड़ दें. सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. इसके बाद सूती कपडे से थपथपा कर पोछें.

5 .तुलसी-

एक्जिमा की समस्या से छुटकारा दिलाने में तुलसी भी काफी मददगार चीज है. तुलसी का एंटीमाइक्रोबियल्स गुण त्वचा को इंफेक्शन से बचाता है. यह त्वचा की जलन कम करता है और खुजली आदि को भी दूर करता है. इसके लिए तुलसी के कुछ पत्तों को तोड़कर इसका रस निकाल लें, अब इस रस को एक्जिमा वाली जगह पर लगाएं और सूखने दें. सूखने के बाद सादे पानी से धो लें. ऐसा प्रतिदिन करेंगे तो एक्जिमा की समस्या से छुटकारा मिलेगी साथ ही आप तुलसी वाला चाय पिए तो और अधिक फायदेमंद होगा.

6 .नीम-

नीम के पत्तों का रस निकालकर उसमें या मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से खून साफ होता है. जिससे जल्द ही इस समस्या से छुटकारा मिलती है. इसके साथ ही नीम के पत्तों को चटनी की तरह पीसकर प्रभावित हिस्से पर प्रतिदिन लगाएं. इसे एक-दो घंटे रहने दें इसके बाद ठंडे पानी से धो लें और पानी को रूई या सूती कपड़े की मदद से थपथपाकर सुखा लें. ऐसा नियमित करने से एक्जिमा की समस्या से जल्द ही राहत मिलेगी.

प्रतिदिन नीम के पत्तों को पानी में उबालकर या पानी में थोड़ा डिटोल डाल कर नहाना चाहिए. इससे एक्जिमा से निजात पाने में काफी मदद मिलती है.

नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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