कल्याण आयुर्वेद - दुख और परेशानी हर इंसान के साथ धूप और छांव की तरह साथ साथ चलती है. जब हम ज्यादा परेशान होते हैं या फिर तनाव में आ जाते हैं, तो हमें अंदर ही अंदर घुटन महसूस होने लगता है. लेकिन ज्यादा समय तक यह घुटन को अंदर रखना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. यदि आप ज्यादा परेशान रहते हैं तो आपको थोड़ी देर के लिए रोने लेना चाहिए. जी हां यह सच है कि रोना भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है.
हममें से ज्यादातर लोगों की सोच यही है कि रोते वही लोग हैं जो कमजोर होते हैं. लेकिन यह सच्चाई नहीं है. रोने से आपका तनाव कम होता है. साइंस की मानें तो रोना आपके सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद होता है जितना कि हंसना. आज के इस पोस्ट में हम आप को रोने से मिलने वाले पांच फायदों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानकर आपको काफी हैरानी होगी.
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सिर्फ हंसना ही नहीं, रोना भी सेहत के लिए है फायदेमंद, मिलते हैं ये 5 हैरान करने वाले फायदे |
तो आइए जानते हैं विस्तार से -
1.रोने से होता है दर्द कम -
रोने से ऑक्सीटॉसिन और एंडोर्फिन जैसे केमिकल्स रिलीज होते हैं. यह फीलगुड केमिकल होते हैं. जिससे शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से दर्द को कम करने में मदद मिलती है. एक बार जब यह केमिकल से रिलीज हो जाते हैं, तो ऐसा लगने लगता है जैसे शरीर सुन्न की अवस्था में पहुंच जाता है. ऑक्सीटॉसिन हमें राहत का अहसास कराता है और इसी वजह से रोना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है. इससे मन शांत हो जाता है.
2.तनाव को कम करता है -
आपके आंसुओं में स्ट्रेस हार्मोन और दूसरे केमिकल की मात्रा सबसे ज्यादा होती है. ऐसे में रोने से शरीर से इन केमिकल की मात्रा कम हो जाती है. क्योंकि यह केमिकल आशु के जरिए आंखों से निकल जाते हैं. जिससे आपका स्ट्रेस कम होता है. इस तरह से रोने की वजह से आपका तनाव कम हो जाता है.
3.मूड बेहतर करता है -
यदि आप किसी चीज को लेकर काफी वक्त से परेशान रहते हैं और उसके बारे में सोचते रहते हैं और दर्द को आंखों से आंसू बहा कर किसी दूसरे को दिखाने से डरते हैं, तो ऐसा नहीं करना चाहिए. आप मन भर के रो लीजिए. इससे आपका दर्द कम हो जाएगा. क्योंकि जब आप रोते हैं तो ठंडी हवा के झोंके बॉडी के अंदर जाते हैं. जिससे ब्रेन का तापमान कम होता है और बॉडी का तापमान भी नियंत्रित रहता है. इस तरह से जब आपका दिमाग ठंडा हो जाता है तो आपका मूड भी बेहतर हो जाता है.
4.आंखों की रोशनी बढ़ती है -
कई लोगों को लगता है कि रोने की वजह से हमारी आंखों को काफी नुकसान को मिलता है. जबकि ऐसा नहीं है. जब आंखों से आंसू निकलते हैं, तो इससे आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है. जी हां आंसू आंखों में मेंब्रेन को सुखने नहीं देते हैं. जिसकी वजह से आंखों की रोशनी में फर्क पड़ता है. मेंब्रेन सही बना रहता है तो आपके आंखों की रोशनी लंबे समय तक ठीक रहती है.
5.टेंशन से छुटकारा -
यदि आप किसी वजह से परेशान हैं, जिसकी वजह से आप तो रोज-रोज तनाव में रह रहे हैं और टेंशन ले रहे हैं तो आपको बता दें कि टेंशन में रहने की वजह से और ना रोने की वजह से दिल की बीमारी, डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए अगर दिमाग कोई टेंशन में है तो आपको रोना चाहिए रोने से टेंशन रिलीज हो जाती हैं.
महिलाएं रोती हैं सबसे ज्यादा -
रिसर्च में पाया गया है, कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा रोती हैं. 1 महीने में महिलाएं करीब 5 पॉइंट 3 बार रोती है, तो वहीं पुरूष 1 महीने में लगभग केवल 1 पॉइंट 4 बार ही रोते हैं दरअसल पुरुष रोने को कमजोरी मानते हैं और वह ज्यादा देर तक बिना रोये तथा दुखों को बिना आंसू के सहना जानते हैं. परंतु महिलाएं कोमल दिल की होती हैं. जिसकी वजह से वह कोई भी तकलीफ बर्दास्त नहीं कर पाती हैं और उन्हें रोना आ जाता है. परंतु इसके मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है, कि महिलाएं कमजोर होती हैं, जी नहीं. महिलाएं कोमल दिल की होती है ना कि कमजोर.
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