सुबह खाली पेट प्रतिदिन खाएं इस पौधे की पत्तियां, दिमाग चलेगा कंप्यूटर जैसा तेज

कल्याण आयुर्वेद- हमारे आसपास बहुत से ऐसे पेड़- पौधे, घास- फूस और फूल- पत्तियां हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. लेकिन इसकी सही जानकारी नहीं होने के कारण हम इसका उपयोग सही ढंग से नहीं कर पाते है. आज हम ऐसे ही एक पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम है ब्राह्मी. जिसे देशी जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है. यह दिमाग कि सुप्त और सुस्त नाड़ियों को खोल देती है, दिमाग को तरोताजा और बुद्धि को तेज तरार बनाने में यह महत्वपूर्ण जड़ी- बूटियों में से एक है.

सुबह खाली पेट प्रतिदिन खाएं इस पौधे की पत्तियां, दिमाग चलेगा कंप्यूटर जैसा तेज

इतना ही नहीं ब्राम्ही ब्रह्म मंडल यानी मस्तिष्क की कोशिकाओं को जागृत कर अनेक प्रकार के तनाव, चिंता, भ्रम और भय से भी मुक्ति दिलाने का काम करती है.

चलिए जानते हैं विस्तार से-

ब्राह्मी क्या है?

ब्राह्मी एक औषधीय पौधा है. जिसके पत्ते, फूल, फल, बीज और जड़ का औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. ब्राह्मी को ब्रेन बूस्टर के नाम से भी जाना जाता है.

ब्राह्मी याददाश्त बढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छा औषधि है. इसे एक तरह का नर्वस टॉनिक माना जाता है. यह नसों की कोशिकाओं को पोषण प्रदान करती है. इसका इस्तेमाल खून संबंधी विकारों, बुखार, पीलिया, हिस्टीरिया, मिर्गी, उन्माद, खांसी, बाल झड़ने, मूत्राशय से जुड़ी बीमारियां, मेमोरी लॉस के साथ- साथ हाई ब्लड प्रेशर को कम करने, नींद नहीं आने की बीमारी और तुतलाहट को दूर करने के लिए भी किया जाता है.

ब्राह्मी एक घास जाति का पौधा है. इसका तना और पत्तियां मुलायम और गुदेदार होती है. इसके फूल सफेद रंग के होते हैं. यह पौधा नम स्थानों में उगता है.

भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जैसे- सफेद चमनी, सौम्यलता, बर्ण, नीर ब्राम्ही, घोल, जल ब्राम्ही, जल नेवरी इत्यादि. ब्राह्मी का वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी है.

गुणों की दृष्टि से ब्राह्मी में पाए जाने वाले एल्केलाइड स्ट्रीकनीन के समान है लेकिन यह उसकी तरह विषाक्त नहीं होती है. ब्राह्मी में बोटुलिक अम्ल, स्टिग्मा स्टेनौल, बीटा- साइटोस्टिरोल तथा टैनिन आदि भी पाए जाते हैं. हरे पत्तों में एल्केलाइड तथा उड़न शील तेल पाए जाते हैं जबकि सूखे पौधों में सेंटोइक एसिड तथा सेंटेलिंक एसिड भी पाए जाते हैं.

ब्राह्मी सफेद दाग, पीलिया, प्रमेह और खून की खराबी को दूर करती है. खांसी और सूजन को रोकती है, बैठे हुए गले को साफ करती है. ब्राह्मी का उपयोग दिल के लिए फायदेमंद होता है. यह मानसिक पागलपन को दूर करता है. सही मात्रा के अनुसार ब्राह्मी का सेवन करने से निर्गुण, त्रिकालदर्शी यानी भूत, भविष्य और वर्तमान सब दिखाई देने लगते हैं. आयुर्वेदिक औषधि ब्राह्मी रसायन, ब्राह्मी घृत, ब्राह्मी पाक, ब्राह्मी तेल, सारस्वतारिष्ट, सारस्वत चूर्ण, ब्राह्मी चूर्ण इत्यादि में इसका प्रयोग किया जाता है.

ब्राह्मी के फायदे-

1 .तनाव को करता है कम-

ब्राह्मी स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेबल को कम करता है. जिससे शरीर में तनाव और चिंता को दूर करने में बहुत मदद मिलती है.

2 .अल्जाइमर में है फायदेमंद-

ब्राह्मी में एमिलॉइड पाए जाने के कारण अल्जाइमर के इलाज के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसके अलावा अल्जाइमर से दिमाग को होने वाले नुकसान से बचने में भी यह मदद करती है. ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी व दौरे रोधी गुण मौजूद होते हैं जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं.

3 .बढ़ाता है स्मरण शक्ति-

ब्राह्मी मस्तिष्क के विकारों में बहुत ही फायदेमंद जड़ी- बूटी होती है और इसके अद्भुत शक्ति स्मरण शक्ति को बढ़ाते हैं.

4 .कैंसर से लड़ने में मददगार-

ब्राह्मी में प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कैंसर सेल्स को बढ़ने में मदद करने वाले तत्व को जड़ से ही खत्म करते हैं. यह मस्तिष्क के ट्यूमर की कोशिकाओं को मारने के साथ ही स्तन कैंसर और कोलन कैंसर की कोशिकाओं के विकास को भी रोकने में मददगार होते हैं.

5 .गठिया में है लाभदायक-

आर्थराइटिस से राहत पाने के लिए ब्राह्मी से बेहतरीन नुस्खा नहीं हो सकता है. यह बॉवेल सिंड्रोम और गैस्ट्रिक अल्सर से भी बचाव करने में मदद करता है.

6 .पाचन तंत्र के लिए लाभदायक-

ब्राह्मी का प्रतिदिन सेवन करने से डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूती मिलती है. यह विटामिन और मिनरल्स का बेहतर स्रोत होता है. इसमें मौजूद फाइबर आँतों में से हानिकारक पदार्थों को साफ करता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है. साथ ही पाचन प्रणाली को धीमा करके शरीर को हमेशा फुर्तीला बनाए रखने में मददगार होता है.

7 .इम्यूनिटी को करता है बूस्ट-

ब्राह्मी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करती है जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से अपना बचाव कर पाता है.

8 .डायबिटीज के लिए-

शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सही तरीके से रेगुलेट करने में भी ब्राह्मी का अच्छा योगदान है. इसके साथ ही हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों से भी आराम दिलाने में मददगार है.

9 .बालों के लिए है लाभदायक-

बालों में डैंड्रफ या खुजली की समस्याओं में भी ब्राह्मी के इस्तेमाल से दूर हो सकती है. तमाम तरह की सौंदर्य समस्याओं में ब्राह्मी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने का काम करते हैं.

10 .बच्चों के दस्त में है लाभदायक-

बच्चों के दस्त लगने पर ब्राह्मी की 3-4 पत्तियां, जीरा तथा चीनी के साथ मिलाकर पिलाने और इसका पेस्ट बनाकर नाभि के चारो तरफ लगाने से बच्चों के दस्त में आराम मिलता है.

11 .त्वचा के रोग-

ब्राह्मी त्वचा संबंधी विकारों जैसे एक्जिमा तथा फोड़े फुंसियों पर इसकी पत्तियों के चूर्ण को लगाने से लाभ होता है वहीं इसके सेवन से खून साफ होता है जिससे त्वचा से जुड़ी समस्याएं दूर होती है.

12 .हिस्टीरिया रोग में-

हिस्टीरिया रोग में यह बहुत ही प्रभावशाली औषधि है. यह हिस्टीरिया में तुरंत अपना प्रभाव दिखाती है जिससे सभी लक्षण तुरंत नष्ट हो जाते हैं. चिंता तथा तनाव में ठंडाई के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता है. इसके अतिरिक्त किसी बीमारी या अन्य बीमारी के कारण आई कमजोरी के निवारण के लिए भी ब्राह्मी का प्रयोग किया जाता है. कुष्ट और चर्म रोगों में भी यह उपयोगी है. खांसी तथा गला बैठने पर इसके रस का सेवन काली मिर्च और शहद के साथ करना फायदेमंद होता है.

नोट- ब्राह्मी का अधिक मात्रा में प्रयोग करने से कभी- कभी त्वचा में खुजली तथा लालिमा की समस्या हो सकती है इसलिए इसका कम मात्रा में ही प्रयोग करना चाहिए. यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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