ज्योतिष शास्त्र- कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिन्हें हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है. जैसे- तुलसी का पौधा, बेल का पेड़, शमी का पेड़, बरगद का पेड़, पीपल का पेड़ इत्यादि.
पारस पीपल होता है बहुत खास, धन से लेकर विवाह तक की समस्याओं को कर देता है झट से दूर, जानें आसान उपाय |
पीपल के पत्तों, टहनियों यहां तक की को कोपलों में भी देवी- देवताओं का वास माना गया है. मान्यता है कि पीपल की जड़ में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और शिर्ष में शिव जी साक्षात निवास करते हैं.
शाखाओं, पत्तों और फलों में सभी देवताओं का निवास होता है. यह प्राकृतिक और आध्यात्मिक रूप से इतना महत्वपूर्ण है कि भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं कि वृक्षों में में पीपल हूँ, वैज्ञानिक रूप से भी पीपल महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बहुत ही ऑक्सीजन का निर्माण करता है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिस जातक की कुंडली में अल्पायु योग है उन्हें पीपल में पानी देने से दीर्घायु का वरदान मिलता है. यदि रोग जटिल है तो वह भी दूर हो जाता है, वंश वृद्धि की समस्या और संतान की समस्याओं का निवारण के लिए भी पीपल की पूजा की जाती है. पीपल का पेड़ लगाने और रक्षा करने से शनि की दशाओं का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
शास्त्रों के अनुसार पीपल की पूजा करने से शनि की पीड़ा शांत होती है. पीपल की उपासना किसी भी रूप में करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.
लेकिन आज साधारण पीपल नहीं बल्कि पीपल के दूसरे प्रजाति पारस पीपल के बारे में बात करने जा रहे हैं. पारस पीपल के पत्ते दूर से देखने पर कुछ-कछ पीपल की पत्ते की तरह ही होते हैं लेकिन इसके पत्तों की गोलाई अधिक होती है. इसके पेड़ की ऊंचाई भी ज्यादा नहीं होती है. पारस पीपल का महत्व ज्योतिष शास्त्र में भी बताया गया है. पारस पीपल के कुछ खास उपाय करने से ग्रह दोष के साथ-साथ बहुत सारी समस्याओं से छुटकारा मिलती है.
* गुरु ग्रह से संबंधित दोष को दूर करने के लिए पारस पीपल की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है पारस पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.
* नजर लगने पर या बार-बार बीमार पड़ने पर पारस पीपल के 21 पत्तों पर ॐ हं हनुमते नमः लिखकर नदी में प्रवाहित करें. ऐसा करने से सारी बाधाएं दूर हो जाती है.
* पारस पीपल की जड़ को चंदन के साथ मिश्रित करके बाजू पर त्रिपुंड करने से साहस और शक्ति का संचार होता है.
* पारस पीपल के 108 पत्तों पर भगवान विष्णु का नाम मंत्र लिखकर जल में प्रवाहित करने से शीघ्र लक्ष्मी की प्राप्ति होती है यानी धन संबंधी समस्याएं दूर होती है.
* अगर विवाह में बाधाएं आ रही है तो प्रतिदिन पारस पीपल की जड़ में जल चढ़ाएं और गुरु ग्रह के मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से जल्द ही विवाह के योग बनते हैं.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है, अधिक जानकारी के लिए योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह लें. धन्यवाद.
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