कल्याण आयुर्वेद- कोरोना का एक के बाद एक नया स्ट्रेन सामने आ रहा है. अब कोरोना का R.1 वेरिएंट सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि यह स्ट्रेन एंटीबॉडी को भी बेअसर कर सकता है. इससे अब तक लगभग 10 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं.
![]() |
क्या है कोरोना R.1 वेरिएंट ? क्या एंटीबॉडी को भी कर सकता है बेकार ? जानें विस्तार से |
दुनिया में कोरोनावायरस आए हुए लगभग डेढ़ साल से अधिक हो चुके हैं. अब तक यह वायरस अपना कई रूप भी बदल चुका है और पहले के मुताबिक अधिक शक्तिशाली हो गया है. विश्व भर में कोरोनावायरस वेरिएंट ने भारत समेत दुनिया भर की मुसीबत बढ़ाई. लेकिन अब इसी वायरस का एक नया रूप सामने आया है.
वैज्ञानिकों ने हाल ही में बताया है कि कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आया है जिसे वेरिएंट R.1 नाम दिया गया है. कोरोना की इस स्ट्रेन के मामले न केवल अमेरिका के अंदर देखने को मिल रहे हैं बल्कि अन्य देशों में भी इस स्ट्रेन के कई मामले सामने आए हैं, हालांकि वेरिएंट R.1 वायरस के मामले अब तक अधिक नहीं हुए हैं लेकिन विशेषज्ञों ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है. क्योंकि यह तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है.
क्या है कोरोना R1 वेरिएंट ?
कोरोना R.1 वेरिएंट कोरोना का एक नया रूप है. हालांकि बीते साल सबसे पहले जापान में आया था, तब से लेकर अब तक यह 35 देशों में पाया गया है और कोरोना R.1 वेरिएंट से लगभग 10,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं.
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( CDC ) की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में वायरस अप्रैल 2021 से मौजूद है. इस स्ट्रेन के शुरुआती मामले केंटुकी नर्सिंग होम में पाए गए थे. ज्ञात हो कि यहीं पर कोविड-19 का टीकाकरण चल रहा था.
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( CDC ) के अध्ययन के अनुसार नर्सिंग होम में टीकाकरण करा चुके 87% लोगों में इस स्ट्रेन के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए, वहीं जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं करवाया था उन लोगों में ही इस स्ट्रेन के लक्षण देखे गए, लेकिन आपको बता दें कि इस स्ट्रेन को सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( CDC ) में खतरनाक वेरिएंट की सूची में शामिल नहीं किया है.
कितना खतरनाक है यह स्ट्रेन-
यह स्ट्रेन सार्स कोविड 2 श्रेणी से संबंधित है. ऐसे में इस स्ट्रेन की लिमिटेशन और क्षमता सबसे पहले वेरिएंट के मुकाबले थोड़ी अलग हो सकती है यूं तो अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा ही रहा है.
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसलिए की गंभीरता को जानने के लिए इस का गहन अध्ययन करना होगा, वही रिपोर्ट बताती है कि R.1 वेरिएंट में कुछ बदलाव भी देखने को मिली. ऐसे में यह वायरस तेजी से फैल सकता है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है.
क्या एंटीबॉडी को भी कर सकता है बेकार?
क्या वैक्सीन के द्वारा प्राप्त की गई एंटीबॉडी को भी यह वायरस बेअसर कर सकता है या नहीं? इस बात पर निर्भर करती है कि वायरस का कौन-कौन से म्युटेंट से बना है.
आपको बता दूं कि R.1 कई म्यूटेशन के जरिए बना है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार इस स्ट्रेन के जरिए N-terminal डोमेन में ज्यादा उत्परिवर्तन हो सकता है. यह एक ऐसा प्रोटीन का क्षेत्र है जो एंटीबॉडी के प्रभाव को कम कर सकता है यानी यह म्युटेंट के अंदर कुछ ऐसे खतरनाक चीजें मौजूद है जो आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को पूरी तरह से खत्म कर सकता है. यही कारण है जिसकी वजह से विज्ञानिकों को लगता है कि कोरोनावायरस वेरिएंट म्यूटेशन उन लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है जो कोरोना का वैक्सीन ले चुके हैं.
अब भी चिंता का विषय है डेल्टा वेरिएंट-
भले ही कोरोनावायरस स्ट्रेन या म्युटेंट देखने को मिल रहे हैं और इन्हें लेकर उत्सुकता बनी हुई है. लेकिन सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल के अनुसार अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा ही है. यह डेल्टा वेरिएंट पिछले वेरिएंट के मुकाबले 2 गुना अधिक खतरनाक है. इसकी वजह से लोगों को ज्यादा समस्या हो सकती है जिन्होंने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है.
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है और अगर वह इस डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हो जाते है यह उन पर यह 11 गुना खतरनाक हो सकता है यही नहीं इन लोगों की जान जाने का भी खतरा अधिक है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका वही नियम है जो पहले से लागू की गई है. SARS-COV 2 के किसी भी प्रकार से खुद को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है. पूरी तरह से वैक्सीन लगवाना और सीडीसी द्वारा जारी सावधानियों का पालन करना.
आपको सार्वजनिक जगह पर मास्क लगाना चाहिए. खुद को संक्रमित होने से बचाना भी वायरस लगातार परिवर्तित होने से रोकने का सबसे प्रभावी और अच्छा तरीका है.
0 Comments