रात में बच्चे के रोने से हैं परेशान,अपनाएं ये 5 तरीके, बेबी को मिलेगा सुकून

कल्याण आयुर्वेद - छोटे बच्चों को रात भर आराम से सूलाना पेरेंट्स के लिए कोई आसान काम नहीं होता है. इसकी वजह यह है कि उनकी नींद की अवधि छोटी होती है और यह बहुत जल्दी पूरी हो जाती है, ऐसे में बच्चे अक्सर रात को उठकर रोने लगते हैं. उन्हें दोबारा सुलाने के चक्कर में अक्सर पेरेंट्स का काफी समय निकल जाता है. जिससे उनकी खुद की नींद पूरी नहीं हो पाती है. रोज-रोज ऐसा होने पर उनके लिए यह एक समस्या बन जाती है. आज के इस पोस्ट में हम आपको पांच ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप रोजाना रात को अपने छोटे बच्चे को सुकून भरी नींद दे सकते हैं.

रात में बच्चे के रोने से हैं परेशान,अपनाएं ये 5 तरीके, बेबी को मिलेगा सुकून

तो आइए जानते हैं विस्तार से -

1.दिन में बच्चों का रूटीन देखें -

अपने बच्चों का डे रूटीन ध्यान से चेक करें. क्या आपके छोटे बच्चे दिन में तीन से 4 घंटे की लंबी नींद सोते हैं. यदि हां तो फिर उन्हें रात में आसानी से नींद नहीं आएगी और आ भी गई तो रात में नींद खुलने के पूरे चांस रहते हैं, इसलिए दिन में छोटे बच्चों को सोने तो दे, लेकिन आधा से एक घंटा, इससे ज्यादा नहीं.

2.बच्चों के सोने के जगह पर ध्यान दें -

अपने बच्चे के सोने वाली जगह के बारे में ध्यान दें. उस जगह पर तेज रोशनी के बजाय हल्का सा अंधेरा होना चाहिए. उस जगह का तापमान गर्म या ठंडा होने के बजाय छोटे बच्चे के लायक अच्छा और सुहावना होना चाहिए. बच्चे के सोने की जगह पर खिलौना, किताब या खेलने कूदने की चीजें बिल्कुल ना रखें. जिस जगह बच्चा सो रहा है, वहां पर बाहर का शोर ना पहुंचने पाए, इस बात का पूरा ध्यान रखें.

3.सोने से पहले क्या करें -

सोने से 2 घंटे पहले छोटे बच्चे को रिलैक्स कराएं. उन्हें कोई किताब पढ़ने के लिए दें या फिर उन्हें कोई कहानी सुनाएं. आप बच्चों की उम्र के अनुसार थोड़ी देर बात भी कर सकते हैं. इसके बाद कमरे की लाइट कम कर दें. ऐसा करने से बच्चे का मूड धीरे-धीरे नींद की और जाने लगता है और अगले कुछ समय के बाद वह सो जाएगा.

4.बच्चों को खुद सोने के लिए तैयार करें -

एक्सपर्ट के मुताबिक, छोटे बच्चे अक्सर तभी सोते हैं, जब पेरेंट्स उन्हें सोने के लिए कहते हैं या सुलाते हैं. इसके बजाय पेरेंट्स को बच्चों को सिखाना चाहिए, कि नींद आने पर वे खुद सो जाया करें. ऐसा करने पर बच्चों को अकेले रात में सो जाने की आदत पड़ती है और रात में आंख खुल जाने पर दोबारा सोने के लिए उन्हें पेरेंट्स की थपकी का इंतजार नहीं होता है.

5.सोने से 1-2 घँटे पहले टीवी, मोबाइल से बचें -

सोने से करीब 1 से 2 घंटे पहले पेरेंट्स को टीवी मोबाइल को बंद कर देना चाहिए. जब तक पेरेंट्स इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर लगे रहते हैं, तब तक बच्चों को भी नींद नहीं आती है. इसकी वजह यह है कि टीवी और मोबाइल से निकलने वाली नीली स्क्रीन से नींद प्रभावित होती है. जिसका ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. इसलिए अगर आप चाहते हैं, कि छोटे बच्चे रात भर सुकून की नींद ले, तो उनके बेड पर जाने से करीब 2 घंटे पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों को इस्तेमाल करना बंद कर दें.

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