कल्याण आयुर्वेद- आजकल के व्यस्त जिंदगी की वजह से अक्सर महिलाएं कई समस्याओं को छोटी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं जो आगे चलकर किसी गंभीर बीमारी का रूप धारण कर लेती है. स्तन में दर्द होना, स्तन में गांठ महसूस होना या स्तन का अचानक बढ़ना भी उन्हीं समस्याओं में से एक है. जिसे महिलाएं अक्सर छोटी समस्या समझ कर नजरअंदाज कर देती हैं.
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स्तन के बढ़ते आकार को न करें नजरअंदाज, हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत |
लेकिन स्तन में हो रही है ये समस्याएं गिगैंटोमेस्टिआ (Gigantomastia) नाम की बीमारी का संकेत भी हो सकता है. इस बीमारी में स्तन में टिशूज बढ़ने लगते हैं. जिस कारण स्तनों में दर्द और आकार बढ़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
किसी भी उम्र में हो सकती है यह बीमारी-
यह बीमारी किसी भी उम्र की महिला हो सकती है. इसके लिए कोई उम्र मायने नहीं रखता है. जापान में एक केस सामने आया था जिसमें 12 साल की बच्ची इस बीमारी से पीड़ित थी. इसके कारण 8 महीने में उसकी स्तन का आकार इतना ज्यादा बढ़ गया की रीढ़ की हड्डी झुक गई.
गिगैंटोमेस्टिआ बीमारी है क्या ?
गिगैंटोमेस्टिआ बीमारी एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्तन के टिशूज सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसे ब्रेस्ट हाइपरट्रॉफी भी कहा जाता है. कई मामलों में तो इनका वजन शरीर 3 फीसदी अधिक हो जाता है. महिलाओं में यह कंडीशन बहुत ही कम देखने को मिलती है.
गिगैंटोमेस्टिआ होने के कारण-
शरीर में प्रोलेक्टिन या एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने की कारण महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है. यह अनुवांशिक बीमारी भी हो सकती है. इसके अलावा कुछ और कारण भी हैं जिसकी वजह से महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो जाती है जैसे-
* गर्भावस्था के दौरान इस बमारी का खतरा बढ़ जाता है.
* कुछ दवाओं के सेवन से (D-Penicillamine, Bucillamine, Neothetazone, Cyclosporine).
* ऑटोइम्युन बीमारियां जैसे- थायराइड, गठिया, मियासथिनिया ग्रेविस और सोरायसिस.
* इसके अलावा पहले मासिक धर्म के दौरान कुछ लड़कियों में इसका खतरा अधिक होता है क्योंकि उस दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं.
गिगैंटोमेस्टिआ के लक्षण-
* इसमें टिशूज बढ़ने के कारण स्तनों का आकार भी धीरे-धीरे बढ़ने लगता है.
* स्तनों में दर्द होना.
* कंधे, पीठ और गर्दन में दर्द होना.
* स्तनों के नीचे लालिमा, खुजली और गर्मी.
* नसों में दर्द और इन्फेक्शन.
* खराब मुद्रा.
* स्तनों में संक्रमण या फोड़े होना.
* निप्पल में झनझनाहट होना.
कैसे करें बचाव-
* सबसे पहले तो स्तन में कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर के जाँच करवाएं. ताकि समय रहते बीमारी का पता चल सके और इसका इलाज सही समय पर हो सके.
* स्तन की सप्ताह में दो बार ऑलिव आयल मसाज करें. इससे ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से होगा जिससे आप स्तनों से जुड़ी बीमारियों से बची रहेंगी.
* हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से शरीर को प्रोटीन और विटामिन मिलता है. इसलिए प्रतिदिन की दिनचर्या में इनका सेवन करने से स्तन की कोशिकाओं का विकास होता है. जिससे आप स्तन की समस्याओं से बची रहती हैं.
* हमेशा सक्रिय रहे और प्रतिदिन व्यायाम और योग करें. इससे स्तन से जुड़ी समस्याएं भी दूर रहती है.
* शराब, धूम्रपान, जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक जैसी अनहेल्दी चीजों से दूर रहें.
* गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं मेटरनिटी ब्रा का प्रयोग करें.
* स्तन की त्वचा सेंसेटिव होती है यहां सनस्क्रीन लोशन लगाने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है.
क्या है इलाज ?
1 .डॉक्टर स्तन में टिशूज की ग्रोथ और अन्य लक्षण देखने के बाद ही यह तय करते हैं कि महिला को कैसा ट्रीटमेंट की आवश्यकता है. अगर स्तन का साइज अधिक बढ़ गया हो तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं. इसके अलावा इस बीमारी का इलाज मेडिकेशन से भी किया जाता है. इसके अलावा कुछ मामलों में हार्मोन ट्रीटमेंट से भी इस बीमारी का इलाज किया जाता है.
2 .कम उम्र में समस्या होने पर डॉक्टर दवाइयों या मेडिकेशन के जरिए इलाज करते हैं. वही गर्भावस्था के दौरान बढ़ी हुई स्तन के आकार को दवाइयों की मदद से कम किया जा सकता है.
नोट- स्तन में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है क्योंकि छोटी दिखने वाली समस्याएं बड़ी बनकर घातक हो सकती है. यह जानकारी अच्छी लगे तो लाइक, शेयर जरूर करें. धन्यवाद.
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