बुढ़ापे तक दिमाग को रखना चाहते हैं तंदुरुस्त ? अपनाएं ये टिप्स

कल्याण आयुर्वेद- किसी भी व्यक्ति के शरीर में मस्तिष्क एक नियंत्रक और नियामक के रूप में काम करता है. शरीर के आंतरिक और बाह्य भाग और उनसे संबंधित क्रिया और प्रक्रियाओं का नियंत्रण मस्तिष्क के द्वारा ही किया जाता है इसलिए प्रकृति द्वारा इसे शरीर में सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है.

बुढ़ापे तक दिमाग को रखना चाहते हैं तंदुरुस्त ?  अपनाएं ये टिप्स

विज्ञान में भी यह सिद्ध हो चुका है कि गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क का एक भाग विकसित होकर काम करना आरंभ कर देता है. इस प्रकार यह माना जा सकता है कि गर्भ में जीवन की उत्पत्ति के साथ ही मस्तिष्क के कार्य करने की प्रक्रिया आरंभ हो जाता है. यह प्रक्रिया निरंतर बिना किसी बाधा के चलती रहे इसके लिए हमें प्रयास करने पड़ते हैं.

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि व्यक्ति की जीवन शैली पर उनके खान-पान के साथ रहन-सहन का काफी प्रभाव पड़ता है और हमारे द्वारा किए गए कुछ कार्यों का भी प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है जो हमारे मस्तिष्क की शक्ति को कमजोर बना देता है इसलिए हमें ऐसे कार्यों से दूर रहना चाहिए.

तो चलिए जानते हैं विस्तार से-

क्या आप अपनी जिद्दी दिमाग से बहुत ही परेशान रहते हैं क्योंकि वह जो आप याद रखना चाहते हो याद नहीं होता या फिर आप जो समझना चाहते हैं समझ नहीं पाते या फिर आप सोचते कुछ हैं और करते कुछ रहते हैं. जिसके कारण सब गड़बड़ हो जाता है. अगर हां, तो आईबीएन खबर डॉट कॉम डॉक्टर माइक डॉव की किताब के कुछ चुनिंदा बातें आपको बता रहे हैं जिसकी बदौलत आप अपने दिमाग पर काबू रख पाएंगे और जरूरत के हिसाब से नियंत्रित भी कर पाएंगे.

डॉक्टर माइक डॉव की किताब का नाम है द ब्रेन फॉग फिग्स. इसमें दिमाग पर नियंत्रण बनाने के तरीके बताए गए हैं और यदि आप इस तरीके को फॉलो करते हैं तो आपका दिमाग अधिक उम्र तक भी सही ढंग से काम कर सकता है.

तो चलिए जानते हैं दिमाग को तंदुरुस्त रखने के टिप्स-

1 .आजकल छोटी- मोटी बीमारियां होने पर भी लोग तुरंत ही दवाओं का सेवन करने लगते है. जैसे- सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार की समस्या होते हम गैर जरूरी दवाइयों का सेवन करने लगते हैं जिसके सेवन से हमारा दिमाग सुस्त हो जाता है इसलिए छोटी-मोटी बीमारियों में दवाओं के सेवन से बचें.

2 .अपने घर में छोटे-छोटे पौधे लगाए, हो सके तो पौधे वाले गमलों को अपनी हर एक कमरे में रखें, इससे वातावरण तो शुद्ध होता ही है साथ ही माहौल सकारात्मक बना रहेगा.

3 .आजकल ज्यादातर लोग मोबाइल फोन, टेबलेट, कंप्यूटर के सामने देर रात तक ही नहीं बल्कि कई लोग ऐसे हैं जो पूरी रात बिता देते हैं. जिससे हमारे शरीर को काफी नुकसान होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक चीजें रेडिएशन छोड़ते हैं. साथ ही नींद नहीं लेना हमारे सेहत बिगाड़ देता है जिसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है इसलिए इससे दूरी बनाए.

4 .खानपान का हमारे शरीर ही नहीं बल्कि दिमाग पर भी असर पड़ता है. इसलिए खाने- पीने की चीजों में विटामिंस वाली चीजों की मात्रा बढ़ाएं. इससे शरीर तो तंदुरुस्त रहेगा ही दिमाग भी आराम से काम कर सकेगा. अपने खानपान में अखरोट, अंडा, ब्लूबेरी, एवोकाडो, हरे पत्तेदार सब्जियां, सेलमन मछली इत्यादि को नियमित शामिल करें.

5 .मन लगाकर प्रैक्टिस करें, बिना दिमाग चलाएं एक्सरसाइज करें, दोनों ही बातों में मूलभूत अंतर है ध्यान रखेंगे तो खुश रहेंगे. अगर पढ़ाई कर रहे हो तो उसी पर ध्यान दें, अगर खेल रहे हो तो सिर्फ खेल पर ही ध्यान दें, कोई अन्य काम कर रहे हैं तो उस पर ही ध्यान दें क्योंकि एक ही कार्य पर ध्यान रहने से मन नहीं भटकेगा तो हर काम अच्छे तरीके से होगा और आपके दिमाग पर एक समय एक ही काम का जोर लगेगा.

6 .हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल का मेंटल रहना बहुत ही जरूरी है. कभी भी ठंडे ना पड़े, जूटे रहे, यूं ही ब्लड शुगर में थोड़ी सी गड़बड़ी शरीर को बड़ी क्षति पहुंचाता है तो दिमाग भी धीरे-धीरे सुस्त पड़ जाता है. इसके लिए खाने-पीने पर बराबर ध्यान दें.

7 .इंसुलिन को रोकें नहीं, हम इंसुलिन की मात्रा बढ़ाने वाली चीजों से लगातार परहेज करते हैं जबकि हकीकत यह है कि बाकी चीजों की तरह ही हमारे शरीर के लिए इंसुलिन भी बहुत जरूरी चीज है. इससे ब्लड शुगर के लेबल को एनर्जी जनरेट करने में मदद मिलती है. इसलिए ऐसी चीजों को नियमित सेवन करें. जिससे हमारे शरीर में इंसुलिन मेंटेन में रहे.

8 .हम कई बार सोचते हैं खुद से कहते हैं कि यह फालतू की बात है, इस बारे में सोचना बेकार है और दिमाग को आराम देकर पूरी तरह से ढीले पड़ जाते हैं. इस आदत से बाहर निकलिए क्योंकि दिमाग को अगर काम पर नहीं लगाएंगे तो उसे सुस्त पड़ने की संभावना अधिक हो जाती है.

9 .अगर आप सिर्फ रोटी खाते हैं तो चावल भी खाएं. सिर्फ चावल खाते हैं तो रोटी भी खाए. क्योंकि दिमाग चलाने के लिए कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है जो रोटी, चावल, पास्ता में है. यह कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर को ट्रिगर करता है जो शरीर और दिमाग के लिए जरूरी संतुलित एनर्जी पैदा करता है. ऐसे में भोजन की एकरूपता आपके लिए हानिकारक है.

10 .सिर्फ 12 मिनट का ध्यान लगाना आपके दिमाग को स्वस्थ रखेगा और मेमोरी को तेज करेगा. इसलिए नियमित प्रतिदिन ध्यान जरूर लगाएं.

11 .दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखना है तो प्रतिदिन के आहार omega-3s का इस्तेमाल बढ़ाना होगा. यह आपको डिप्रेशन से निकालता है. आपको बता दें कि डिप्रेशन हमारे दिमाग को कमजोर बनाता है इसके साथ ही बता दें कि ओमेगा 6 एस आपके शरीर के लिए हानिकारक है जो अधिकतर प्रोसैस्ड फूड से मिलता है. ऐसे में पास्ता, सॉस, मायोनिज जैसी चीजों से दूर रहें. वरना धीरे-धीरे आप डिप्रेशन की ओर चले जाएंगे जो दिमाग को सुस्त कर देगा.

12 .नॉन ऑर्गेनिक भोजन की जगह ऑर्गेनिक भोजन अपनाएं, जो आपके दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखेगा. यह ओमेगा 3s में बैलेंस भी बनाता है जैसे शुद्ध दूध में 62% ओमेगा-3s होता है जो हमारे लिए बेहतर होता है, वही दूध पाउडर 25% ओमेगा 6s होता है जो नुकसानदायक होता है.

13 .नियमित व्यायाम करना भी हमारे दिमाग की स्वस्थ रखता है क्योंकि डिप्रेशन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है इसलिए प्रतिदिन कुछ समय निकालकर व्यायाम करें.

14 .आज की भागदौड़ भरी जिंदगी ज्यादातर लोग मोटर गाड़ी की सहारा लेकर जल्दी कहीं पहुंचना चाहते हैं. लेकिन पैदल चलने से न सिर्फ तनाव दूर होता है बल्कि पूरे शरीर का बैलेंस भी शानदार बना रहता है. इसलिए ज्यादा दूरी की यात्रा करनी ना हो तो पैदल चलने को प्राथमिकता दें.

15 .सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए सामाजिक नहीं बना जा सकता, सचाई यह है कि सोशल साइट भी तनाव पैदा करने लगे हैं. ऐसे लोगों से मिलना- जुलना दिमाग को ताजगी से भर देगा. इसलिए किसी की हाल-चाल लेने के लिए मोबाइल फोन का सहारा नहीं बल्कि मिलने- जुलने का प्रयास करें.

16 .तनाव हमारे दिमाग को कमजोर करता है लेकिन आपको बता दें कि अध्यात्म का रास्ता आपको मानसिक तनाव से मुक्ति देगा. ऐसे में अपनी आस्था कहीं न कहीं केंद्रित करें.

17 .भरपूर नींद नहीं लेना ना सिर्फ हमारे शरीर के लिए ही नुकसानदायक नही है बल्कि यह दिमाग को भी नुकसान पहुंचाता है इसलिए रात में कम से कम 8 घंटे की नींद लें. इससे हमारा शरीर तो स्वस्थ रहेगा ही दिमाग भी फ्रेश रहता है.

18 .कोई भी काम करते समय ज्यादा तनाव ना लें. काम तो होता रहेगा, आप परेशान नहीं होंगे तब भी. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी काम को बिना तनाव लिए करें.

तो ये हैं कुछ टिप्स जो आपके दिमाग को तंदुरुस्त बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं. अगर यह जानकारी अच्छी लगी हो तो लाइक, शेयर और कमेन्ट जरूर करें. धन्यवाद.


Post a Comment

0 Comments