कल्याण आयुर्वेद- शुरुआत में जब किसी पेड़ पर केले का फल लगता है तो वह गुच्छे में होता है. एक कली जैसी होती है, जिसमें से हर पत्ते के नीचे केले का एक गुच्छा होता है. आमतौर पर देसी भाषा में उसे गैल कहा जाता है.
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केला सीधा क्यों नही होता है? जानिए खाने के 8 फायदे |
इसलिए होता है टेढ़ा?
शुरुआत में जब किसी पेड़ पर केले का फल लगता है तो वह गुच्छे में होता है. एक कली जैसी होती है, जिसमें से हर पत्ते के नीचे केले का एक गुच्छा होता है. आमतौर पर देसी भाषा में उसे गैल कहा जाता है.
इस तरह शुरुआत में केला जमीन की तरफ बढ़ता है, यानी सीधा होता है. लेकिन साइंस में एक प्रवृत्ति होती है, जिसे कहते हैं Negative Geotropism. इसका अर्थ है, वो पेड़ जो सूरज की तरफ बढ़ते हैं.
अपनी इसी प्रवृत्ति के कारण केला बाद में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से केले का आकार टेढ़ा हो जाता है. सूरजमुखी भी इसी तरह का पौधा है, जिसमें निगेटिव जियोट्रोपिज्म (Negative Geotropism) की प्रवृत्ति होती है.
आप में से बहुत से लोग शायद ही ये जानते हों कि सूरजमुखी का फूल हमेशा सूरज उगने की दिशा में होता है और शाम ढलते-ढलते जैसे सूरज अपनी दिशा बदलता है, सूरजमुखी का फूल भी दिशा बदलता है. इसी वजह से इस फूल का नाम सूरजमुखी है, यानी सूरज की तरफ मुख.
केले की बॉटनिकल हिस्ट्री-
केले के बॉटनिकल हिस्ट्री के मुताबिक केले के पेड़ सबसे पहले रेनफॉरेस्ट के मध्य में पैदा हुए थे. वहां सूरज की रोशनी काफी कम पहुंचती है. इसलिए केले को विकसित होने के लिए पेड़ों ने खुद को उसी माहौल के हिसाब से ढाल लिया. इसलिए जब-जब सूरज की रोशनी आती, केले सूरज की तरफ बढ़ने लगे. इसलिए पहले जमीन की तरफ, फिर आसमान की तरफ बड़े होने के कारण केले का आकार टेढ़ा हो गया.
पुराना है इतिहास-
केले का पेड़ और केले को धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र फल माना गया है. चाणक्य के अर्थशास्त्र में भी केले के पेड़ का जिक्र है. अजंता-एलोरा की कलाकृतियों में भी केले की तस्वीरें मिलती हैं. इसलिए केले का इतिहास काफी पुराना है. माना जाता है कि केला सबसे पहले करीब 4000 साल पहले मलेशिया में उगा था और फिर यहीं सारी दुनिया में फैल गया. आज हालत ये है कि दुनिया के करीब 51% केले नाश्ते में ही खा लिए जाते है.
केला खाने के फायदे-
1 केला ग्लूकोज से भरपूर होता है, जो शरीर को तुरंत उर्जा प्रदान करने में सहायक होता है। इसमें 75 प्रतिशत जल होता है, इसके अलावा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, लोहा और तांबा भी इसमें पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
2 शरीर में रक्त निर्माण और रक्त को शुद्ध करने के लिए भी केला फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद लोहा, तांबा और मैग्नीशियम रक्त निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं।
3 आंतों की सफाई में भी केला बहुत लाभदायक होता है। साथ ही कब्ज की शिकायत होने पर केला बेहद कारगर होता है।
4 आंतों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर या दस्त, पेचिश एवं संग्रहणी रोगों में दही के साथ केले का सेवन करने से फायदा होता है।
5 पके हुए केले को काटकर, चीनी के साथ मिलाकर बर्तन में बंद कर के रख दें। इसके बाद इस बर्तन को गर्म पानी में डालकर गर्म करें। इस प्रकार बनाए गए शर्बत से, खांसी की समस्या खत्म हो जाती है।
6 जुबान पर छाले हो जाने की स्थिति में गाय के दूध से बने दही के साथ केले का सेवन करना लाभदायक होता है। इससे छाले ठीक हो जाते हैं।
7 दमे के इलाज में भी केले का प्रयोग बेहद लाभकारी होता है। कई लोग इसके लिए केले को छिलके सहित सीधा या खड़ा काटकर, उसमें नमक व काली मिर्च लगाकर रातभर चांदनी में रखते हैं और सुबह इस केले को आग पर भूनकर मरीज को खिलाते हैं। ऐसा करने से दमा के रोगी को आराम मिलता है।
8 गर्मी के मौसम में नकसीर फूटने की समस्या होने पर एक पका केला शक्कर मिले दूध के साथ नियमित रूप से खाने पर सप्ताह भर में लाभ होता है। इससे नकसीर आना बंद हो जाता है।
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