शरीर में दिख रहे ये 7 लक्षण, हो सकते हैं एड्स का संकेत, नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी

कल्याण आयुर्वेद - एड्स एक लाइलाज बीमारी है. इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता ही एकमात्र उपाय है. इसलिए एड्स के लक्षण कारण और बचाव के तरीके पता होना बहुत जरूरी है. डॉक्टर कहते हैं कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति अगर हेल्थी लाइफस्टाइल और डाइट फॉलो करें, तो उसका जीवन सामान्य हो सकता है. एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल दिसंबर में वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. आज के इस पोस्ट में हम आपको एड्स के लक्षण तथा इससे बचने के उपाय बताने जा रहे हैं.

शरीर में दिख रहे ये 7 लक्षण, हो सकते हैं एड्स का संकेत, नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी

तो आइए जानते हैं विस्तार से -

कैसे फैलता है एड्स -

एचआईवी पॉजिटिव असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से, मरीज के शरीर में इस्तेमाल किए हुए इंजेक्शन को दूसरे व्यक्ति के इस्तेमाल करने से भी यह बीमारी हो सकती है. पीड़ित व्यक्ति का ब्लड किसी दूसरे व्यक्ति को चढ़ाने से एचआईवी वायरस फैलता है. एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला के शरीर में पल रहे शिशु के शरीर में वायरस ट्रांसमिट हो सकता है.

एड्स के लक्षण -

एड्स के शुरुआती दिनों में किसी तरह के लक्षण सामने नहीं आते हैं. व्यक्ति बिल्कुल साधारण दिनों की तरह सेहतमंद ही रहता है. कुछ साल के बाद इसके लक्षण सामने आते हैं. जिसमें बुखार, थकावट, सूखी खांसी, वजन घटना, स्किन, मुंह, आँख या नाक के पास धब्बे पड़ना, समय के साथ कमजोर याददाश्त और शरीर में दर्द की शिकायत होना, इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है. गले में खराश या ग्रंथियों में सूजन को इग्नोर करना आपको मुश्किल में डाल सकता है. त्वचा पर रैशेज और मांस पेशियों में दर्द एचआईवी संक्रमित होने के लक्षण होते हैं. गले की नली मुंह या गुप्तांग में घाव एचआईवी संक्रमण की निशानी है. डॉक्टर कहते हैं कि एड्स के मरीजों को रात में पसीना आने की शिकायत होती है. पेट खराब या डायरिया जैसी दिक्कतों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

एड्स से लड़ने की ताकत के लिए करें इन चीजों का सेवन -

1.फल और सब्जियां -

फल और सब्जियों में पाया जाने वाला न्यूट्रीशन जिसे एंटी ऑक्सीडेंट कहते हैं, वह इम्यूनिटी को दुरुस्त करता है. ऐसी कंडीशन में हेल्दी डाइट के लिए रोजाना पांच से 9 सर्विंग का लक्ष्य बना ले. अलग-अलग तरह के फल और सब्जियों का सेवन करें. जिससे शरीर को अलग तरह के विटामिन और मिनरल मिल सके.

2.साबुत अनाज -

कार्बोहाइड्रेट से आपकी बॉडी को एनर्जी मिलती है. इसके लिए आपको ब्राउन राइस या गेहूं की रोटी खानी चाहिए. साबुत अनाज में विटामिन बी के अलावा फाइबर भी होता है, जो शरीर में फैट को बढ़ने से रोकता है. एचआईवी में इसके बड़े साइड इफेक्ट हो सकते हैं.

3.लीन प्रोटीन -

मजबूत मांसपेशियों और अच्छे इम्यून सिस्टम के लिए शरीर को लीन प्रोटीन की भी जरूरत होती है. इसके लिए अपनी डाइट में चिकन, मछली, अंडे, फलीदार सब्जियां और बादाम को शामिल करें.

4.हेल्दी फैट -

फैट्स से शरीर को ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में कैलोरी होती है. डाइट में सिर्फ हेल्दी फैट को शामिल करें. इसके लिए आप बादाम, वेजिटेबल ऑयल और एवोकाडो का सेवन कर सकते हैं. इनमें मौजूद हेल्दी फैट आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

5.खूब पानी पिएं -

बीमारी होने पर अक्सर लोगों को प्यास नहीं लगती है. लेकिन एचआईवी जैसी घातक बीमारी में शरीर को रोजाना 8-10 कप या दूसरे लिक्विड की जरूरत होती है. यह पानी शरीर से पोषक तत्वों को अपना काम करने और दवाओं को फ्लैश करने का काम करता है. साथ ही बॉडी को डीहाइड्रेट होने से बचाता है और एनर्जी लेवल को बढ़ाता है.

6.शुगर और नमक -

एचआईवी में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है. बहुत ज्यादा शुगर या नमक पर आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है. आपको अपनी डेली डाइट में शुगर की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा आपको रोजाना कई तो मिलीग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए.

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