कल्याण आयुर्वेद - जीवन के लिए पानी जरूरी है, यह तो हम सभी जानते हैं. परंतु शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिलना भी बहुत जरूरी होता है. बल्कि शरीर में एक बड़ा हिस्सा पानी का ही है. वह विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. इसके अलावा डाइजेशन से लेकर कई तरह की फंक्शनिंग तक में पानी का उपयोग होता है. पानी की हमारे जीवन में इतनी ज्यादा अहमियत है. लेकिन फिर भी आपको बता दें कि गलत तरीके से पिया गया पानी आप को नुकसान पहुंचाता है. आज हम आपको पानी पीने को लेकर किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में बताएंगे.
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खड़े होकर पानी पीने का शरीर पर होता है ऐसा असर, जानकर रह जाएंगे हैरान |
तो आइए जानते हैं विस्तार से -
1.खाने के बीच में पानी पीना -
आयुर्वेद में पानी पीने के तरीकों को लेकर बहुत विस्तार से बताया गया है. इसके मुताबिक डाइजेशन सही रखने के लिए भोजन के बीच में कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए. ऐसा करना मोटापे का कारण भी बन सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक भोजन करने से पेट में गर्मी पैदा होती है और पानी का गुण शीतलता का है. ऐसे में भोजन के बीच पिया गया पानी उस गर्मी को खत्म कर देता है, जो बीमारियों की वजह बनता है.
2.एक सांस में पानी गटकना -
एक बार में एक गिलास पानी पीना गलत है. पानी हमेशा घूंट घूंट करके हीं पीना चाहिए. अगर आप एक बार में पानी पी जाते हैं, तो यह गलत आदत है. इससे आपको काफी नुकसान हो सकता है.
3.गर्म पानी -
गरम पानी पीना भोजन को जल्दी पचाने का काम करता है. लिहाजा भोजन करने के आधा घंटा पहले और आधा घंटे बाद घूंट घूंट करके पानी पी सकते हैं.
खाना खाने के तुरंत पहले और बाद में कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए. हमेशा खाना खाने के पहले और बाद में पानी पीने को लेकर कम से कम 30 मिनट का अंतराल जरूर रखें. ताकि पानी गैस्ट्रिक जूस को पतला ना करें और भोजन के पाचन में रुकावट ना पैदा करें. बहुत जरूरत हो तो आप एक दो घूंट पानी पी सकते हैं.
5.खड़े होकर पानी ना पिएं -
शरीर के सभी अंगों को पानी की जरूरत होती है. ताकि यह वहां पर गंदगी या विषैले पदार्थों को अपने साथ ले जाएं.
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