कल्याण आयुर्वेद - अध्ययनों से पता चलता है, कि हमारे शरीर के सभी अंग एक दूसरे से जुड़े होते हैं. यानी की एक को होने वाली परेशानी का असर दूसरे अंग की सेहत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है और मस्तिष्क और दिल के बीच भी कुछ ऐसा ही संबंध होता है. अध्ययनों से पता चलता है, कि जिन लोगों की हृदय गति लगातार बढ़ती जा रही है उनमें डिमेंशिया जैसे मनोरोग का जोखिम खत्म अधिक हो जाता है. डिमेंशिया या मनोबल को संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में होने वाली क्षति से संबंधित समस्या माना जाता है. जिसके कारण लोगों को सोचने चीजों को याद रखने और तर्क करने जैसी चीजों में कठिनाई आने लगती है. डिमेंशिया के कारण व्यक्ति के दैनिक जीवन के कार्यों में भी समस्या आती है. यही कारण है कि लोगों को इससे बचाव करते रहने की सलाह दी जाती है.
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हार्ट रेट का बढ़ना दिल ही नहीं दिमाग के लिए भी है खतरनाक, हो सकती है यह गम्भीर बीमारी |
डिमेंशिया का खतरा -
मास्टर एंड डिमेंशिया जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि हार्ट रेट का अधिक होना, कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है. डिमेंशिया भी उन्हीं में से एक है. आमतौर पर हार्ड रेट बढ़ने को दिल की सेहत से जोड़कर देखा जाता है. पर इस अध्ययन में जानने को मिला कि हाइड्रेट का बढ़ना मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.
डिमेंशिया क्यों होता है -
रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है. 50 या उससे अधिक उम्र के लोगों में से लगभग एक तिहाई को डिमेंशिया की शिकायत होती है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि सभी लोगों में डिमेंशिया की समस्या हो ही. डिमेंशिया मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं और उनके कनेक्शन को होने वाली क्षति के कारण होने वाली बीमारी है. मस्तिष्क के प्रभावित हिस्से के आधार पर डिमेंशिया लोगों को अलग तरह से प्रभावित करता है और इसके विभिन्न प्रकार के लक्षण हो सकते हैं.
हार्ट रेट को नियंत्रित करें -
अध्ययन के लेखक कहते हैं कि हार्ट रेट बढ़ने और इसके कारण डिमेंशिया के खतरे के बारे में जानने को मिलता है. ऐसे में सभी लोगों को हृदय गति को नियंत्रित रखने के उपाय करते रहना चाहिए. शरीर के आराम करते समय हृदय प्रति मिनट जितनी बार धड़कता है. उसे रेस्टिंग हार्ट रेट कहा जाता है. यह उम्र, स्वास्थ्य, फिटनेस, लिंग आदि जैसे कारकों पर निर्भर होता है. यदि हार्ट रेट बढ़ा हुआ रहता है तो इसको नियंत्रित करने के उपाय करके आप दिल और दिमाग दोनों की कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं.
हार्ट रेट को कैसे नियंत्रित करें -
कई साधारण से उपाय और जीवनशैली में स्वास्थ्य बदलाव करके हृदय की गति को नियंत्रित रखा जा सकता है. इसके लिए सबसे आवश्यक है संतुलित आहार का सेवन करना. भोजन पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा शरीर को सक्रिय रखना सुनिश्चित करें. इसके लिए नियमित व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें. यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ दें. क्योंकि यह आपने डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकता है. दिमाग संकरी हो सकती है. जिसके परिणाम स्वरुप हृदय गति बढ़ सकती है.
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