कल्याण आयुर्वेद - खजूर का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. भारत में देश में खजूर से लेकर सऊदी अरब, इराक, ईरान, मध्य एशिया, देशों से आने वाले खजूर की खूब मांग की जाती है. इसकी सेकड़ों किसमें होती है. मोटे तौर पर खजूर ₹100 से लेकर ₹3000 किलो तक बिकता है. भक्तिकालीन कवि कबीर का दोहा है कि ' बड़ा हुआ तो क्या हुआ ? जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं ,फल लागे अति दूर ' इस दोहे को पढ़कर ऐसा लगता है जैसे खजूर किसी काम का नहीं है. हकीकत यह है कि पूरे विश्व में खजूर का कारोबार चल रहा है और कई देश खजूर बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं. असल में खजूर गुणों से भरपूर होता है. इसमें ऐसे गुण पाए जाते हैं जो अन्य फलों में नहीं मिलते हैं. इसके बावजूद भी आप खजूर खा सकते हैं. लेकिन इसके पेड़ से दूर ही रहे कारण यह है कि का पेड़ा को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है और आप कंगाली के कगार पर आ सकते हैं.
![]() |
अजब गजब है खजूर ! खाओ तो सेहत रहेगा शानदार, पेड़ लगाया तो कर देगा कंगाल |
खजूर के पेड़ से फल का इतिहास हजारों साल पुराना है. किताबों की जानकारी के अनुसार इसकी खेती 4000 ईसा पूर्व इराक में हुई इस सभ्यता में सूर्य चंद्र वायु आदि को देवता मानकर उनकी पूजा की जाती थी. इनके मंदिर के निर्माण में खजूर के पेड़ का इस्तेमाल किया जाता था. मिस्र की सभ्यता में भी खजूर का वर्णन है. वहां खजूर का इस्तेमाल वाइन बनाने के लिए किया जाता था. खजूर के तार भारत से भी जुड़े हुए हैं. देश के प्राचीन धार्मिक और आयुर्वेदिक ग्रंथों में खजूर का वर्णन है. वनस्पति शास्त्री इसे तार की प्रजाति से जोड़ते हैं जिसकी उत्पत्ति भारत में मानी जाती है.
आपको बता दें कि दुनिया के तीन प्रमुख धर्म ईसाई मुस्लिम वह हिंदू धर्म में खजूर और इसके वृक्ष को बहुत ही महत्व दिया जाता है. इसाई मानते हैं कि गुड फ्राइडे की तीसरे दिन यानी रविवार को ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे. उनके दोबारा जीवित होने की इस घटना को ईसाई धर्म के लोग इस्टर दिवसीय इस्टर रविवार मानते हैं. इस्टर खुशी का दिन है. इस पवित्र रविवार को खजूर इतवार कहा जाता है मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान में खजूर का 22 बार उल्लेख किया गया है. ग्रंथ में हजरत मोहम्मद कहते हैं कि हर दिन सुबह 7 खजूर खाने से कई तरह की बीमारियों से बचने में मदद मिलती है. रमजान का रोजा खोलने में भी खजूर का विशेष महत्व माना जाता है. यहूदी धर्म में सात पवित्र स्थलों का वर्णन किया गया है उनमें खजूर भी शामिल है .
रमजान के दौरान खजूर की काफी डिमांड होती है. भारत में देसी खजूर से लेकर सऊदी अरब, इराक आदि जैसे देशों से भी खजूर की मांग की जाती है.
खजूर बेहद गुणकारी है -
आयुर्वेदिक ग्रंथ अनुसार भी यह बहुत फायदेमंद होता है. यह स्वाद में मधुर और शीतल होता है. इसे वात-पित्त में लाभकारी बताया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के चीफ साइंटिस्ट के अनुसार खजूर में अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो डाइजेशन को ठीक रखता है. इसका सेवन करने से कब्ज से भी बचा जा सकता है. यह एंटी ऑक्सीडेंट भी है. लेकिन खजूर का सेवन मांस पेशियों में दर्द की समस्या पैदा कर सकता है. क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है. इसका अधिक सेवन करने से आपको एलर्जी, पेट में दर्द, पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
गर्मियों के मौसम में खजूर का ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने पर आपका वजन भी बढ़ सकता है. आपको बता दें खजूर में कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा मौजूद होती है जो वजन बढ़ाने का कारण बनती है.
दूसरी और खजूर के पेड़ की कहानी भी काफी अजीबोगरीब है. वास्तु शास्त्र और ज्योतिषियों ने घर और आसपास के वृक्ष को लगाना अशुभ बताया गया है. उनका मानना है कि खजूर का वृक्ष व्यक्ति और परिवार को जबर्दस्त आर्थिक नुकसान पहुंचाता है. वास्तु शास्त्र और ज्योतिषाचार्य के अनुसार मशहूर कहावत है ' आसमान से गिरे, खजूर में अटके ' यानी आकाश तत्व से चलते हुए जो वायु तत्व है, वहां पर काम अटक जाते हैं. इस पेड़ के कारण घर में कमाने वाले इंसान के काम फंस जाते हैं और धन की हानि होने लगती है.
कंगाली भी आने लगती है -
वास्तुशास्त्र में यह भी कहा गया है कि कोई भी पेड़ लगाओ वह घर की हाइट से ऊंचा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में बेलपत्र के पेड़ की पूजा की जाती है. लेकिन बेलपत्र के पेड़ को छोड़कर किसी भी कांटे वाले पेड़ की पूजा का विधान नहीं है. खजूर के पत्तों के किनारे कांटेदार संरचना होती है इसलिए इसकी पूजा नहीं की जाती है. भारत की अन्य भाषा में खजूर के नाम कई तरह से है.
आपको यह जानकारी कैसी लगी ? हम कमेंट में जरूर बताइए और अगर अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को लाइक तथा शेयर जरूर करें. साथ ही चैनल को फॉलो जरूर करें. इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.
0 Comments