कल्याण आयुर्वेद - छोटे बच्चों की समस्या के बारे में सटीक पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है. क्योंकि वह खुद बोल नहीं पाते हैं, जिससे उनकी परेशानी के बारे में सही सही अंदाजा लगाना काफी मुश्किल होता है. लेकिन माता-पिता को बच्चों में अस्थमा के लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. जिससे कि वे उचित कदम उठा सके. आज के पोस्ट में हम आपको छोटे बच्चों में अस्थमा होने के कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताएंगे, जो काफी आम होते हैं और उन्हें नजरअंदाज करना आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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छोटे बच्चों में अस्थमा होने पर दिखते हैं ये लक्षण, कभी ना करें इग्नोर |
छोटे बच्चों में अस्थमा के लक्षण -
अस्थमा एंड एलर्जी फाउंडेशन ऑफ अमेरिका के मुताबिक जब बच्चों में अस्थमा हो जाता है तो निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
तेज सांस चलना, सांस लेने में ताकत लगाना, सांस लेते हुए किसी की आवाज आना, लगातार खांसी आना, कुछ निगलने में तकलीफ होना, थकान होना, आंखों के आसपास की रंगत रेड या डार्क हो जाना आदि.
शिशुओं में अस्थमा होने के कारण -
बच्चों में अस्थमा होने के सही कारणों के बारे में अभी तक पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन फैमिली में से किसी को अस्थमा होने या गर्भावस्था में मां के धूम्रपान करने की वजह से छोटे बच्चों में अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है. वही 5 साल या उससे कम उम्र के बच्चों में अस्थमा होने के पीछे रेस्पिरेट्री वायरस भी कारण हो सकता है.
वयस्कों से किस तरह अलग होता है बच्चों में अस्थमा -
1.छोटे बच्चों और शिशुओं की सांस लेने की नली बड़े बच्चे या व्यक्ति के मुकाबले काफी छोटी होती है. जिस कारण छोटी सी परेशानी की वजह से भी बच्चों को सांस लेने में बहुत तकलीफ होने लगती है.
बच्चों में अस्थमा के लक्षण कम कैसे करें -
बच्चों में अस्थमा के लक्षण कम करने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं जैसे -
1.ऐसे ट्रिगर की पहचान करें जो बच्चों में अस्थमा की बीमारी गंभीर करते हैं.
2.धूल मिट्टी, पालतू जानवर, फूल आदि से बच्चों को दूर रखें.
3.डॉक्टर द्वारा बताए गए अस्थमा मैनेजमेंट प्लान का पालन करें. बच्चे के आसपास धूम्रपान करने से बचें.
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