कल्याण आयुर्वेद - क्या आपको कुछ दिनों में बार बार उल्टी हो रही है और इस दौरान खून भी निकलता है, तो इस स्थिति को नार्मल समझकर नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. यह सेहत से संबंधित एक गंभीर स्थिति की तरफ इशारा करता है. एक दो बार उल्टी करने के दौरान एक दो बूंद खून नजर आए, तो यह खाने की नली या गले में कोई असर होने का कारण ऐसा हो सकता है, जो अपने आप ठीक हो जाता है.
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उल्टी करते समय आता है खून ? तो ना करें नजरअंदाज, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके |
कई बार फूड पाइप के निचले भाग की दीवार फटने पर भी उल्टी में खून आता है. लेकिन बार-बार उल्टी आए और उसके साथ खून का खून के थक्के निकले तो यह गंभीर लिवर रोग की तरफ इशारा करता है. खांसी में खून आने से या बिलकुल अलग होता है. आइए जानते हैं उल्टी में खून आने के कारण, लक्षण और इलाज.
खून की उल्टी के लक्षण -
खून की उल्टी में उजला लाल कॉफी बींस जैसे रंग में खून निकलता है. भोजन नली पेट में रक्त स्राव के कारण उजला लाल खून उल्टी करते समय आ सकता है. इसके अलावा पेट दर्द होना, जी मिचलाना, भोजन करते ही खाना बाहर आ जाना, पेट में ऐठन आदि खून की उल्टी के लक्षण हो सकते हैं. खून आने पर यह सभी लक्षण नजर आए तो डॉक्टर से मिल लें.
खून की उल्टी के कारण -
खूनी उल्टी होने के कई कारण होते हैं. जैसे लिवर में कोई समस्या, पेट का कैंसर, कैंसर या ट्यूमर, शराब का अधिक सेवन करने से होने वाली सिरोसिस बीमारी, भोजन नली का कैंसर, एसोफेग्स में सूजन, नसों में समस्या, पेट में सूजन, पेट में छाला पड़ना आदि. इसका इलाज समय रहते ना कराया जाए तो यह रिस्की हो सकता है. इसके मुख्य जोखिम कारक हो सकते हैं. किडनी रोग, आँतों में कोई परेशानी, स्टेरॉइड दवाओं का अधिक सेवन करना, शराब का सेवन करना, पेट का कैंसर, विटामिन सी की कमी, ब्लड क्लोटिंग की समस्या, पैदाइश समस्या आदि.
खून की उल्टी से बचाव के उपाय -
अधिक तेल मसाला न खाएं, खट्टी चीजों का सेवन करने से बचें, पेट में अल्सर की समस्या है तो खासकर खानपान सादा और सुपाच्य हो, उल्टी की समस्या से बचने के लिए स्मोकिंग और शराब का सेवन करने से बचें. हेल्दी फूड का सेवन करें. बाहर की चीजों का अधिक सेवन ना करें. खून की उल्टी की जांच करने के लिए डॉक्टर इमेजिंग स्कैन जैसे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, x-ray, एंड कॉपी आदि के अलावा ब्लड टेस्ट किया जा सकता है. खूनी उल्टी रोकने का इलाज उन कारकों पर निर्भर करता है. जिसके कारण ऐसा हो रहा है. यदि आपको पेट में छाले हैं, तो इसके लिए दवा खानी पड़ सकती है. एंटी बायोटिक्स दे सकता है. इस समस्या की गंभीरता पर इलाज अलग अलग तरह से किया जाता है.
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