एक जवान स्त्री कुएं के पास पानी भर रही थी, तभी एक आदमी वहाँ पहुँचा. उस आदमी ने स्त्री से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा- खुशी से उस स्त्री ने उसे पानी पिलाया.
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एक जवान स्त्री कुएं के पास पानी भर रही थी तभी एक आदमी... |
पानी पीने के बाद उस आदमी ने स्त्री से पूछा कि क्या आप मुझे बता सकती हैं कि भगवान भी किसी स्त्री के चरित्र को बता क्यों नही सकते ?
इतना कहने पर वह स्त्री जोर- जोर से चिल्लाने लगी बचाओ... बचाओ...
उसकी आवाज सुनकर गांव के लोग कुए की तरह दौड़ने लगे तो उस आदमी ने कहा कि आप ऐसा क्यों कर रही है, तो उस स्त्री ने कहा- ताकि गांव वाले आए और आपको खूब पीटें और इतना पीटे की आपके होश ठिकाने लग जाए.
यह बात सुनकर आदमी थर- थर कापने लगा और उसने कहा मुझे माफ करें, मैं तो आपको एक भली और इज्ज़तदार स्त्री समझ रहा था.
तभी उस स्त्री ने कुएं के पास रखा मटके का सारा पानी अपने शरीर पर डाल लिया और अपने शरीर को पूरी तरह भींगा लिया. इतने देर में गांव वाले भी कुएं के पास पहुंच गए.
गांव वालों ने उस स्त्री से पूछा कि क्या हुआ ?
स्त्री ने कहा मैं कुएं में गिर गई थी इस भले आदमी ने मुझको बाहर निकाला और मेरी जान बचा लिया. यदि यह आदमी यहां नही रहता तो आज मेरी जान चली गई होती.
गांव वालों ने उस आदमी की बहुत तारीफ की और उसको कंधों पर उठा लिया. उसका खूब आदर सत्कार किया और उसको इनाम भी दिया.
जब गांव वाले चले गए तो स्त्री ने उस आदमी से कहा कि अब समझ में आया स्त्री का चरित्र???
अगर आप स्त्री को दुःख देंगे और उसे परेशान करेंगे तो वह आपका सब सुख- चैन छीन लेगी और अगर आप उसे खुश रखेंगे तो वह आपको मौत के मुंह से भी निकाल लेगी.
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