मासिक धर्म के कितने दिन बाद गर्भधारण होती है ? जानिए विस्तार से

कल्याण आयुर्वेद- माँ बनने का सुख हर शादीशुदा महिला की सबसे बड़ी अभिलाषा और परम सुख होता है. लेकिन आज के समय में अनियमित जीवनशैली, अनियमित खानपान, दूषित वातावरण और गर्भधारण करने की सही जानकारी न होने की वजह से गर्भवती होना विवाहित महिलाओं के लिए बहुत बड़ी परेशानी और चुनौती बन चुकी है.

मासिक धर्म के कितने दिन बाद गर्भधारण होती है ? जानिए विस्तार से

लेकिन अगर यह समस्या है तो, इसका समाधान भी ज़रूर है. अत: आज इस लेख में कब और कैसे गर्भधारण होता है ? मासिक धर्म के कितने दिन बाद गर्भधारण होता है? इसके बारे में विस्तार से समझने की एक सफ़ल कोशिश करेंगे.

1. गर्भधारण कब और कैसे होता है ?

गर्भधारण होना 3 मुख्य बातों पर निर्भर करता है-

1 .महिला के अंडेदानी में अंडे का बनना.

2 .पुरुष के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणुओं की गुणवत्ता सही होना. 

3 .फैलोपियन ट्यूब का खुला होना.

1 .महिला के अंडेदानी में अंडे का बनना-

सामन्यता महिला के जीवन काल में 13 वर्ष से 45 वर्ष की उम्र तक हर महीने अंडेदानी में एक अंडा बनता है और पूरे जीवन काल में महिला की अंडेदानी में लगभग 400 बार अंडा बनता है. अगर अंडेदानी में अंडा समय से और पूरा बनता है तो गर्भधारण होना आसान होता है.

लेकिन अगर अंडेदानी में अंडा नहीं बन पा रहा यह पूर्ण विकसित अंडा नहीं बन पा रहा है तो गर्भधारण नहीं होता है.

2 .पुरुष के वीर्य में स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता का सही होना-

पुरुष के वीर्य के शुक्राणु और महिला के अंडे के मिलन से गर्भधारण होता है, लेकिन इसके लिए पुरुष के स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या कम से कम 40 milion/mililiter और गतिशीलता प्रति सेकंड कम से कम 25 माइक्रोमीटर होनी चाहिए.

लेकिन अगर स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता कम है तो यह कारण भी महिला को गर्भधारण करने में बाधक बनती है.

3 .फैलोपियन ट्यूब का खुला होना-

फैलोपियन ट्यूब प्रजनन तंत्र का नलिका रूपी अंग होता है जिसमें सेक्स करने के बाद अंडे और शुक्राणु का मिलन होता है और इस प्रक्रिया को अंडे का फर्टिलाइज होना कहते है.

लेकिन अगर फैलोपियन ट्यूब की नलिका अवरुद्ध या सिकुड़ गई है तो शुक्राणु, अंडे तक नहीं पहुँच पाते है. जिसके कारण अंडा फर्टिलाइज नहीं हो पाता है। इस वजह से भी गर्भधारण नहीं हो पाता है.

लेकिन आज के समय में इस समस्या को कैथराइजेशन शल्य रहित प्रक्रिया से बंद फैलोपियन ट्यूब को कुछ समय में आसानी से खोला जा सकता है.

अगर उपरोक्त तीनों ठीक है तो ओवरी पीरियड में पुरुष और महिला का शारीरिक संबंध बनाना गर्भधारण करने का सबसे अच्छा समय होता है.

यह ओवरी पीरियड (ओव्यूलेशन  दिन) महीने में 1 दिन का होता है जिसमें अंडेदानी में अंडे का निर्माण होता है और इस अंडे के अधिकतम उम्र 24 घंटे की होती है. इस दौरान महिला और पुरुष शारीरिक संबंध बनाते है तो पुरुष के शुक्राणु योनि से होते हुए फैलोपियन ट्यूब के रास्ते ओवरी में अंडे से मिलन करते है. केवल एक सबसे अधिक स्वस्थ और गतिशील शुक्राणु ही अंडे में प्रवेश कर पाता है.

शुक्राणु अंडे में प्रवेश करते ही अंडे की बाहरी दीवार पर ठोस आवरण बना लेता है जिससे अन्य शुक्राणु अंडे में प्रवेश नहीं कर पाते हैं, लेकिन कभी-कभी एक साथ 2 या 3 शुक्राणु अंडे में, एक ही समय में प्रवेश कर जाते है जिससे 2 या फिर 3 भ्रूण एक साथ विकसित हो जाते है, हालाँकि ऐसा लाखोँ में एक बार होता है. और इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को फर्टिलाइजेशन कहते है.

जो कि गर्भधारण की पहली सीढ़ी है. फर्टिलाइजेशन  होने के बाद अंडा, अंडेदानी से निकल कर गर्भाशय से चिपक कर भ्रूण का निर्माण होता है जो की गर्भधारण होना कहलाता है.

ये तो समझ आ गया होगा कि गर्भधारण के लिए क्या-क्या ज़रूरी है लेकिन यह ओवरी पीरियड क्या है ? और यह कब होता है ? 

2. मासिक धर्म के कितने दिन बाद गर्भधारण होता है ?

मासिक पीरियड चक्र में ओव्यूलेशन दिन का गर्भवती होने में बहुत बड़ा योगदान होता है. प्रत्येक महिला का मासिक धर्म चक्र सामान्यता 28 से 32 दिन का होता है. लेकिन यह मासिक धर्म चक्र का समय हर किसी महिला में 2 से 3 दिन कम या ज्यादा हो सकता है जो की गर्भधारण होने का समय (ओव्यूलेशन दिन ) पता करने में भ्रमित करता है.

ओव्यूलेशन दिन पता करने के लिए हमें सिर्फ अपनी मासिक पीरियड चक्र में से 14 दिन कम करने पर जो दिन बचते है वही दिन ओव्यूलेशन का दिन होता है। ओव्यूलेशन का दिन हम ओव्यूलेशन किट से भी पता कर सकते है जो मेडिकल के दुकान में आसानी से मिल जाती है. 

जैसे , हम यह मान कर चलते है कि मासिक पीरियड चक्र 30 दिन का है और इस महीने की 1 तारीख को मासिक धर्म चक्र शुरू हुई तो आपका ओव्यूलेशन का दिन 30-14 =16 वाँ दिन होगा और अगर मासिक धर्म चक्र 28 दिन का है तो ओव्यूलेशन का दिन 28 -14 = 14 वाँ दिन होगा. लेकिन यह समय शरीर के हार्मोन की वजह से 2 या 3 दिन पहले या बाद में भी हो सकता है. अत: 30 दिन की मासिक धर्म चक्र में पीरियड के पहले दिन के बाद 13 वें दिन से 19 वें दिन तक गर्भधारण होने की सबसे अधिक सम्भावना रहती है.

अंडे के अधिकतम उम्र 24 घंटे होती है लेकिन शुक्राणु ओवरी मे 5 से 7 दिन तक रह सकता है. अत: 11 वें दिन से 19 वें दिन तक एक दिन छोड़ कर गर्भधारण के लिए महिला और पुरुष को शारीरिक संबंध बनाना चाहिए .

3. गर्भधारण कितने दिन में होते हैं ?

अगर अंडा समय पर बनता है और सही समय पर उसका स्वस्थ शुक्राणु से मिलन होता है तो गर्भधारण होने में 5 से 15 दिन का समय लगता है. इसमें दो तरह की कंडीशन है जो गर्भधारण होने में 5 या 15 दिन को निर्धारित करती है.

(i) अगर महिला के अंडाशय में अंडा बनने के 24 घंटे के भीतर शारीरिक संबंध होता है तो पुरुष का शुक्राणु सिर्फ 3 से 5 मिनट में योनि से फैलोपियन ट्यूब से होते हुए अंडे के भीतर प्रवेश कर जाता है, इसके बाद अंडा 2 सेल स्टेज से लगभग 8 सेल स्टेज में परिवर्तित होता है और लगभग 5 से 6 दिन में जाकर अंडा गर्भाशय से चिपकर कर भ्रूण का निर्माण करता है जो के गर्भधारण होना कहलाता है.

(ii) जैसे की हमने लेख में पहले ही समझ लिया है कि शुक्राणु शारीरिक संबंध के 5 से 7 दिन बाद तक फैलोपियन ट्यूब में जीवित रहते है और अगर शारीरिक संबंध बनाने के 5 या 6 दिन बाद अंडा बनता है तो इस स्थिति में गर्भधारण करने के लिए 15 दिन तक का समय लगेगा.

4. गर्भावस्था का समय कब से गिनती की जा सकती है?

उपर्युक्त जानकारी से आप समझ गए होंगे कि ओव्यूलेशन का दिन ही सबसे अच्छागर्भधारण का समय होता है। जिसे हम ओव्यूलेशन के दिन शारीरिक संबंध बनाने के बाद अगली सुबह प्रेगनेंसी किट से महिला के  पेशाब की बूंदों से गर्भधारण का पता लगा सकते है।

साथ ही महिला के शारीरिक हार्मोन 22 वर्ष से 28 वर्ष की उम्र बीच ही सबसे अधिक संतुलित रहते है जो की सबसे उत्तम और बढ़िया गर्भधारण का समय होता है।

कभी-कभी कुछ असावधानियों और जानकारी के अभाव में गर्भधारण नहीं हो पाता है जिन्हें करने से हमें बचना है तो आईए इन ज़रूरी बातों को भी जान लेते है.

5. गर्भधारण कब नहीं होता है ?

1 .अत्यधिक तनाव में रहना अंडे और शुक्राणु की कार्य- क्षमता को प्रभावित करते है जो गर्भधारण नहीं होने की सबसे बड़ी वजह है.

2 .फैलोपियन ट्यूब की नलिका अवरुद्ध या सिकुड़ने से भी गर्भधारण नहीं होता है.

3 .लिंग और अंडकोष को लगातार गर्म पानी से धोने से भी शुक्राणु कमजोर होते है जिसके कारण भी गर्भधारण नहीं होती है.

4 .महिला और पुरुष का अत्यधिक धुम्रपान और शराब का सेवन करना भी सेक्स क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालते है.

5 .अत्यधिक गर्भ निरोधक दवाइयों के उपयोग से भी गर्भधारण में परेशानी होती है.

6 .अधिक मोटापा और अनियमित खानपान भी गर्भावस्था में सबसे बड़ा कारण है.

आशा करते है कि इस लेख में आपको गर्भवती होने के लिए पूरा गाइड मिला होगा. यदि यह जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर करें. धन्यवाद.





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