कल्याण आयुर्वेद- सामान्य रूप से गर्भधारण करने के लिए साल भर प्रयास करने के बाद भी अगर आपको सफलता हासिल नहीं होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें. क्योंकि गर्भधारण न कर पाने के कुछ मेडिकल कारण भी हो सकते हैं. यहां हम आपको कुछ जरूरी मेडिकल कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं.
![]() |
गर्भधारण नही कर पाने के मेडिकल कारण क्या हो सकते हैं ? जानें विस्तार से |
गर्भधारण नही कर पाने के मेडिकल कारण क्या हो सकते हैं ?
1 .अनियमित मासिक चक्र- जिन महिलाओं को अनियमित मासिक चक्र की समस्या रहती है, उन्हें अनियमित ओव्युलेशन का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण उन्हें गर्भधारण करने में अधिक समस्या होती है. जो महिला जितना कम ओव्युलेट करेगी उसके गर्भवती होने की संभावना उतनी ही कम होगी.
2 .एंडोमेट्रियोसिस- यह महिलाओं से संबंधी एक ऐसा विकार है, जो सीधे तौर पर उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है. क्योंकि इस समस्या में एंडोमेट्रियल कोशिकाएं (गर्भाशय की कोशिकाएं) गर्भाशय से बाहर की ओर बढ़ने लगती हैं, जो फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का कारण बनती है. इस कारण शुक्राणु और महिलाओं के सक्रिय अंडों का मिलन नहीं हो पाता है. इस समस्या में महिलाओं को बार-बार पेशाब महसूस होना, संभोग के दौरान दर्द, मल त्याग में परेशानी जैसे लक्षण महसूस होते हैं.
3 .ओव्युलेशन की समस्या- कई महिलाओं में गर्भधारण न कर पाने का कारण ओव्युलेशन की समस्या होती है. माना जाता है कि कुछ खास आदतों, सर्जरी या फिर हार्मोनल समस्या के कारण महिलाओं में ओव्युलेशन से संबंधित परेशानी होती है. जो पूर्ण रूप से बांझपन या गर्भधारण करने में मुश्किल का कारण बनती है.
4 .पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) - यह विकार महिलाओं में असंतुलित हार्मोन के कारण होता है. इस समस्या के कारण ओव्युलेशन की प्रक्रिया प्रभावित होती है. चूंकि ओव्युलेशन की प्रक्रिया गर्भधारण के लिए अत्यधिक जरूरी होती है. इस कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम गर्भधारण में एक बड़ी बाधा का काम करता है.
5 .फैलोपियन ट्यूब में रुकावट - फैलोपियन ट्यूब में रुकावट गर्भधारण न कर पाने का एक बड़ा कारण होता है. इस स्थिति सक्रीय अंडों का शुक्राणुओं से मिलन नहीं हो पाता है. यह समस्या एंडोमेट्रियोसिस, संक्रमण या अनियमित मासिक चक्र के कारण प्रजनन अंग में आने वाली सूजन के कारण हो सकती है.
6 .अंडे संबंधी परेशानी- गर्भधारण की प्रक्रिया अंडों की गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है. वहीं, महिलाओं में 35 से 40 की उम्र पार करने के बाद अंडों की मात्रा और गुणवत्ता कम होने लगती हैं. वहीं, कुछ दैनिक आदतें और खानपान भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार है. इस लिहाज से यह माना जा सकता है कि अगर अंडों की गुणवत्ता खराब होती है, तो इस कारण भी आपको मां बनने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
7 .प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी- विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित करती है. क्योंकि प्रोजेस्ट्रोन ऐसा हार्मोन है, जो महिलाओं में ओव्युलेशन की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है. वहीं, इसकी कमी महिलाओं में इस प्रक्रिया को धीमा करने का काम करती है. ऐसे में महिला गर्भधारण नही कर पाती है.
8 .सर्विकल म्यूकस की समस्या- सर्विकल म्यूकस एक चिपचिपा पदार्थ है, जो संभोग के दौरान महिला की योनि में बनता है. गर्भधारण कि प्रक्रिया में यह शुक्राणुओं को अंदर आने में मदद करता है, लेकिन संक्रमण के कारण म्यूकस गाढ़ा हो जाता है. जिसके फलस्वरूप यह शुक्राणुओं को आगे बढ़ने से रोकता है और गर्भधारण करने में परेशानी होती है.
9 .शुक्राणु संबंधी समस्याएं- गर्भधारण के लिए पुरुष के शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा का होना भी अनिवार्य होता है. कुछ पुरुषों में शुक्राणु की मात्रा व गुणवत्ता कम होती है. ऐसे पुरुष को नपुंसकता की श्रेणी में गिना जाता है. इसका मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन माना जाता है. ऐसी स्थिति में महिला साथी का गर्भधारण करना मुश्किल होता है.
10 .थायराइड की समस्या- विशेषज्ञों के मुताबिक थायराइड की समस्या के कारण भी महिलाओं को गर्भधारण करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि थायराइड की समस्या महिला में मासिक चक्र अनियमितता और ओव्युलेशन की प्रक्रिया को प्रभावित करती है, जो बांझपन के जोखिम कारक हैं. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि थायराइड से पीड़ित महिलाओं को गर्भवती होने के लिए अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
11 .वीर्य नली में रुकावट- वीर्य नली में रुकावट भी गर्भधारण की समस्या का एक बड़ा कारण हो सकती है. दरअसल यह नली पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं के मिलाने की प्रक्रिया का मुख्य रास्ता होता है. इसमें रुकावट आ जाने की स्थिति में वीर्य तो निकलता है, लेकिन उनमें शुक्राणु मौजूद नहीं होतेहैं. वहीं, गर्भधारण की प्रक्रिया महिला के सक्रीय अंडों और शुक्राणुओं के मिलन से ही पूर्ण होती है, इसलिए गर्भधारण न कर पाने का यह एक बड़ा कारण है. इसमें रुकावट के कई कारण हो सकते हैं जैसे – गोनोरिया और क्लेमाइडिया या गुप्तांग में किसी प्रकार की अंदरुनी चोट.
12 .अन्य कारण-
1 .अस्पष्टीकृत बांझपन– यह ऐसी समस्या है, जिसमें महिला किसी भी प्रकार की कोई समस्या न होने के बावजूद गर्भधारण करने में असमर्थ रहती है. इस संबंध में की गई जांच में भी किसी पुख्ता समस्या का पता नहीं चला है. कुछ शोध में पाया गया है कि बांझपन की इस अवस्था से पीड़ित लोगों ने विशेषज्ञों के सुझावों के साथ गर्भधारण में सफलता हासिल की है.
2 .संयोजन बांझपन- बांझपन की वह स्थिति जिसमें महिला और पुरुष दोनों बांझपन/नपुंसकता के विकार से ग्रस्त हों. ऐसे में गर्भधारण के लिए इलाज के दौरान दोनों साथियों को जांच की सलाह दी जाती है.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है किसी चिकित्सा राय का विकल्प नही है अतः गर्भधारण नही कर पाने की स्थिति में योग्य स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें. धन्यवाद.
0 Comments