कल्याण आयुर्वेद- ट्राइकोमोनियासिस एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) है जो पुरुष और महिला दोनों को प्रभावित करता है | यह बहुत व्यापक होते हैं लेकिन ये उपचार योग्य STI है | इससे संक्रमित लोगों में से केवल 15 से 30% लोगों में ही लक्षण दिखाई देते हैं और इस बीमारी के लक्षण सबसे ज्यादा आसानी से महिलाओं में पहचाने जा सकते हैं | महिलाओं में, ट्राइकोमोनियासिस को trichomonas vaginalis कहा जाता है और कई बार इसे "trich" (trick) भी कहा जाता है | लेकिन, ट्राइकोमोनियासिस केवल डॉक्टर के द्वारा टेस्ट्स करवाकर ही डायग्नोज़ कराना चाहिए, सिर्फ लक्षणों के आधार पर डायग्नोज़ नहीं करना चाहिए |
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महिलाएं ट्राइकोमोनियासिस के लक्षण कैसे पहचानें ? जानें बचाव के तरीके |
ट्राइकोमोनियासिस के लक्षण कैसे पहचानें ?
1 .वेजाइनल डिस्चार्ज पर ध्यान दें -
अधिकतर महिलाओं में, वेजाइनल डिस्चार्ज पूरी तरह से नॉर्मल होता है और यह क्लियर से लेकर दूध जैसा सफ़ेद हो सकता है | असामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज हरा-पीला सा और झागदार दिखाई देगा | दुर्गन्धयुक्त डिस्चार्ज भी असामान्य डिस्चार्ज का ही संकेत होता है.
ट्राइकोमोनियासिस वेजाइनल डिस्चार्ज के सम्पर्क में आने से फैलता है जो ज्यादातर वेजाइनल इंटरकोर्स के दौरान होता है| लेकिन, कई बार डूश नोजल जैसी दूसरी चीज़ों के वेजाइना में प्रवेश होने पर नॉन-सेक्सुअल ट्रांसमिशन भी हो सकता है | अच्छी बात यह है कि कोई भी परजीवी शरीर के बाहर केवल 24 घंटे तक ही जीवित रह सकते हैं |
2 .असामान्य जेनाईटल लक्षणों को पहचानें-
ट्राइकोमोनियासिस के कारण कुछ संक्रमित लोगों के जननांगों में लालिमा, जलन और खुजली की फीलिंग बनी रहती है | ये लक्षण संभावित ट्राइकोमोनियासिस इन्फेक्शन या दूसरे STI की संभावना दर्शाते हैं |
ट्राइकोमोनियासिस के कारण वेजाइनल कैनाल या वल्वा के अंदर इर्रीटेशन होता है |
अगर इर्रीटेशन केवल कुछ दिनों तक ही रहे या इलाज़ के बाद ठीक हो जाए तो ऐसा वेजाइनल इर्रीटेशन नॉर्मल हो सकता है | लेकिन, अगर इर्रीटेशन बना रहे या और बदतर हो जाए तो इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेकर उचित डायग्नोसिस और इलाज़ कराना ही बेहतर होता है |
3 .पीड़ायुक्त या असामान्य सेक्सुअल इंटरकोर्स या मूत्रत्याग को अनदेखा न करें-
ट्राइकोमोनियासिस के कारण जननांगों में इंफ्लेमेशन और दर्द हो सकता है जो इंटरकोर्स को असुविधाजनक बना सकता है | अगर आपको ये लक्षण अनुभव हों तो डॉक्टर की दिखाएँ और STIs या STDs के लिए टेस्ट होने तक इंटरकोर्स न करें |
ब्लड टेस्ट होने और उनमे ये डिजीज होने की संभावना को नकारने तक सभी तरह के सेक्सुअल इंटरकोर्स से दूर रहें जिनमे एनल और ओरल सेक्स शामिल हैं |
अगर आपको लगता है कि आपको STI/STD हैं तो अपने सेक्सुअल पार्टनर को बताएं और उन्हें भी टेस्ट कराने और इलाज़ कराने के लिए प्रोत्साहित करें | कुछ क्लीनिक आपके पार्टनर को एक ऐसी कांटेक्ट स्लिप देकर सचेत करने में मदद करेंगी जिनसे उन्हें पता लग सकता है कि वे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन के सम्पर्क में आ चुके हैं | इस पर आपका नाम नहीं होगा और यह भी नहीं बताया जायेगा कि कौन सा इन्फेक्शन है |
ट्राइकोमोनियासिस के लिए टेस्ट कराएं और इलाज लें.
पहचानें कि आपको STI/STDs होने की रिस्क कब-कब है-
किसी भी सेक्सुअल एक्टिविटी में, STI से संक्रमित होंने की रिस्क हमेशा बनी रहती है | कुछ परिस्थितियों में, आपको STI होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है और इन परिस्थितियों के बारे में जानकारी होने से आपको और आपके डॉक्टर को यह तय करने में मदद मिल सकती है कि आपको टेस्ट करवाने की जरूरत है या नहीं | आपको संभवतः टेस्ट कराने पड़ेंगे, अगर-
*आप अपने नए पार्टनर के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाये हों |
*आपने और आपके पार्टनर ने दूसरों के साथ असुरक्षित सेक्स किया हो |
*आपका पार्टनर कहे कि उसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज हैं |
*आप प्रेग्नेंट हैं या गर्भधारण की योजना बना रही हैं |
*आपके डॉक्टर या नर्स को आपकी वेजाइना से असामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज या सर्विक्स में लालिमा और सूजन दिखाई देती है |
डॉक्टर को अपनी वेजाइना से ट्राइकोमोनियासिस के टेस्ट के लिए सेल सैंपल लेने की अनुमति दें-
डॉक्टर आय हेल्थ केयर प्रोवाइडर एक कॉटन स्वाब से आपके वेजाइनल सेल टिश्यू या डिस्चार्ज को कलेक्ट करने की अनुमति मांगेंगे | कई बार स्वाब कॉटन टिप की बजाय एक प्लास्टिक लूप जैसा दिखाई देता है | इसे शरीर के संक्रमित हिस्से के ऊपर पोंछा जाता है जैसे वेजाइना के अंदर या उसके चारो ओर | यह आमतौर पर पीड़ारहित होता है और इसमें बहुत ही कम परेशानी होती है |
डॉक्टर सैंपल को तुरंत माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर परिक्षण कर तुरंत आपका रिजल्ट बता सकते हैं | अन्यथा आपको रिजल्ट के लिए 7 से 10 दिन का इंतज़ार करना पड़ सकता है | इंतज़ार की समयावधि में कोई भी सेक्सुअल एक्टिविटी न करें जिससे अगर आपको इन्फेक्शन हो तो वो फ़ैल न पाए |
ब्लड टेस्ट और सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट्स से ट्राइकोमोनियासिस का पता नहीं चलता | विशेषरूप से ट्राइकोमोनियासिस या STI टेस्ट करने के लिए कहें.
अगर आपको ट्राइकोमोनियासिस है तो डॉक्टर द्वारा बताई गयी एंटीबायोटिक्स लें-
अगर आपका टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उसके इलाज के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स देंगे | इस समय, टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही डॉक्टर आपको इन्फेक्शन होने की संभावना के अनुसार दवाएं दे सकते हैं | डॉक्टर ज्यादातर metronidazole (Flagyl) नामक ओरल एंटीबायोटिक्स देंगे जो बैक्टीरिया और प्रोटोजोआ (trichomoniasis एक प्रोटोजोआ परजीवी है) की ग्रोथ रोक देंगे | इसके साइड इफेक्ट्स के रूप में चक्कर आना, सिरदर्द, डायरिया, मितली, पेटदर्द, भूख न लगना, कब्ज, स्वाद में बदलाव और मुंह सूखने जैसे लक्षण हो सकते हैं | इसके कारण यूरिन भी डार्क रंग की आ सकती है |
अगर आप गर्भवती हैं या होने वाली हैं तो डॉक्टर को जरुर बताएं | Metronidazole प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित है |
इन एंटीबायोटिक्स को लेते हुए अल्कोहल का सेवन न करें |
अगर साइड इफ़ेक्ट बने रहे और और इस हद तक बढ़ जाएँ कि रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाए तो डॉक्टर को दिखाएँ |
अगर आपको झटके आयें, हाथ-पैरों में सुन्नपन हो या झनझनाहट हो या मूड या मेंटल चेंजेस हों तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ |
ट्राइकोमोनियासिस से पीड़ित ज्यादातर महिलाओं को बैक्टीरियल वेजिनोसिस भी होती है | अच्छी बात यह है कि जिन एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से ट्राइकोमोनियासिस का इलाज़ किया जाता है, उनसे बैक्टीरियल वेजिनोसिस भी ठीक हो जाता है |
ट्राइकोमोनियासिस से बचाव कैसे करें ?
1 .अपनी सेक्सुअल हेल्थ का ध्यान रखते हुए रूटीन चेकअप कराती रहें-
डॉक्टर से रूटीन चेकअप कराते रहना हमेशा ही अच्छा होता है, भले ही आपको कोई STIs न हों | याद रखें, ट्राइकोमोनियासिस से संक्रमित लोगों में से केवल 15 से 30% लोगों को ही संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं | बांकी के 70 से 85% लोगों में कभी भी कोई लक्षण नहीं दिखाई देते |
अगर इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो ट्राइकोमोनियासिस के कारण HIV होने या आपके सेक्सुअल पार्टनर को हिव ट्रांसमिट होने की रिस्क बढ़ सकती है |
प्रेग्नेंट महिलाओं में ट्राइकोमोनियासिस होने के कारण बच्चे को प्रोटेक्ट करने वाली मेम्ब्रेन समय से पहले ही फट जाती है और इसके कारण समय से पहले प्रसव हो जाता है |
2 .सुरक्षित सेक्स की प्रैक्टिस करें-
अगर आप किसी ऐसे मोनोगेमस रिलेशनशिप में न हो जिसमे वो व्यक्ति STIs मुक्त हो तो हमेशा लेटेक्स कंडोम (पुरुष और महिला दोनों के लिए) का इस्तेमाल करने से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड कंडीशन के संपर्क में आने से बचा जा सकता है | प्रोटेक्शन की कुछ और विधियाँ निम्नलिखित हैं:
3 .ओरल, एनल और वेजाइनल सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल करें |
4 .सेक्स टॉयज शेयर कभी न करें | अगर आप इन्हें शेयर करते हैं तो उन्हें धो लें या उन्हें किसी भी नए व्यक्ति के साथ इस्तेमाल करते समय नए कंडोम से केर कर लें |
5 .अपने सेक्सुअल पार्टनर को अपने इन्फेक्शन के प्रति आगाह कर दें-
अपने सेक्सुअल पार्टनर को बताएं कि आपने किसके साथ असुरक्षित इंटरकोर्स किया था या उसके डायरेक्ट जेनाईटल कांटेक्ट में आई थी जिससे जरूरत पड़ने पर वे टेस्ट और इलाज करा सकें |
कुछ क्लिनिक आपके पार्टनर की एक कांटेक्ट स्लिप देकर यह बताने में आपकी मदद करेंगी कि वे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन के सम्पर्क में आ चुके हैं | इसमें आपका नाम नहीं आयेगा और ये भी नहीं बताया जायेगा कि कौन सा इन्फेक्शन है लेकिन वे टेस्ट कराने के लिए तैयार हो जायेंगे |
सलाह
ट्राइकोमोनियासिस से बचने का केवल एक ही उपाय है- सुरक्षित सेक्स करना | लेटेक्स कंडोम का इस्तेमाल करें या फिर अगर असंक्रमित पार्टनर के साथ म्यूच्यूअली मोनोगेमस रिलेशनशिप न हो तो सेक्सुअल इंटरकोर्स में निरोध रखें |
चेतावनी-
ट्राइकोमोनियासिस के कारण जननांगों में होने वाली सूजन HIV के लिए आपकी संवेदनशीलता को बढ़ा देती है | इससे यह सम्भावना भी बढ़ जाती है कि आपसे HIV आपके पार्टनर को ट्रांसमिट हो जाए |
भले ही आप पहले ट्राइकोमोनियासिस की परेशानी से ठीक हो चुके हैं, फिर भी अगर आप सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान सावधानी नहीं रखेंगे तो दोबारा भी संक्रमित हो सकते हैं |
अनुपचारित ट्राइकोमोनियासिस से ब्लैडर इन्फेक्शन या प्रजनन सम्बन्धी समस्याएं बढ़ सकती हैं | प्रेग्नेंट महिलाओं में इससे मेम्ब्रेन समय से पहले ही फट सकती है और इसके कारण समय से पहले प्रसव हो सकता है और प्रसव के दौरान नवजात में भी इन्फेक्शन फ़ैल सकता है |
नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है किसी भी रोग के इलाज का विकल्प नही है अतः अधिक जानकारी के लिए योग्य चिकित्सक की सलाह लें. धन्यवाद.
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