गर्भवती महिलाएं करें ये 5 योगासन, दिमाग रहेगा शांत, बच्चा होगा दुरुस्त

कल्याण आयुर्वेद - योग एक पुरानी और परंपरागत अभ्यास है, जो मानसिक भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण के रूप में जाना जाता है. गर्भावस्था के दौरान योग को न केवल सुरक्षित माना जाता है. बल्कि व्यायाम का एक विविध रूप भी माना जाता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत सारी शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में योग, लचीलापन, मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को प्रोत्साहित करता है. ताकि इससे मुकाबला किया जा सके, कई अध्ययनों और शोधों के अनुसार, गर्भावस्था में योग करना महिला और उनके आज जन्मे बच्चे दोनों के लिए स्वस्थ होता है. अगर गर्भवती महिला योग करने का मन बना रही हैं तो उन्हें ये 5 आसन करना चाहिए.

गर्भवती महिलाएं करें ये 5 योगासन, दिमाग रहेगा शांत, बच्चा होगा दुरुस्त

तो चलिए जानते हैं गर्भवती महिलाओं के लिए 5 एक्सरसाइज के बारे में -

1.वृक्षासन -

यदि आप गर्भवती हैं और एक्सरसाइज करने की सोच रही है, तो आपको वृक्षासन करनी चाहिए. इसे करने के लिए मैट पर ताड़ासन पोज में खड़े हो जाएं. आप दोनों हाथों को धीरे धीरे सिर के ऊपर लाए, फिर सांस छोड़ते हुए कमर के हिस्से से शरीर को नीचे की ओर झुकाएं. इस बात का ध्यान रखें, कि ऊपर के हिस्से को सीधा रखें. बस कमर के हिस्से से ही मुड़े.

2.बद्ध कोणासन -

बद्ध कोनाशन गर्भवती महिलाएं भी कर सकती हैं. इसके लिए उन्हें दंडासन से शुरुआत करना है. पैरों को मोड़ते हुए पैरों के तलवों को आपस में मिला लें. अब एड़ी को अपने श्रोणि ओर उठाएं और धीरे से अपने घुटनों को नीचे करें. अपने पेट की हवा को खाली करें. फिर 15 से 20 सेकंड के लिए इस स्थिति को बनाए रखें. इस पोज को 3 से ज्यादा बार करें. इससे आपको बहुत ही अच्छा महसूस होगा और फायदे भी मिलेंगे.

3.कालियासन -

गर्भवती महिलाएं कलियासन को कर सकती हैं. इसको करने के लिए सबसे पहले आप अपने पैर की उंगलियों को बाहर की और रखते हुए अपने पैरों को चौड़ा फैलाएं. डीप स्क्वाट की पोजीशन में आ जाए और पीठ को सीधी रखें. जैसे ही आप अपनी बांहों को ऊपर उठाते हैं, सुनिश्चित करें कि वह आपके कंधों के समानांतर हो. आपकी केहुनियाँ मुड़ी हुई होनी चाहिए और आपकी हथेली आसमान की ओर होनी चाहिए.

4.बालासन -

इसे करने के लिए मेट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने घुटनों को आराम से दूरी पर फैलाते हुए, अपनी एड़ियों पर बैठ जाएं, सांस लें और हाथों को सिर के ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए. अपने हाथ का फर्श पर रखते हुए अपने ऊपरी शरीर को आगे की और झुकाए. श्रोणि को एड़ी पर आराम करना चाहिए. इस वक्त सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ झुकी हुई ना हो, सपोर्ट के लिए व्यंजक अपने घुटनों के नीचे या अपने नितंबों के नीचे एक कंबल रख सकते हैं.

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