जानिए क्या है अस्थमा ? कितने प्रकार का होता है ? इसके लक्षण, कारण और इलाज

कल्याण आयुर्वेद - अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी एक बीमारी है, जो फेफड़ों के एयरवेज से जुड़ी एक इन्फ्लेमेटरी यानी सूजन की बीमारी है. अस्थमा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है और कुछ तरह की शारीरिक गतिविधियां करना भी मुश्किल और लगभग नामुमकिन हो जाता है. अमेरिका में सीडीसी के अनुसार, अमेरिका में 25 मिलियन यानी ढाई करोड़ लोग अस्थमा से पीड़ित हैं. यहां तक कि अमेरिकी में बच्चों में यह बहुत ही क्रॉनक कंडीशन है. अमेरिका में हर 12 में से एक बच्चा अस्थमा से पीड़ित होता है. बात करें भारत की तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में 17 पॉइंट 2 3 मिलियन यानि एक करोड़ 72 लाख स अधिक लोग अस्थमा से पीड़ित है.

जानिए क्या है अस्थमा ? कितने प्रकार का होता है ? इसके लक्षण, कारण और इलाज

अस्थमा किसे कहते हैं ?

अस्थमा के बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको सबसे पहले यह जानना जरूरी है, कि जब आप सांस अंदर लेते हैं, तो क्या होता है. हर सांस के साथ जब आप मुंह या नाक से हवा अंदर लेते हैं, तो यह नीचे आपके गले में जाती है और फिर एयरवेज से होते हुए फेफड़ों तक पहुंच जाती है. आपकी फेफड़ों में बहुत सारे छोटे छोटे वायु मार्ग होते हैं, जो हवा से ऑक्सीजन को लेकर आपके रक्त प्रवाह में पहुंचाने में मदद करते हैं. अस्थमा के लक्षण तब देखते हैं जब वायु मार्ग की परत में सूजन आ जाती है और आसपास की मांसपेशियों में तनाव आ जाता है. इसके बाद बलगम इन वायु मार्ग में भर जाता है. जिससे यहां से गुजरने वाली हवा की मात्रा कम हो जाती है. इन स्थितियों के चलते अस्थमा का अटैक आ जाता है, जिसकी वजह से खांसी और छाती में जकड़न महसूस होने लगता है.

अस्थमा के लक्षण -

अस्थमा के सबसे आम लक्षण घबराहट है. यह एक तरह की हरकत या सीटी की आवाज होती है, जो सांस लेने पर निकलती है आत्मा के अन्य लक्षणों में शामिल है.

खांसी, विशेषकर रात में, हंसते समय या व्यायाम के दौरान.

सीने में जकड़न, 

सांस लेने में कठिनाई,

बात करने में दिक्कत, 

बेचैनी या घबराहट, 

थकान, 

छाती में दर्द, 

तेज तेज सांस लेना, 

बार-बार इन्फेक्शन होना, 

नींद ना आना

आपको किस प्रकार के लक्षण अनुभव होंगे, यह उस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का अस्थमा है.

कुछ लोगों को पूरे दिन हर तरह के लक्षण अनुभव होते हैं, जबकि कुछ लोगों को कुछ गतिविधियों के दौरान ऐसा महसूस होता है.

ऐसा भी नहीं है कि अस्थमा से पीड़ित हर व्यक्ति को यह लक्षण महसूस होता है, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें लक्षण नहीं महसूस होते. अगर आपको लगता है कि आपको ये लक्षण महसूस हो रहे हैं. वह अस्थमा से जुड़े हो सकते हैं तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

अस्थमा क्यों होता है ?

1.जेनेटिक -

अगर आपके माता पिता या भाई बहन किसी को आत्मा है जो आपको भी अपना हो सकता है इस तरह के आसमा को जमी किया अनुवांशिक कहा जाता है

2.वायरल इंफेक्शन का इतिहास -

जिन लोगों को बचपन में रेस्पिरेट्री सिंसीटियल वायरस इनफेक्शन जैका गंभीर वायरल इंफेक्शन होता है उनमें अस्थमा के लक्षण विकसित होने की संभावना अधिक होती है

3.हाइजीन हाइपोथेसिस -

इस सिद्धांत के अनुसार जो बच्चे अपने शुरुआती दिनों में या वर्षों में पर्याप्त व्यक्ति या के संपर्क में नहीं आते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अस्थमा और एलर्जी की स्थितियों से लड़ने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होती है

कई अन्य कारण भी है, जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है और लक्षणों को खराब कर सकते हैं. अस्थमा के अलग-अलग कारण हो सकते हैं और कुछ लोग अन्य लोगों के मुकाबले अधिक संवेदनशील हो सकते हैं.

अस्थमा अटैक आने के मुख्य कारण -

रेस्पिरेट्री इनफेक्शन जैसे स्वास्थ्य स्थितियां,

एक्सरसाइज,

एनवायरमेंटल इरिटेंट,

एलर्जी इंस्टेंट इमोशन,

वेदर कंडीशन,

नॉनस्टेरॉयडल anti-inflammatory ड्रग्स सहित कुछ अन्य दवाएं.

अस्थमा का इलाज -

अस्थमा के लक्षण किस प्रकार के हैं, उसी के आधार पर उसका इलाज तय होता है. इंटरमिटेंट अस्थमा व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या को प्रभावित नहीं करता है. इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं और आमतौर पर हफ्ते में या महीने में 2 दिन तक परेशान करते हैं. जबकि माइल्ड अस्थमा के लक्षण हफ्ते में 2 दिन से ज्यादा महसूस होते हैं. लेकिन रोजाना नहीं. इसमें लक्षण महीने में 4 दिन तक रह सकते हैं. इसमें व्यक्ति की दिनचर्या पर हलका असर पड़ता है. सीवियर अस्थमा के लक्षण हर दिन और लगभग हर रात परेशान करते हैं. इसमें व्यक्ति की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है.

अस्थमा का इलाज दो बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है. इसमें तुरंत राहत और लंबे समय में अस्थमा के लक्षणों से छुटकारा दोनों बातें शामिल होती हैं. इस लिहाज से सीवियर अस्थमा के मरीजों को इंजेक्शन या इनके माध्यम से बायोलॉजिक्स दिए जाते हैं. डॉक्टर आपकी उम्र अस्थमा अटैक के कारण और स्थिति के आधार पर कोई एक इलाज या कई उपायों को मिलाकर इलाज करते हैं.

अस्थमा का अटैक आने पर किधर बैठना चाहिए और इनहेलर का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर इनहेलर का इस्तेमाल करने के बावजूद लक्षण 20 मिनट में कम नहीं होते हैं, तो आपको इमरजेंसी में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा अस्थमा के इलाज के रूप में लंबे समय तक दवाई लेनी होती है, जो बार बार आने वाले अस्थमा के अटैक की संख्या को कम करने के साथ में गंभीर लक्षणों से राहत देती है. लेकिन ध्यान रहे लंबे समय के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, तुरंत राहत नहीं देते हैं. इनहेलर की मदद से कॉर्टिकोस्टेरॉइड और इन्फ्लेमेटरी दवाई दी जाती है, जो एयरवेज के आसपास सूजन कम करने बलगम बनने के अवसर पर ब्रेक लगाने और सांस लेने में मदद करती है.

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