क्या थायराइड पुरुषों में फर्टिलिटी को प्रभावित करता है ? जानिए विस्तार से

कल्याण आयुर्वेद- पुरुषों की फर्टिलिटी की बात आती है तो थायराइड हार्मोन की कमी या एक अनियमित थायराइड कई अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न कर सकता है?

क्या थायराइड पुरुषों में फर्टिलिटी को प्रभावित करता है ? जानिए विस्तार से

थायराइड में गड़बड़ी की वजह से पुरुषों में प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है. एक रिसर्च के मुताबिक थायराइड बढ़ जाने पर शुक्राणुओं की संख्या और उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ती है. दरअसल, थायराइड गर्दन के बीच में तितली के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है जो पूरे शरीर के कई प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है. यह ग्रंथि एंड्रोक्राइन प्रणाली को संतुलित रखती है. थायराइड ग्रंथि से थायरॉक्सिन हार्मोन निकलता है जो मेटाबोलिज्म को कंट्रोल करता है. 

क्या थायराइड पुरुषों में फर्टिलिटी को प्रभावित करता है ? जानिए विस्तार से

इसके अलावा यह दिल की गति, पाचन, वजन, मानसिक स्वास्थ्य और एनर्जी के स्तर को प्रभावित करता हैं. लेकिन थायराइड हार्मोन में थोड़ी सी कमी या बढ़ोतरी हो जाए तो शरीर में कई तरह की गड़बड़ियां होने लगती है. शरीर में अगर थायरॉयड हार्मोन ज्यादा हो जाता है तो इसे हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं जबकि कम हो जाने पर हाइपोथायरायडिज्म की बीमारी होती है. थायराइड हार्मोन की कमी के कारण महिला और पुरुषों दोनों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है.

थायराइड के क्या कारण हैं ?

1 .हार्मोंस का असंतुलन-

हाइपरथायराइडिज्म होने का सबसे बड़ा कारण ग्रेव्स डिजीज है. इसमें थायराइड ग्रंथि हार्मोन के ज्यादा उत्पादन और स्त्राव के लिए जोर डालती है. जिससे हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है.

2 .आयोडीन-

जो लोग आयोडीन का सेवन ज्यादा करते हैं उनमें हाइपरथायराइड का खतरा ज्यादा होता है. जबकि इसके कम सेवन पर हाइपोथायराइडिज्म हो सकता है.

3 .इन्सुलिन की गड़बड़ी-

जिन पुरुषों के शरीर में इंसुलिन की मात्रा में असंतुलन होता है उन्हें भी थायराइड होने का खतरा रहता है. डायबिटीज के मरीजों को इससे सतर्क रहना चाहिए.

4 .नाइट्रेट की अधिकता-

जो लोग अपने खानपान में नाइट्रेट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी थायराइड होने का खतरा ज्यादा रहता है.

5 .बैड हैबिट्स-

जो पुरुष स्मोक या ड्रिंक करते हैं उनमें  थायराइड की आशंका होती है. इससे उनका शरीर कमजोर पड़ सकता है.

6 .अनुवांशिक गड़बड़ी-

पुरुषों में थायराइड की समस्या का एक कारण अनुवांशिक भी हो सकता है. अगर किसी के माता-पिता, दादा-दादी या घर का कोई सदस्य इस बीमारी से पीड़ित है तो आपमें भी जींस के जरिए यह बीमारी आ सकती है.

पुरुषों में थायरॉइड के क्या लक्षण हैं ?

1. बेवजह चिढ़ना और मूड स्विंग्स-

हाइपोथायरायडिज्म जिसमें कि थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन कम होता है. इस स्थिति में पुरुषों में महिलाओं के जैसे मूड स्विंग्स होने लगते हैं. ऐसे में पुरुष कभी बेवजह चिढ़ने लगते हैं तो कभी तुरंत गुस्सा हो जाते हैं. दरअसल,ये सब टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होने के कारण होता है और इसलिए ये पुरुषों में एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसे समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

2. पैरों में दर्द रहना-

पैरों में दर्द को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं. जबकि ये कुछ गंभीर स्थितियों का लक्षण हो सकता है. दरअसल, जब थायराइड ग्रंथि शरीर में जरूरत से ज्यादा थायराइड हार्मोन का उत्पादन करने लगती है तो ये मांसपेशियां को कमजोर करती है और मसल्स के खिंचाव पैदा करती है. इससे पैरों में जलन और दर्द की समस्या होती है.

3. गंजापन-

गंभीर और लंबे समय तक हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म बालों के झड़ने का कारण बन सकता है. दरअसल, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से जुड़ी गड़बड़ियां पुरुषों में गंजेपन की समस्या को बढ़ाता है तो, अगर आपके बाल तेजी से झड़ रहे हैं तो आपको चेक करवाना चाहिए कि कहीं आपको थायराइड तो नहीं है.

4. हड्डियां कमजोर होना-

थायराइड हार्मोन शरीर को काफी गंभीर रूप से प्रभावित करता है. दरअसल, जब ये हार्मोन ज्यादा बनने लगता है तो ये पुरुषों की हड्डियों को कमजोर कर सकता है. इससे जोड़ों में दर्द, ज्यादा देर बैठने के बाद खड़े होने में समस्या और हड्डियों में कमजोरी महसूस करने जैसी चीजों को बढ़ा सकता है. कई बार तो इसमें हड्डियां इतनी खोखली हो जाती हैं कि लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी हो जाती है.

5. हार्ट बीट कम होने की दिक्कत-

हाइपोथायरायडिज्म कई बार आपके दिल की सेहत को भी प्रभावित करता है. ऐसे में लोगों के अंदर लगातार स्ट्रेस की भावना रहती है और नींद नहीं आती है. इस दौरान कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है और लो हार्ट बीट की समस्या हो सकती है. इससे रह-रह कर व्यक्ति परेशान हो जाता है.

6. मुंह और बॉडी में सूजन-

हाइपोथायराइडिज्म होने वाले पुरुषों में अक्सर वजन बढ़ जाता है और ये अचानक से होता है. दरअसल, थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन कम होने से मेटाबोलिज्म खराब हो जाता है और आप जो भी खाते हैं वो सही से नहीं पचता और वजन बढ़ने लगता है. इस वजह से ऐसे लोगों के मुंह और बॉडी में ज्यादा सूजन आ सकती है.

7. खराब सेक्सुअल हेल्थ और इरेक्टाइल डिसफंक्शन-

टेस्टोस्टेरोन की कमी पुरुषों के खराब सेक्सुअल हेल्थ और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारणबन सकती है. इस प्रकार के थायराइड के लक्षण आसानी से समझ नहीं आते हैं. लेकिन अंदरूनी भागों से जुड़े होते हैं, जैसे कि हाइपरथायराइडिज्म में सेक्स की रुचि से खत्म हो सकती है साथ ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा हो सकता है. इसके अलावा ये पुरुषों में लो स्पर्म काउंट का भी कारण बन सकता है.

थायराइड से बचने के क्या उपाय हैं ?

1. थायराइड की बीमारी को ठीक करने के लिए जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी है. इस दौरान संतुलित भोजन लेना चाहिए और नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए.

2. डाइट में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन्स, मैग्नीशियम और आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए.

3. अगर आप स्मोकिंग या ड्रिंक करते हैं तो तुरंत इन आदतों को छोड़ दें.

4. रोजाना सुबह उठकर आधे घंटे एक्सरसाइज या योग करके भी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.

अनियंत्रित थायराइड को कैसे नियंत्रित करें ?

थायराइड में गड़बड़ी है कि नहीं, इसका पता लगाने के लिए थायराइड प्रोफाइल की जांच कराई जाती है. अगर थायराइड है तो डॉक्टर उसे दवाई देते हैं. हाइपरथायरडिज्म और हाइपोथायरिडज्म की स्थिति पता लगने के बाद डॉक्टर नमक कम या ज्यादा खाने की सलाह देते हैं. 

थायराइड कम होने पर फूलगोभी, बीन्स, गाजर, चुकंदर, अंगूर, सेब, खरबूजा, ब्रोकली, भिंडी, लौकी, मेथी, पालक, बैंगन, टमाटर, करेला, दाल, दही, अंडा, चिकन, मछली आदि का सेवन करना चाहिए. 

वहीं अगर थायराइड बढ़ गया है तो बादाम, अखरोट, फूलगोभी, ब्रोकली, पिस्ता, मूंगफली, दाल, राजमा, दही, अंडा, मछली आदि का सेवन करें.

पुरुष फर्टिलिटी समस्याओं से निपटने के कुछ उपाय-

1. उचित आहार- लीन मीट, सब्जियां, फलियां और अनाज से भरपूर डाइट लेने से स्पर्म की गतिशीलता में वृद्धि होती है.

2. हेल्दी वजन- पुरुषों को हेल्दी वजन बनाए रखने चाहिए क्योंकि अधिक वजन और पुरुष बांझपन के बीच का संबंध काफी मजबूत है.

3. शारीरिक गतिविधि- नियमित व्यायाम से स्पर्म की क्वालिटी बनाए रखने में मदद मिलेगी और तनाव भी कम होगा.

Disclaimer- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी कल्याण आयुर्वेद की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी प्रदान कराना मात्र है. धन्यवाद.

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