कल्याण आयुर्वेद - बार-बार पेशाब आना यह एक ऐसी समस्या है, जो हमें बहुत परेशान करती है. लेकिन उसके बावजूद भी हम इसे नजरअंदाज कर देते हैं. यह सोच कर कि यह एक मामूली बात है और बुजुर्ग लोग तो यह मानते हैं कि बार-बार पेशाब आना बढ़ती उम्र का एक संभावित परिणाम है. परंतु यह सही नहीं है.
बार-बार पेशाब अधिक मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से आ सकती है. परंतु जब इन सभी कारणों की गैरमौजूदगी में भी ऐसा हो रहा है, तब यह किसी गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है.
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बार-बार पेशाब आने की दिक्कत से हैं परेशान ? जानिए इसके 6 गंभीर कारण |
आमतौर पर इंसान दिन भर में लगभग 4 से 7 बार पेशाब करता है और कुल मिलाकर केवल 2 से 3 लीटर पेशाब शरीर से बाहर निकल जाता है. परंतु अगर कोई दिन में 6 से अधिक बार पेशाब करने लगे और हर बार सामान्य से ज्यादा यूरिन निकले, तो उस स्थिति में हम कह सकते हैं कि वह बार-बार पेशाब आने की परेशानी से जूझ रहा है. इस स्थिति में रात को अक्सर यह समस्या ज्यादा होती है.
बार बार पेशाब आना एक ऐसी परेशानी है, जिस पर वैसे तो हम गौर नहीं करते हैं. लेकिन यह हमारे रोजमर्रा के जीवन को अस्त-व्यस्त करने का काम करता है. इसकी वजह से हम परेशान हो जाते हैं. बार-बार पेशाब आने के कारण न तो आप सुकून से बाहर जा सकते हैं और ना ही रात को चैन की नींद ले सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि ऐसे समय में आप शर्मिंदगी से डरने की वजह किसी अच्छे डॉक्टर से मिले.
अगर आप बार-बार पेशाब आने के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षणों से जूझ रहे हैं, तो अवश्य मेडिकल सहायता ले.
1.पेशाब में खून का आना.
2.पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होना.
3.पेट के निचले हिस्से और बगल में दर्द होना.
4.पूरी तरह से ब्लैडर खाली करने में नाकामयाब होना.
5.अचानक से पेशाब करने की तीव्र इच्छा होना.
6.पेशाब को बिल्कुल ना रोक पाना.
बार-बार पेशाब आने का क्या है कारण -
1.प्रोस्टेट का बढ़ना -
पुरुषों में बार बार पेशाब आना, प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने का संकेत हो सकता है. पुरुषों में प्रोस्टेट एक ऐसे ग्रंथि होती है जो ब्लैडर के निचले हिस्से में मूत्र मार्ग के आसपास स्थित होती है. यह ग्रंथि जीवन भर बढ़ती रहती है. परंतु जब अधिक जरूरत से ज्यादा बड़ी होने लगती है. तब वह मूत्र मार्ग पर दबाव डालती है और पेशाब की धारा को रोक देती है.
2.किडनी या यूरेटेरिक स्टोन -
बार-बार पेशाब आने का एक आम कारण है किडनी स्टोन, इन किडनी में पथरी होना अगर समय पर किडनी स्टोन का इलाज न किया जाए, तो यह बड़े होने लगते हैं. ज्यादा देर तक शरीर में रहने पर यह मूत्र वाहिनी या यूरेटर में जाकर फस जाते हैं, यह एक आपातकालीन समस्या होती है. क्योंकि फिर यह स्टोन पेशाब की धारा को रोक देती है. जिससे पेशाब बाहर नहीं निकल पाती है. जहां तक किडनी स्टोन के इलाज का सवाल है, वह उसके माप ऊपर निर्भर करता है. अगर पथरी छोटे माप की है तो आप ज्यादा पानी पीकर उसे आराम से पेशाब के जरिए बाहर निकाल सकते हैं. परंतु अगर यह बड़ा है तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.
3.मूत्र मार्ग में इंफेक्शन -
मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन होना महिलाओं में काफी आम बात है. लेकिन यह इंफेक्शन महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी हो सकता है. इस इंफेक्शन का एक लक्षण है. बार बार पेशाब आना और जलन होना जब मूत्रमार्ग के किसी हिस्से में बैक्टीरिया इकट्ठा हो जाता है. तब उस हिस्से में सूजन और जलन होने लगती है. इससे इंफेक्शन उत्पन्न होने लगता है. जब यह बैक्टीरिया मूत्र नली में सूजन पैदा करते हैं, तब उसको युरेथ्रीटिस कहते हैं.
4.डायबिटीज -
बार बार पेशाब आना और हर बार अधिक पेशाब करना डायबिटीज का मुख्य लक्षण माना जाता है. डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है, जो किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकती है. इस बीमारी में पेनक्रियाज जो हमारे शरीर का एक अंग है, उचित मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है, जिसके कारण रक्त में शुगर यानी ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है. यह शरीर को गंभीर रूप से हानि पहुंचाता है. मधुमेह से पीड़ित लोगों को रात को तीन से चार बार पेशाब आने लगता है और जहां तक बच्चों की बात है तो पेशाब होने के लक्षण ना होने की वजह से वे अक्सर बिस्तर गीला कर देते हैं.
5.गर्भावस्था -
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई अनोखे बदलाव होते हैं और इन बदलाव क कारण उन्हें बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. महिलाओं को बार बार पेशाब आना गर्भावस्था के समय एक आम बात होती है. गर्भावस्था में बार बार पेशाब आना कई कारणों से हो सकता है. सबसे पहले तो यह है कि इस समय शरीर में कई तरह के हार्मोन बनने लगते हैं. यह हार्मोन ज्यादा पेशाब बनने का कारण होते हैं.
6.अति सक्रिय ब्लैडर -
एक ब्लैडर को अति सक्रिय ब्लैडर तब कहा जाता है, जब आप इनमें से किसी भी लक्षण का सामना करते हैं.
जैसे बार-बार पेशाब आना, अचानक से पेशाब करने की तीव्र इच्छा हो ना, पेशाब आने पर उसको रोक ना पाना.
अति सक्रिय ब्लैडर एक ऐसी बीमारी है, जो सही इलाज न कराने पर एक इंसान के जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकता है. यह उसके रातों की नींद पर बुरा असर डालता है. कुछ लोग यह सोचते हैं कि इस समस्या का कारण बुढ़ापा है. लेकिन ऐसा नहीं सोचना चाहिए, यह एक बीमारी है, जिसकी जांच और इलाज करवाना बहुत जरूरी है.
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