कल्याण आयुर्वेद- पहले के जमाने में मनुष्य प्रतिदिन खूब पैदल चलते थे, और खूब स्वस्थ रहते थे, इसलिए उन्हें कोई बीमारी जल्दी अपने गिरफ्त में नही ले पाती थी. वो खुद में भरपूर एनर्जी और जीवंतता फील करते थे.. शारीरिक तौर पर वह केवल पैदल चलने भर से काफी स्वस्थ रहते थे. पैदल चलना एक ऐसी दवा है, जो बहुत सी बीमारियों से दूर रखने का काम करती है और साथ ही खुद को बेहतर फील कराने के साथ शरीर पर चर्बी और मोटापा भी नहीं चढ़ने देती है.
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प्रतिदिन पैदल क्यों चलना जरुरी है ? जानिए फायदे |
स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ काल्मर में 14 रिसर्चर्स ने एक स्टडी में यह साबित किया है पैदल चलने के कितने फायदे हैं और ये भी बताया कि किस उम्र के व्यक्ति को कितने कदम रोज चलना चाहिए.
अगर उम्र के अनुसार से इतने कदम प्रतिदिन पैदल चलें तो ना केवल वजन को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि कई लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियों को नियंत्रण में लाया जा सकता है. मसलन वजन बढ़ना और इसके साथ ही हार्टडिजीज, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेसर जैसी बीमारियां नई जीवनशैली के कारण ज्यादा पैदा हो रही हैं. पैदल चलने से इनमें कई तरह के फायदे मिलते हैं.
उम्र के अनुसार हमें अपने पैदल चलने में भी बदलाव करना होता है. अगर हमें जवानी में ज्यादा स्टेप्स की जरूरत होती है तो उम्र बढ़ने के साथ इसे कुछ कम करना चाहिए.
कितना पैदल चलना चाहिए ?
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प्रतिदिन पैदल क्यों चलना जरुरी है ? जानिए फायदे |
जब उम्र बढ़ती है तो टहलना क्यों जरूरी है?
व्यस्क होने के बाद शरीर का मेटाबॉलिज्म बदलता है. एनर्जी कुछ कम होने लगती है. हमें थकान और जीवनशैली की बीमारियां इसी दौर से शिकार बनाने लगती हैं. ऐसे में भी पैदल चलना फायदेमंद होता है. 18-40 वर्ष के पुरुषों को 12,000 कदम चलना चाहिए. वो चाहें तो प्रतिदिन सुबह- शाम पार्क में टहलें या पैदल ही आसपास जाने की आदत डाल लें.
महिलाओं के लिए और भी ज्यादा जरूरी पैदल चलना-
40-45 साल की महिलाओं को भी आमतौर पर शिकायत होने लगती है कि उनका वजन तेजी से बढ़ रहा है साथ ही शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. उन्हें भी स्वस्थ रहने और वजन को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिदिन 11,000 कदमों का अभ्यास जरूर करना चाहिए. ये ख्याल रखें चलने का मतलब है सुस्ती के साथ चलना नहीं बल्कि जोश और तेजी से पैरों को बढ़ाना.
आमतौर पर क्यों बेहतर होती है तेजी से चलना-
50 साल से ऊपर के पुरुष एनर्जी के तौर पर और ढीला फील करते हैं. ऐसे में खुश रहने के अलावा अगर वो 11,000 कदम प्रतिदिन चलें तो ये एक तरह से उनके लिए कंपलीट टॉनिक जैसा होता है. 50-60 साल की महिलाओं को 10,000 कदम प्रतिदिन चलना बेहतर रहेगा. ऐसा नहीं है कि 60 साल से ऊपर वालों को पैदल चलना छोड़ देना चाहिए. बल्कि ठीक तो ये है कि इस उम्र में प्रतिदिन की वॉक आपको और ताजगी और एनर्जी देती है,. जीने को लेकर एक सकारात्मक फीलिंग भी. अगर आप 60 के ऊपर हो रहे हों तो 8,000 स्टेप्स जरूर चलें.
कम से कम कितनी देर टहलें ?
माना जाता है कि आपको 30-40 मिनट पैदल तो प्रतिदिन जरूर चलना चाहिए. डॉक्टर भी अब ये हिदायत जरूर देते हैं कि क्यों प्रतिदिन इतनी देर तक वॉक करना आपको जीवनशैली की बीमारियों से बचाता है. हम आपको बताते हैं कि पैदल चलना आपको कितनी बीमारियों से बचा सकता है.
1. मस्तिष्क महसूस करेगा बदलाव-
पैदल चलने का असर आपको दिमाग पर भी दिखेगा. स्टडी के मुताबिक पैदल चलने से एंडोर्फिन (दिमाग और तंत्रिका तंत्र में मौजूद हॉर्मोन) में इजाफा और स्ट्रेस लेवल में गिरावट आती है. इससे दिमाग के सेहत बेहतर होती है. इंसान को अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा कम रहता है.
2. दिल होता है मजबूत-
अमेरिकन हर्ट एसोसिएशन के मुताबिक रनिंग के जैसे वॉक करना भी दिल के लिए अच्छा है. ये दिल में सर्कुलेशन बढ़ाता, कैलेस्ट्रॉल कम करता और ब्लड प्रेशर को स्थिर रखता है.
3. फेफड़ों को फायदा-
पैदल चलने से फेफड़े मजबूत होते हैं क्योंकि इससे ऑक्सीजन का शरीर में ज्यादा बहाव होता है. इससे न सिर्फ फेफेड़े स्वस्थ्य होते हैं बल्कि बीमारियों से बचाते हैं. उम्र कम हो या ज्यादा लेकिन पैदल जरूर चलने की आदत डालें ये कई बीमारियों को कंट्रोल करता है.
4. अग्नाशय में फायदा-
रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग नियमित टहला करते हैं उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा, दौड़ने वालों की तुलना में 6 गुना ज्यादा होता है. इससे मधुमेह का खतरा भी कम होता है.अगर आप मधुमेह के शिकार हो भी गए हैं तो इससे अपनी इस बीमारी को काफी नियंत्रण में कर सकते हैं.
5. फिट शरीर-
प्रतिदिन पैदल चलने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी को घटाती है. वॉक से शरीर के मसल्स टोन फिट रहते हैं. मांसपेशियां चुस्त रहती हैं. वॉक करना जिम में पसीना बहाने से कहीं ज्यादा आसान है.
6. ज्वाइंट्स और हड्डियां मजबूत-
30-40 मिनट की वॉक से आपकी हड्डियां और ज्वाइंट्स भी मजबूत होते हैं. मजबूत ज्वाइंट्स, चोटों का खतरा कम रहता है. अर्थराइटिस फाउंडेशन के मुताबिक वॉकिंग बहुत फायदेमंद है.
7. कमर के दर्द से राहत-
बढ़ती उम्र के साथ ज्यादा एक्सरसाइज़ कई बार कमर के लिए नुकसानदायक हो जाती है. लेकिन वॉक करने से कमर का दर्द और लचक में काफी फायदेमंद साबित रहती है. इससे शरीर को न केवल ताकत और क्षमता मिलती है बल्कि लचीलापन भी बढ़ता है.
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