कल्याण आयुर्वेद - कैंसर की वजह से दुनिया भर में मौत बहुत ज्यादा होती है. इसलिए इसके बारे में जागरूकता फैलाना इस समय बहुत जरूरी हो गया है. कैंसर की रोकथाम तभी हो सकती है. जब इसके बारे में लोगों को विधिवत जानकारी हो और यह पता हो कि कैंसर से पीड़ित होने पर कौन से कदम उठाने चाहिए. कैंसर की रोकथाम, इसके डायग्नोसिस और इलाज के बारे में जागरूक रहना बहुत जरूरी है.
समय रहते पहचान लें कैंसर के शुरुआती लक्षण, वरना जान से हाथ धो दोगे आप |
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाता है. लोगों को पता होना चाहिए कि तंबाकू और शराब के सेवन से कैंसर की स्थिति पैदा होती है. इसके अलावा कार्सिनोजेंस जैसे केमिकल के संपर्क में आना और सूरज की रोशनी से यूवी किरणों सहित हानिकारक रेडिएशन मोटापा और कैंसर का पारिवारिक इतिहास विभिन्न प्रकार के कैंसर का खतरा पढ़ाता है. भारत में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर, ओरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, गैस्ट्रिक कोलोरेक्टल और फेफड़ों के कैंसर है.
कैंसर के लक्षण -
कुछ लक्षणों से कैंसर के शुरुआती चेतावनी भरे संकेत देखने को मिलते हैं. जब भी ऐसे संकेत दिखे तो डॉक्टर को बिना देरी किए दिखाना चाहिए. इन चेतावनी भरे संकेतों में कोई वृद्धि होने पर कैंसर को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए और लक्षणों को ले हल्के में नहीं लेना चाहिए. कुछ संकेतों के बारे में नीचे बताया गया है.
1.उदाहरण के लिए स्तन में गांठ सिस्ट के कारण हो सकती है. यह गांठ आम तौर पर अपने आप गायब हो जाती है. ऐसी प्रबल संभावना होती है कि यह गांठ ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकती है. अगर आपको अपने शरीर में कोई चीज असामान्य नहीं लगती है, तो इंटरनेट पर समाधान खोजने की वजह आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
2.ज्यादातर समय जब कोई असामान्य चीज होनी शुरू हो जाती है, तो हमारा शरीर का सामान्य लक्षणों और संकेतों को दर्शाता है. हमें इन लक्षणों को और संकेतों को हमेशा गंभीरता से लेना चाहिए. इन्हें नजरअंदाज करना हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
3.इन दिनों जेनेटिक टेस्टिंग भी उपलब्ध है. इसकी मदद से लोग यह पता लगा सकते हैं, कि उन्हें आगे चलकर जिंदगी में कैंसर हो सकता है या नहीं. जेनेटिक टेस्टिंग की मदद से जिन में होने वाले म्यूटेशन का पता लगाया जा सकता है.
कैंसर का क्या इलाज है -
एक चीज जिस पर हम सभी सहमति व्यक्त कर सकते हैं. वह यह है कि समय से इलाज कराने से कैंसर से लड़ाई को जीता जा सकता है. कैंसर के शुरुआती स्टेज में ही इलाज शुरू कर देना न केवल इलाज के खर्चे को कम कर देता है. बल्कि इससे कैंसर से लड़ाई जीतने और मृत्यु दर को कम करने में भी मदद मिलती है. इलाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना बहुत जरूरी होता है. कैंसर का पता जिस स्टेज में चलता है, उसी के अनुसार इलाज के योजना बनाई जाती है. इसके अलावा कोमोर्बीटीडी उम्र और अन्य सेक्टरों को ध्यान में रखकर इलाज की योजना तैयार की जाती है. कभी-कभी कैंसर जब एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है, तो इलाज से कुछ खास फायदा नहीं होता है. जिसमें हेल्थ प्रोफेशनल द्वारा पैलिएटिव केयर प्रदान करने जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और लंबे समय तक जीवन जीने के लिए उपाय किए जाते हैं. जब कोई मरीज किसी अनुभवी और प्रतिष्ठित ऑंकोलॉजिस्ट से कंसल्ट करता है, तो उसे इस बात का संतोष होना चाहिए, कि वह सुरक्षित हाथों में है और उसे इलाज से फायदा हो सकता है.
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