कल्याण आयुर्वेद - रात के अच्छी नींद सेहत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि इससे जीवन खुशहाल और बीमारियों से मुक्त होता है. आज के तनाव भरी जिंदगी में अच्छी नींद दुर्लभ होती जा रही है. दरअसल नींद एक ऐसा जैविक रिदम है. जिससे शरीर तरोताजा हो जाता है. साथ ही अगले दिन के क्रियाकलाप के लिए ऊर्जा भी मिलती है. आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि नींद निष्क्रिय प्रक्रिया है. लेकिन ऐसा नहीं है नींद बहुत ही सक्रिय प्रक्रिया है. यह आपके मस्तिष्क के लिए बहुत जरूरी होता है. अगर आप सीमित भरपूर नींद ले रहे हैं तो यह आपके मस्तिष्क को बूस्ट करता है.
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रात में नींद क्यों नहीं आती ? क्या है इसके पीछे का कारण ? |
नींद से जुड़ी है शारीरिक और मानसिक सेहत -
अनेक अध्ययनों से यह पता चला है कि दिन भर में क्रियाकलाप के फलस्वरूप हमारे दिमाग में जो केमिकल निकलते हैं. उसमें से खराब अंश नींद के दौरान छोटी-छोटी नसों के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है. वह ब्लड सरकुलेशन से होते हुए किडनी के जरिए पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है. इसलिए जरूरी है कि नींद सही ढंग से पुरी हो. क्योंकि इससे हमारी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनी रहती है.
क्यों खराब होती है नींद ?
आजकल कामकाज के तरीकों और शिफ्ट ड्यूटी जैसे कारणों से नींद बाधित होती है. दूसरा एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसे कारण भी हैं. एंग्जाइटी में बिस्तर पर जाने के बाद भी नींद नहीं आती या काफी देर से आती है. जबकि डिप्रेशन में शुरू में तो नींद आ जाती है. लेकिन बीच में ही टूट जाती है. अगर नींद रात में पूरी नहीं होती है तो दिन में काम करते हुए या ड्राइविंग के दौरान या पढ़ाई लिखाई करते हुए झपकी आने लगती है. मानसिक स्वास्थ्य खराब होने से भी नींद खराब होती है, जिन्हें अच्छी नींद नहीं आती, उनको मानसिक बीमारियां ज्यादा होती है. यह बायडायरेक्शनल प्रक्रिया है.
अनेक बीमारियों का कारण -
1.नींद ना आना -
माइग्रेन जैसी समस्या में नींद नहीं आती है. नींद ना आना यानी इनसोम्निया कई तरह की बीमारियों का कारण बन जाता है. कुछ दवाओं के सेवन से भी नींद बाधित हो जाती है. ह्रदय रोगी मरीज को सांस फूलने के कारण रात में काफी देर तक जागना पड़ता है, तो साँस की परेशानी से पीड़ित व्यक्ति की भी बीच-बीच में नींद खुल जाती है. इसी तरह मोटापा ग्रस्त या अल्कोहल लेने वालों को नींद न आने की समस्या देखी जाती है.
2.नींद अधिक आना -
इस समस्या को हाइपरसोम्निया कहा जाता है. जिसमें हर समय नींद आती है. रात में पूरी नींद लेने के बाद भी दिन भर नींद आती रहती है. इसमें एक जेनेटिक बीमारी भी होती है. इसमें मरीज को नींद के झोंके आते रहते हैं. यहां तक कि ड्राइव करते वक्त या बात करते-करते भी नींद आने लगती है.
3.नींद में व्यवधान -
इस समस्या को पैरासोमिया कहा जाता है. जिसमें नींद के दौरान लोग हरकतें करते रहते हैं. जैसे हाथ पैर हिलाना, अचानक जोर से आवाज निकालना और नींद में उठकर बैठ जाना, सोते समय अचानक से डर जाना, या दांत चबाने जैसी हरकत करना, नींद में भले ही ऐसी समस्याएं होती हैं. लेकिन दिन में वे पूरी तरह से ठीक रहते हैं. सही नींद नहीं ले पाने से आगे चलकर और भी समस्याएं होने लगती हैं.
4.खर्राटे की समस्या -
कुछ लोग सोते समय खर्राटे लेते हैं. जिसकी वजह से उनकी नींद रात में कई बार टूट जाती है. लेकिन उन्हें पता नहीं चलता है, इसके लिए एक जांच होती है इसमें मशीन लगा कर रात भर में नींद की जांच की जाती है. इसमें देखते हैं कि मस्तिष्क में तरंगे कैसे निकल रही है और शरीर में ऑक्सीजन कितना बन रहा है. नींद की समस्या को नजरअंदाज करने से आपको ह्रदय रोग, रक्तचाप जैसी बीमारियों का आशंका बढ़ जाता है.
अच्छी नींद के लिए क्या करें ?
1.जब आप सोने जाए तो आपके कमरे में अंधेरा होना चाहिए.
2.आसपास टीवी, मोबाइल या अन्य गैजेट्स न रखें.
3.ढीले और आरामदायक कपड़े पहनकर ही सोएं. टाइट कपड़ों से बचें.
4.ऐसी जगह पर सोए जहां शांति हो, आसपास किसी तरह की आवाज ना हो.
5.सोते समय मोबाइल चैट ना करें या व्हाट्सएप या मूवी देखने से बचें इससे भी नींद खराब होती है.
स्लीप साइकिल -
सोने का समय निश्चित करें. किसी दिन आप 10 बजे सो रहे हैं, तो किसी दिन 12:00 बजे, 1:00 बजे सो रहे हैं. इससे नींद का चक्र बिगड़ जाता है. इसलिए आपको रोज एक ही समय में सोना चाहिए और एक ही समय में उठना चाहिए. इससे आपका खुद ब खुद एक स्लिप साइकल बन जाता है और खुद ही उस समय आपको नींद आने लगती है और उसी समय पर आप उठ भी जाते हैं.
स्लीप मेडिसिन से बचें -
जिन दवाओं का सेवन करने से नींद आती है, उनसे बचना चाहिए. नींद की दवाई लेते रहने से उसकी आदत हो जाती है, कोई भी गोली आपके मन से कतई ना ले. कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है.
कितने घंटे की नींद है जरूरी ?
हर व्यक्ति के सोने के घंटे अलग-अलग होते हैं. एक व्यस्क व्यक्ति के लिए 6 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी होता है. उम्र बढ़ने के साथ नींद के अवधि में स्वभाविक रूप से कमी आती है और नींद की गुणवत्ता खराब होती है उम्र बढ़ने के साथ-साथ डायबिटीज जैसी कई समस्याएं आती है. जिससे रात में कई बार पेशाब के लिए उठना पड़ता है. शरीर में आयरन की कमी होने से महिलाओं की नींद खराब होती है. नींद के घंटों में अचानक कमी आ जाए या बहुत अधिक सोने लग जाए, तो चिकित्सक से जरूर परामर्श करें.
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