कल्याण आयुर्वेद- बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमें गुदा के अंदर और आसपास सूजन हो जाती है. इस दौरान मलाशय के मुंह में एक टीशू जमा हो जाती है जिससे मल त्याग मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा जब आंतरिक बवासीर होता है तब मलाशय के अंदर की ब्लड वेसेल्स सूज जाती हैं और उखड़ जाती हैं. लेकिन जब बाहरी बवासीर होता है तो गर्भावस्था, लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने, खांसने, छींकने और जोरदार शारीरिक मेहनत के दौरान दर्द बढ़ जाता है. लेकिन जरूरी ये है कि आप बवासीर के शुरुआती संकेतों को पहले से ही पहचान लें और इसे शुरुआत में ही रोकें.
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बवासीर की शुरुआत कैसे होती है ? जानें खूनी बवासीर का रामबाण इलाज |
बवासीर की शुरुआत कैसे होती है ?
1. मलाशय में खुजली होना-
बवासीर की शुरुआत में ही मलाशय में खुजली की समस्या होती है. खास कर कि आंतरिक बवासीर में. जहां मांसपेशियां जमा हो जाती हैं और जिससे खुजली हो सकती है. ऐसे में अगर आपको लगे कि आपके मलाशय की खुजली ज्यादा बढ़ गई है और नियमित हो रही है तो आपको डॉक्टर जरूर दिखाना चाहिए और इसकी स्क्रीनिंग करवाएं.
2. मलाशय में हल्की जलन और सूजन-
बवासीर की शुरुआत होने पर मलाशय में लगातार जलन और सूजन होने लगती है. इसमें मांसपेशियों में सूजन रहती है, जो कि रह-रह कर जलन पैदा करती है. यह सूजन दर्द और परेशानी का कारण बनती है और यहां तक कि उठने-बैठने के दौरान भी समस्या बन जाती है. ये आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर, दोनों के दौरान हो सकता है. ऐसे में तुरंत इन दोनों लक्षणों पर ध्यान दें और अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें.
3. मल त्याग के दौरान दर्द-
अगर आपको मल त्याग करने के दौरान हमेशा ही दर्द होता है और कब्ज जैसा सूखा मल त्याग होता है तो ये बवासीर का संकेत हो सकता है. दरअसल, ये बवासीर में खून का थक्का बनने के कारण होता है जो आपको शौच करने, बैठने या चलने पर दर्द का कारण बन सकता है. साथ ही मांसपेशियां इतनी सूज जाती हैं कि मल त्याग करने में समस्या होने लगती है.
4. मलाशय से म्यूकस डिस्चार्ज होना-
मलाशय से म्यूकस डिस्चार्ज होना बवासीर का शुरुआती संकेत हो सकता है. दरअसल, म्यूकस डिस्चार्ज तब होने लगता है जब एनल पर म्यूकस जमा हो कर पस बनाने लगता है और वो बाहर आने लगता है. इस दौरान कई बार तेज दर्द भी होता है. इसलिए इस लक्षण को बिलकुल भी नजरअंदाज ना करें और डॉक्टर को दिखाएं.
5. मल त्याग के बाद खून-
मल त्याग के बाद खून आना कई बार बवासीर का संकेत है. दरअसल, ये मलाशय के पास ब्लड क्लॉटिंग की वजह से हो सकता है. साथ ही ये इस बात का भी संकेत है कि बवासीर बढ़ गया है तो, ये स्थिति में मल त्याग को और मुश्किल बनाती है. इसलिए मल त्याग के बाद खून आने पर डॉक्टर को हर बार दिखाएं और उनसे चेक करवाएं.
खूनी बवासीर का रामबाण इलाज-
1 .खूनी बवासीर का रामबाण इलाज करने के लिए पीड़ित रोगी को दही या लस्सी के साथ प्याज का सेवन करना चाहिए इससे आराम मिलेगा.
2 .बवासीर का घरेलू उपाय में लहसुन बहुत कारगर है. लहसुन उत्कृष्ट सूजन को कम करने वाले, विरोधी बैक्टीरियल और कसैले गुण पाए जाते हैं. यह दर्द और सूजन को कम करता है साथ ही शौच की प्रक्रिया को आसान बनाता है. आप रोजाना कच्चे लहसुन का सेवन कर सकते हैं.
3 .मूली खाना या मूली का रस पीने से बवासीर से छुटकारा मिलता है. 25-50 ग्राम मूली के रस का सेवन एक खुराक में कर सकते है.
4 .आम और जामुन कि गुठलियों के अन्दर वाले हिस्से को सुखाकर पीस लीजिये. अब इस चूर्ण को रोजाना 1 चम्मच पानी या लस्सी के सेवन करने से बवासीर से तुरंत आराम मिल जाएगा.
5 .खूनी बवासीर का रामबाण इलाज ईसबगोल का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है. ईसबगोल एक घुलनशील आहार है जिसमे फाइबर की प्रचुर मात्रा पायी जाती है. गर्म पानी या दूध के एक गिलास में ईसबगोल भूसी का एक चम्मच मिलाएँ और रात में सोने से पहले इसे पिएं. यह शौच की प्रक्रिया को आसान बनता है और मल त्यागते समय होने वाले दर्द को कम करता है.
6 .40 -50 ग्राम इलाइची तवे पर भून लीजिये अब इसको ठंडी होने के बाद इसका चूर्ण बना लीजिये. इस चूर्ण को रोजाना सुबह खली पेट खाते से पाईल्स जैसी समस्या से राहत मिलती है.
7 .100 ग्राम किसमिस को रात में पानी में भिगोकर रख दीजिये. अगली सुबह किसमिस को मसलकर खाने से बवासीर से छुटकारा मिलेगा.
8 .ताजा मक्खन के साथ 10 – 15 ग्राम काला तिल को धुलकर खाने से खूनी बवासीर राहत मिलेगी और खून आना बंद हो जायेगा. पाईल्स को दूर करने के लिए एक चौथाई दाल चीनी में एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन कीजिये.
9 .50- 10 ग्राम अरंडी के तेल को हल्का गर्म कर लीजिये अब उसमे 10 -20 कपूर मिलाकर रख ले. मस्सो को स्वस्छ पानी से धुलकर साफ़ कपड़े से पोछ ले. अब इस मिश्रण को मस्सो में लगाकर हल्का हल्का मालिश करें. इस देसी उपचार को रोजाना दिन में 2 बार लगाने से मस्सो का दर्द, सूजन, जलन और खुजली से तुरन रहत मिलेगा.
10 .खूनी बवासीर का रामबाण इलाज करने के लिए सेहुंड के दूध में थोडा सा हल्दी पाउडर मिला लीजिये अब इसकी 1 बूंद को मस्से पर लगाने से आराम मिलेगा.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है, किसी भी प्रयोग से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह लें. धन्यवाद.
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