टोनी चिड़िया और सांप की कहानी

एक सुंदर वन में राजा का महल था। उसी वन में टोनी चिड़िया घोसला बनाकर रहती थी और एक कालू कौवा भी वही रहता था जो बहुत ही बदमाश था और टोनी को परेशान किया करता था।

जिसके कारण टोनी चिड़ियाँ दुसरे जगह की तलाश में निकल जाती है और एक जंगल में पहुंच जाती है। शाम हो जाने के कारण एक पेड़ पर बैठकर सोचने लगती है अब इसी पेड़ पर घोंसला बनाकर रहती हूँ। लेकिन आखिर और कोई इस पेड़ पर दिखाई नहीं दे रहे है आखिर ऐसा क्यों। 

लेकिन अब रात हो गई तो मैं जा ही कहां सकती हूं यह सोचकर टोनी उसी पेड़ पर रात गुजारने को मजबूर हो जाती है। संयोग से उस पेड़ पर एक घोंसला दिखाई देता है। टोनी उसी में बैठ जाती है। लेकिन टोनी गर्भवती थी और सुबह होने से पहले वह उसी घोसले में अंडा दे देती है।

जब सुबह होता है तो दूसरे पेड़ पर बहुत सारे पक्षी दिखाई देते हैं। टोनी वहां जाकर एक कौवा से पूछती है भैया। उस पेड़ पर एक भी पक्षी क्यों नहीं रहते हैं। 

कौवा बोलता है- बहन उस पेड़ पर एक सांप रहता है जो रात में पक्षियों को पकड़ कर खा जाता है इस बात को सुनकर टोनी डर जाती है और अपने अंडे के पास पहुंच जाती है और रोने लगती है। आखिर अब मैं क्या करूं अपने बच्चों को सांप से कैसे बचाएं। रोते-रोते उसकी हालत खराब हो जाती है. इसी तरह कई दिन बीत जाते हैं। लेकिन वहां कोई सांप उसे नजर नहीं आता है और वह अंडे फ़ोड़ती है। जब बच्चे हो जाते हैं तो उसकी चिंता और भी बढ़ जाती है कि हो सकता है बच्चे आवाज करेंगे तो सांप आ जाएगा और मेरे बच्चे को खा जाएगा।

लेकिन कभी सांप नहीं आया और बच्चे उड़ने लायक हो गए। अब टोनी की चिंता दूर हो गई। लेकिन एक दिन उसी पेड़ पर टोनी ने सांप को देखा और सांप के पास जाकर बोली- भैया। इस पेड़ पर रहने वाले पक्षियों को आप परेशान करते थे और उन्हें खा जाते थे। 

लेकिन हमें और हमारे बच्चों को आपने कभी कोई नुकसान क्यों नहीं पहुंचाया। तो सांप ने जवाब दिया कि यहां बहुत सारे पक्षी रहने के कारण शोर मचाया करते थे। जिससे मुझे गुस्सा आता था और मैं उन्हें मार कर खाता था। 

लेकिन जब से तुम आई हो शांति से रहती हो इसलिए मैं कभी तुम्हें या तुम्हारे बच्चों को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा। हालाँकि आज भी मैं पक्षियों को खाता हूं। लेकिन तुम और तुम्हारे बच्चे बहुत ही शांत स्वभाव के हैं। इसलिए तुम लोग इस पेड़ पर बेफिक्र होकर रह सकती हो। अब सांप और टोनी बच्चों सहित आराम से उसी पेड़ पर रहने लगे। इसलिए कहा जाता है कि व्यवहार अच्छा हो तो इंसान कहीं भी रह सकता है।।

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