सीने में दर्द होने के संभावित कारण, जिन्हें नहीं करना चाहिए नजरअंदाज

कल्याण आयुर्वेद - आपने अक्सर अलग-अलग कारणों से अपने सीने में दर्द का एहसास किया होगा. जबकि यह कई बार गंभीर समस्या हो जाती है, तो लोग तुरंत उपचार दिलाने के लिए अस्पताल भागते हैं. आमतौर पर हृदय रोग से पीड़ित लोगों में यह समस्या देखी जाती है. जब रोगी में पसीना, धड़कन बढ़ने और बेचैनी जैसे प्रमुख लक्षण नजर आते हैं.

सीने में दर्द होने के संभावित कारण, जिन्हें नहीं करना चाहिए नजरअंदाज

हालांकि जरूरी नहीं है कि हर बार इसका कारण दिल का दौरा पड़ना हो. लेकिन साथ ही इसे अनदेखा करना भी सही नहीं माना जाता है. क्योंकि यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है, कि दर्द कार्डियक है या नॉन कार्डियक के कारण हो रहा है. इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. साथ ही सीने में होने वाला दर्द के कारण है या नहीं, इसके लक्षण पहचानना भी आवश्यक है.

हार्ट अटैक के लक्षण -

ज्यादातर लोग दर्द रहे दिया साइलेंट हार्ट अटैक से पीड़ित होते हैं. उनमें कम से कम लक्षण नजर आते हैं और सीने में कोई सामान्य दर्द नहीं होता है. यह आमतौर पर उन व्यक्तियों में देखा जाता है. जिन्हें डायबिटीज है और जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है. हालांकि यह साइलेंट अटैक इन लोगों में भी देखे जाते हैं, जिनमें चक्कर, मतली और उल्टी जैसे हल्के लक्षण होते हैं.

दिल से संबंधित सीने में दर्द अगर आपको अपनी छाती में बेचैनी महसूस होती है, तो सीने में दबाव या जकड़न सीने में भारीपन या जलन, तीव्र दर्द जो पीठ, गर्दन, कंधे, हाथ, आधी तक फैल जाए. कुछ मिनट से अधिक समय तक रहने वाला दर्द जिसकी तीव्रता अलग-अलग होती है. सांस लेने में कठिनाई, ठंडा, पसीना, चक्कर आना या कमजोरी, मतली या उल्टी.

अन्य प्रकार के सीने में दर्द -

एक तरफ जहां हार्ट अटैक के लक्षण को पहचानना आवश्यक है, तो वहीं दूसरी और दिल की समस्याओं और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी होने वाले सीने में दर्द को पहचानना महत्वपूर्ण हो जाता है. हालांकि दोनों के बीच का अंतर करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. चलिए जानते हैं ऐसे सीने में दर्द के बारे में जो हृदय की समस्या से संबंधित है.

1.आपके मुंह में खट्टा स्वाद,

2.निगलने में परेशानी तब बढ़ता है जब आप अपने शरीर की स्थिति बदलते हैं. 

3.खांसी के दौरान दर्द होना, कई घंटों तक बना रहने वाला दर्द.

सीने में दर्द के सामान्य कारण -

सीने में दर्द आमतौर पर फेफड़े की विकृति या न्यूरोपैथिक दर्द से उत्पन्न हो सकता है. इसके अलावा निमोनिया जैसी अन्य गंभीर स्थितियों के कारण भी हो सकता है. लेकिन किसी भी परिस्थिति में आपको खुद से इसका उपचार करने से बचना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. यहां तक कि किसी भी पेन किलर का सेवन करने से पहले भी डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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