100 साल जीने की चाहत रखने वाले लोग एक बार जरुर पढ़ें यह लेख

लंबी आयु हमारे रोजमर्रा के काम और खान पीन पर निर्भर है. स्वस्थ जीवन ही हमारे सुंदर भविष्य की आधारशिला है. इसलिए आज हम दीर्घायु होने के उपाय क्या हैं और कैसे अपने ज़िंदगी और खान-पीन मे कुछ बदलाव लाकर स्वस्थ, निरोग और लंबी आयु (100 साल से ज्यादा) जी सकते हैं?

100 साल जीने की चाहत रखने वाले लोग एक बार जरुर पढ़ें यह लेख

दीर्घायु होने के उपाय-

*  दालों का खाने में प्रयोग करें. दालों से फाइबर मिलता है तथा दिल का खतरा कम हो जाता है. रक्त प्रवाह में मददगार, पाचन तंत्र में मजबूती रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ना आदि गुण हैं.

* भूख लगने पर सोच समझकर खाना खायें, इससे रक्त शर्करा स्तर भी सामान्य रहेगा. अधिक खाने से आदमी मरता है कम खाने से कोई नहीं मरता. ऐसा जापान में चूहे पर की गई खोज से पता लगा है.

* भोजन के तुरन्त बाद चाय या पानी नहीं पीना चाहिए.

* एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है कि सुबह का खाना स्वयं खाओ, दोपहर का खाना दूसरों को दो और शाम का दुश्मन को दो.

* देर रात खाने से बचें-थोड़ा खाने वाले को आरोग्य, आयु, बल, सुख, सुंदर संतान, सौंदर्य प्राप्त होगा.

* भोजन के एक घण्टे बाद मीठा व फल खाने से पाचन तंत्र अच्छा होता है.

* रात में दही, सत्तू, तिल, गरिष्ठ भोजन(जो ठीक तरह से न पचे/जिसमें वसा, अंडे या शक्कर की अधिकता हो) नहीं करना चाहिए.

* दूध के साथ, नमक, दही, खट्टे पदार्थ, कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए.

* पानी स्वास्थ्य के लिए परम आवश्यक है लगभग 3 लीटर (8 गिलास) पानी पुरुष तथा महिला के लिए 22 लीटर पानी की जरूरत होती है. पानी घूंट-घूंट कर पीयें गटके नहीं तथा बैठकर पीयें.

* शौच के बाद, छोटे बच्चों को पकड़ने से पहले, हाथ मिलाते समय, किसी चोट पर दवा लगाने के बाद तथा बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद,खाने से पूर्व तथा खाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए.

* हाथों के बढ़े हुए नाखुनों को समय-समय पर काट देना चाहिए। बढ़े नाखूनों में गंदगी रहने से बीमारी को बढ़ावा मिलता है.

* ज्यादा अदरक का प्रयोग हमारी पाचन क्रिया को प्रभावित करता है. पेट संबंधी रोगों को बढ़ावा मिलता है तथा एसिडिटी-अनिद्रा-पित्त की पथरी-डायबिटीज की समस्या बढ़ सकती है.

* पीपल के 2 या 3 पत्तों को दूध में उबालकर इसमें चीनी डालकर पीने से खांसी जुकाम से राहत मिलती है तथा पीपल के पत्ते का रस कान में डालने से दर्द में राहत मिलती है.

* नाश्ते में हरी सब्जी-फल, अंकुरित मोठ, चना, चपाती, दाल, दूध और दही आदि का प्रयोग करें. खाली पेट घर से न निकलें.

* दिन में कम से कम तीन बार खाना अवश्य खाएं. प्रतिदिन खाली पेट एक सेब खाने से पेट की समस्याएं दूर होती है.

* प्रातः एक पाव दूध व2-3 केले खाने से बल मिलता है.

* पीपल वटवृक्ष के नीचे भोजन नहीं करना चाहिए.

* जूते पहन कर, खड़े होकर, सिर ढक कर भोजन नहीं करना चाहिए. 

* एक समय भोजन करनेवाला योगी और दो या तीन समय भोजन करनेवालों को भोगी कहा गया है.

* स्वस्थ रहने के लिए नारियल पानी, पपीता, अनार सेब, ऐलोवेरा (ग्वारपाठा) के रस के अतिरिक्त सूप का प्रयोग करें। 

* भोजन के समय मौन रहें. रात्रि में भरपेट न खायें.

* सबसे पहले मीठा फिर नमकीन अंत में कड़वा खाना चाहिए.

* नित्य सर्दी में गुनगुने पानी से नहाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं तथा सर्दी के दिनों में गुनगुने पानी का पीने में प्रयोग करें. 

* मल-मूत्र विसर्जन में आलस नहीं करना चाहिए. रात में सिर को ढक्कर सोना भी उचित नहीं होताहै. 

* बादाम स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. प्रतिदिन 14 ग्राम खाने से वयस्क व बच्चों की स्वास्थ्य में सुधार होता है. 

* नियमित नीम व बबूल की दातुन का प्रयोग करें इससे आपको मुख और दातों से जुडी समस्याएं कभी नही होगी. 

* सुबह उठने से पहले हथेलियां रगड़नी चाहिए और हथेलियां को अपनी आखों पर रखना चाहिए. इससे जब हथेलियों रगड़ते हैं तो सभी नसें सक्रिय हो जाती हैं और शरीर तत्काल सजग हो जाता है. 

* आप सिर पूर्व दिशा में रखकर सोयें. पूर्व दिशा सबसे अच्छी जगह है, फिर पश्चिम चलेगा अगर कोई विकल्प नहीं तो दक्षिण भी चलेगा. उत्तर दिशा में सिर करके बिल्कुल नहीं सोना चाहिए.

* दांई करवट धीरे से उठो. उठने के साथ 1-2 मिनट पैर जमीन पर लटका कर रहे, तब खड़ा होयें और आगे बढ़ें. 

* ज्यादा मीठा और नमकीन खाने से परहेज करें. चीनी का अधिक प्रयोग स्तन कैंसर का कारण बनता है.

* आम ज्यादा खाने पर उसे हजम करने के लिए थोड़े C नमक का सेवन करें.

* खांसी, कान, दांत दर्द, अपचन में जीरा या हींग 1-2 ग्राम सेवन करें। दांत दर्द हींग फाहे में रखकर दांत पर रखें. 

* अल्जाइमर (याददाश्त खत्म हो जाना/भूलने की बीमारी) से मुक्ति के लिए तेज चलें.

* हल्दी का प्रयोग खान-पान के साथ दूध में एक चम्मच हल्दी का नित्य प्रयोग करें. जुकाम में हल्दी का प्रयोग लाभदायक है. 

* सौंफ, जीरा, धनिया सब एक-एक चम्मच, एक गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं. आधा पानी गिलास में बच जाने पर उसमें एक चम्मच गाय का घी मिलाकर सुबह-शाम पीएं. खूनी बवासीर में रक्त गिरना बंद हो जाता है. 

* धनिया, जीरा, चीनी तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से एसिडिटी खत्म हो जाती है. 

* गर्म दूध-शहद मिलाकर पीने से पाचन शक्ति, तनाव मुक्ति, हड्डियों का मजबूत होना तथा नींद पाने के लिए सर्वोत्तम साधन है।.

* आलू के अधिक प्रयोग से डायबिटीज का खतरा रहता है. उडद की दाल, चावल का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

* हरी बींस खाकर आप अपने को कई बीमारियों के साथ डायबिटीज-कैंसर से बचा सकते हैं. इसलिए नियमित इनका सेवन करें.

* नए शोध में पता चला है कि भोजन अच्छी तरह चबाने का संबध न केवल पाचन क्रिया से है बल्कि दिमाग की स्मरण शक्ति बढ़ने से भी है. उपवास/रोजा से विकारों का नाश होता है. इसलिए सप्ताह में कम से कम एक दिन उपवास रहें. 

* सोते समय तकिया का प्रयोग न करना हितकर है.

इस प्रकार ऊपर बताए गए उपायों को अपनाएं व लम्बी स्वस्थ जीवन पाएं. तो दोस्त, उम्मीद करता हूँ कि ,100 साल जीने की चाहत रखने वाले लोग एक बार जरुर पढ़ें यह लेख, आपको जरूर अच्छा लगा होगा और आप इसे अपने करीबी, दोस्त और रिश्तेदार के साथ भी शेयर करेंगे. धन्वाद.

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