कल्याण आयुर्वेद- अंडाशय महिला प्रजनन अंगों का एक हिस्सा हैं जो गर्भाशय के दोनों ओर श्रोणि में स्थित होते हैं. एक महिला के दो अंडाशय होते हैं जिनका काम अंडे और हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करना होता है.
![]() |
महिला प्रजनन स्वास्थ्य- अंडाशय क्या है? अंडाशय से जुड़ी कुछ मुख्य बातें |
एक अंडाशय का आकार (सामान्य अंडाशय का आकार) लगभग एक बादाम के आकार का होता है. मासिक धर्म के दौरान हर महीने अंडाशय में एक अंडा बढ़ता है. यह अंडा कूप नामक थैली में विकसित होता है. जब यह अंडा परिपक्व हो जाता है तो यह कूप को तोड़कर इससे बाहर आ जाता है.
फैलोपियन ट्यूब में परिपक्व अंडे को नर शुक्राणु द्वारा निषेचित किया जाता है. यह गर्भावस्था का शुरुआती चरण होता है.
अंडाशय से जुड़ी कुछ मुख्य बातें-
![]() |
महिला प्रजनन स्वास्थ्य- अंडाशय क्या है? अंडाशय से जुड़ी कुछ मुख्य बातें |
![]() |
महिला प्रजनन स्वास्थ्य- अंडाशय क्या है? अंडाशय से जुड़ी कुछ मुख्य बातें |
1. महिला की उम्र के साथ अंडाशय ( ओवरी ) का आकार बदलता है.
2. मासिक धर्म चक्र के दौरान महिला के अंडाशय का आकार बदलता है.
3. अंडाशय में किसी तरह की गांठ बन जाने के कारण उसके आकार में बदलाव आ जाता है.
4. मेनोपॉज की शुरुआत के बाद अंडाशय का आकार बढ़ने के बजाय सिकुड़ने लगता है.
5. तनाव महिला के अंडाशय के आकार को प्रभावित करता है.
6. जब कोई महिला तनाव में होती है तो उसके अंडाशय अंडे बनाना कम कर देते हैं या बंद कर देते हैं.
7. जब अंडाशय में अंडे बन रहे होते हैं, तब इसका आकार लगभग 5 सेंटीमीटर होता है.
8. ज्यादातर मामलों में अंडाशय में बनने वाली गांठ कुछ ही महीनों में अपने आप ठीक हो जाती है.
अंडाशय के आकार में बदलाव के कारण-
अंडाशय का आकार कई कारणों से बदलता है. यौवन तक पहुँचने से पहले और रजोनिवृत्ति के बाद, अंडाशय आकार में सिकुड़ जाते हैं. उम्र के अलावा और भी कई कारक हैं जो अंडाशय के आकार को प्रभावित करते हैं.
प्रजनन उपचार और गर्भावस्था के दौरान और अंडाशय से संबंधित विकारों के कारण अंडाशय के आकार में परिवर्तन होता है. अंडाशय का आकार सीधे एक महिला की गर्भ धारण करने की क्षमता से संबंधित है. अंडों के निषेचित होने की क्षमता भी अंडाशय के आकार पर निर्भर करती है.
अल्ट्रासाउंड अंडाशय में रोम की संख्या की गणना कर सकता है. फॉलिकल्स की संख्या बता सकती है कि एग रिजर्व कम है या सामान्य. बड़े अंडाशय के आकार का मतलब बड़े अंडे का रिजर्व होना जरूरी नहीं है.
विकार या ट्यूमर के कारण अंडाशय का आकार बढ़ सकता है. इस स्थिति में महिला सामान्य रूप से डिंबोत्सर्जन नहीं कर पाती है. साथ ही गर्भधारण करने में भी दिक्कत होती है. अगर आपको स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें.
0 Comments