एक पहाड़ की ऊंची चोटी पर एक बाज रहता था. पहाड़ की तराई में एक बरगद के पेड़ पर एक कौवा अपना घोंसला बनाकर रहता था. कौवा वह बहुत चालाक था . उसकी कोशिश सदा यही रहती थी की बिना मेहनत के उसे खाने को मिल जाए.
कहानी- नक़ल के लिए अकल होनी चाहिए |
दूसरे दिन कौवे ने भी एक खरगोश को दबोचने की बात सोच कर ऊंची उड़ान भरी फिर उसने खरगोश को पकड़ने के लिए बाज की तरह जोर से झपाटा मारा. अब भला कौवा बाज का क्या मुकाबला करता !
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कहानी- नक़ल के लिए अकल होनी चाहिए |
कहानी का सार-
कोई भी काम करने से पहले उसके परिणाम के बारे सोच कर ही उसे करना है या नहीं यह तेय करने में ही समझदारी होती हैं. इसीलिए कहा जाता है कि नकल के लिए भी अकल चाहिए.
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