योनि से चिपचिपा स्राव होने के कारण और इलाज क्या है ?

कल्याण आयुर्वेद- लड़कियों व महिलाओं की योनि से तरल पदार्थ का होना स्वाभाविक प्रक्रिया है जो योनि और गर्भाशय ग्रीवा में कोशिकाओं द्वारा रिहाई ( release ) किया जाता है. जिससे मृत त्वचा कोशिकाओं और बैक्टीरिया को योनि से बाहर निकाल कर पीएच संतुलन बनाता है तथा रक्षा तंत्र के रूप में काम करता है. मासिक धर्म के दौरान योनि स्राव में बदलाव आ सकते हैं. यदि योनि स्राव के रंग, टेक्सचर, स्थिरता या मात्रा में बदलाव आना या दूसरे लक्षण जैसे कि- योनि से बदबू आना, योनि में खुजली होना या योनि में तेज दर्द होना कुछ खास तरह के इंफेक्शन की ओर इशारा करता है जैसे कि-

1 .गोनोरिया-

गोनोरिया के लक्षण क्या है ?

योनि स्राव में वृद्धि.

पेशाब करने में दर्द होना.

मासिक धर्म के बीच योनि से रक्तस्राव जैसे कि शारीरिक संबंध के बाद.

पेट या पेल्विक में दर्द होना,

शरीर में अन्य स्थानों पर सुजाक आदि.

2 .सर्विसाइटिस-

सर्विसाइटिस के लक्षण क्या हैं ?

योनि से चिपचिपा स्राव होने के कारण और इलाज क्या है ?
महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा के कुछ मामले लक्षण हो सकते हैं. हालांकि ज्यादातर मामलों में लक्षण मौजूद होते हैं और उनमें शामिल होते हैं जैसे-

* भूरे या सफेद योनि डिस्चार्ज की दृढ़ता, जो गंध हो सकती है या नहीं भी हो सकती है.

* कुछ स्थितियों में योनि रक्तस्राव- उदाहरण के लिए अवधि के दौरान या शारीरिक संबंध के बाद में.

* शारीरिक संबंध के दौरान दर्द.

* पीठ में दर्द होना.

* पेशाब के दौरान कठिनाई या दर्द होना.

* दुर्लभ मामलों में पेट में बुखार या दर्द होना.

3 .क्लैमाइडिया-

क्लैमाइडिया के लक्षण क्या है ?

क्लैमाइडिया से पीड़ित अधिकतर महिलाओं को लक्षण का पता नहीं चलता है. अगर कई हफ्तों बाद लक्षण देखेंगे तो इस प्रकार होंगे. 

मासिक धर्म के बीच रक्तसव होना. 

पेशाब करते समय जलन होना.

बुखार आना. 

कमर के निचले हिस्से में दर्द होना. 

पेट के निचले हिस्से में दर्द होना. 

जी मिचलाना. 

शारीरिक संबंध के दौरान दर्द होना.

असामान्य वेजाइनल डिसचार्ज.

कुछ गंभीर मामलों में इसके संक्रमण का असर आंखों पर भी दिखने लगता है इसे यह कंजेक्टिवाइटिस के रूप में जाना जाता है. यह तब होता है जब आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं जिनकी आंखों में क्लैमाइडिया संक्रमण हो.

4 .ट्राइकोंमोनिएसिस-

ट्राट्राइकोंमोनिएसिस के लक्षण क्या है ?

योनि से चिपचिपा स्राव होने के कारण और इलाज क्या है ?
* योनि से पीला हरा या दूधिया रंग का स्राव.

* योनि से तेज बदबू आना.

* पेशाब करते समय दर्द होना.

* शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना.

* योनि में खुजली होना.

* भग और भगोष्ट में सूजन होना.

5 .बैक्टीरियल वेजोनोसिस-

बैक्टीरियल वेजोनोसिस के लक्षण क्या है ?

* पतला और भूरे, सफेद या हरे रंग का योनि स्राव.

* योनि से काफी दुर्गंध आना.

* योनि में खुजली होना.

* पेशाब के दौरान जलन होना.

लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि बैक्टीरियल वेजोनोसिस से पीड़ित महिला में इस बीमारी का कोई लक्षण नजर भी नहीं आ सकता है.

6 .वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन-

वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण क्या है ?

सभी महिलाओं को यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण महसूस नहीं होते हैं क्योंकि अगर संक्रमण बहुत कम है तो लक्षण भी बहुत कम होते है. अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण का अनुभव हो तो डॉक्टर के पास अवश्य जाएं जैसे कि-

* योनि में खुजली, जलन या असहजता महसूस होना.

* योनि या योनि मार्ग में दर्द होना.

* शारीरिक संबंध या पेशाब के समय जलन महसूस होना.

* सफेद और गाढ़ा योनि स्राव होना.

* योनि में या योनि के आसपास चकत्ते या दाने होना.

कभी-कभी यह संक्रमण इतना जटिल हो जाता है कि त्वचा में घाव हो जाते हैं. कुछ मेडिकल परिस्थितियां जैसे गर्भावस्था, अनियंत्रित शुगर या कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण भी यह इंफेक्शन होता है.

7 .पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज-

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण क्या है ?

कुछ मामलों में पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज बिना की इन्फेक्शन के भी हो सकता है जैसे क्लैमाइडिया के कारण होने वाला पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज वही इसके कुछ आम लक्षण इस प्रकार है-

* बुखार आना.

* पेल्विक एरिया, निचले पेट या निचली पीठ में दर्द होना.

* योनि से असामान्य रंग, टेक्सचर या गंध का स्राव होना.

* शारीरिक संबंध के बाद रक्तस्राव होना.

* ठंड लगना या कपकपी होना.

* हमेशा थकान महसूस होना.

* बार-बार पेशाब आना.

* मासिक धर्म के समय सामान्य से अधिक दर्द होना.

* मासिक धर्म में असामान्य रूप से रक्तस्राव होना.

* भूख ना लगना.

* उल्टी या मतली आना.

* प्रत्येक महीने समय पर मासिक धर्म ना होना.

* शारीरिक संबंध के दौरान दर्द होना.

योनि से चिपचिपा स्राव होने के कारण और इलाज क्या है ?

यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करती है तो खुद ही इसकी जांच या इलाज करने की बजाय बिना देर किए हुए तुरंत अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसके बारे में सलाह लेनी चाहिए और अपनी समस्या का इलाज कराना चाहिए.

योनि से चिपचिपा स्राव होने के क्या कारण है ?

एक स्त्री को कई तरह के वेजाइनल डिसचार्ज होते हैं. मासिक धर्म चक्र के हर एक फेज में अलग-अलग तरह होते हैं. मासिक धर्म से पहले या बाद में और ओव्यूलेशन तथा गर्भावस्था के दौरान एक महिला अपने वेजाइनल डिसचार्ज में बहुत सारे बदलाव अनुभव कर सकती हैं. इस बारे में नीचे आपको विस्तार से बताया जा रहा है.

ओव्यूलेशन के समय योनि से चिपचिपा स्राव-

ओव्यूलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र के मध्य का हिस्सा होता है. यह वह समय है जब महिला का शरीर संभावित फ़र्टिलाइजेसन के लिए अंडा को रिलीज करता है. जैसे ही महिला अपने मासिक धर्म चक्र में ओव्यूलेशन के नजदीक पहुंचती है उसके गर्भाशय ग्रीवा से म्यूकस का उत्पादन अधिक होने लगता है. जिसके परिणाम स्वरूप अधिक योनि स्राव होता है. आमतौर पर ओव्यूलेशन से पहले या ओव्यूलेशन के बाद योनि स्राव का स्पष्ट और चिपचिपा होता है. बढ़ा हुआ योनि स्राव स्पर्म को सर्विक्स तक पहुंचने में मदद करता है ताकि वह अंडा के साथ फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया को पूरा कर सकें.

मासिक धर्म से पहले योनि से चिपचिपा स्राव-

ओव्यूलेशन के कुछ दिनों के बाद योनि स्राव एक पतला, स्पष्ट और चिपचिपा डिस्चार्ज से एक मोटा और चिपचिपा योनि स्राव में परिवर्तित हो जाता है. मोटा और चिपचिपा योनि स्राव की मात्रा ओव्यूलेशन के दौरान होने वाले डिस्चार्ज से कम होती है. यह अतिरिक्त हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है जो गर्भाशय ग्रीवा म्यूकस की स्थिरता को बदलते हैं और अंततः मासिक धर्म शुरू होने के कारण बनते हैं.

गर्भावस्था के दौरान योनि से चिपचिपा स्राव-

गर्भावस्था की शुरुआत में आपकी अपेक्षित अवधि के दिनों के आसपास योनि स्राव की मात्रा अधिक हो सकती है. आप अपनी गर्भावस्था के दौरान और विशेष रूप से गर्भावस्था के तीसरे तिमाही के दौरान चिपचिपा योनि स्राव की एक बढ़ी हुई मात्रा को अनुभव कर सकती हैं. यदि गर्भावस्था के दौरान योनि स्राव में अचानक बढ़ोतरी का अनुभव होने लगे तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. गर्भावस्था के दौरान चिपचिपा योनि स्राव में अचानक बढ़ोतरी होना लिंकिंग एमनियोटिक द्रव का संकेत हो सकता है.

इस स्थिति में जल्द से जल्द आपको अपने डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए. योनि स्राव के रंग स्थिरता या गंध से संबंधित बदलाव के बारे में अपने डॉक्टर को जानकारी दें क्योंकि गर्भावस्था के दौरान ऐसे कारक इन्फेक्शन की तरफ इशारा करते हैं जो आपके साथ- साथ आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं. अगर आप अपने वेजाइनल डिस्चार्ज में किसी तरह का कोई बदलाव देखती है या किसी तरह की परेशानी महसूस करती हैं तो आपको डॉक्टर से मिलकर उन्हें इस बारे में विस्तार से बताना चाहिए. ताकि वह समय से पहले ही सभी जटिलताओं और समस्याओं की रोकथाम कर सकें.

योनि से चिपचिपा स्राव होने के अन्य कारण-

योनि से चिपचिपा स्राव होने के कारण और इलाज क्या है ?
ओव्यूलेषन और गर्भावस्था ही एक ऐसा समय नहीं है जब आप योनि से किसी स्राव का अनुभव करती हैं. इन दोनों के अलावा भी बहुत सारे ऐसे कारण हैं जो वेजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव कर सकते हैं या इसके कारण बन सकते हैं. यदि योनि स्राव के साथ कुछ असुविधाजनक लक्षण भी मौजूद है तो यह किसी गंभीर बीमारी या गोनोरिया, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज जैसे इंफेक्शन की तरफ संकेत करते हैं. यही कारण है कि आपको कभी भी केवल अपने निदान पर भरोसा नहीं करना चाहिए और यदि जरूरी हो तो कारणों का पता लगाने और समय पर उपचार प्राप्त करने के लिए एक विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

अधिक तनाव में रहने के कारण भी आप योनि से चिपचिपा स्राव का अनुभव कर सकती हैं.

भारी भरकम व्यायाम करना भी इसके कारण हो सकते हैं.

खानपान में अचानक बदलाव के कारण भी योनि स्राव में बढ़ोतरी हो सकती है.

यौन गतिविधियां या संभोग भी इसके कारण हो सकते हैं.

गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन की शुरुआत में भी इस समस्या से आप गुजर सकती हैं.

गर्भाशय ग्रीवा या आसपास के अंगों की सर्जरी के कारण भी ऐसा हो सकता है.

योनि से चिपचिपा स्राव होने पर आपको डॉक्टर से मिलना कब जरूरी हो जाता है ?

योनि से चिपचिपा स्राव होने के कारण और इलाज क्या है ?
आमतौर पर योनि से मोटी या अस्पष्ट चिपचिपा स्राव चिंता की बात नहीं होती है. लेकिन कुछ मामलों में यह किसी समस्या और खासकर इंफेक्शन का इशारा हो सकता है. अपनी योनि से चिपचिपा स्राव या अन्य परिवर्तनों का अनुभव करना आपके लिए तनावपूर्ण और चिंताजनक हो सकता है. अगर योनि स्राव की मात्रा अधिक हो जाए, टेक्सचर या रंग में बदलाव  तथा स्राव से बदबू आए तो आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इन लक्षणों के बारे में अवश्य ही बात करनी चाहिए.

अगर योनि से चिपचिपा स्राव के साथ दर्द, खुजली, पेशाब के दौरान जलन और बदबू, वेजाइनल ब्लीडिंग जो मासिक धर्म से संबंधित नहीं है आदि समस्याएं दिखाई दे तो आपको बिना देर किए हुए डॉक्टर से मिलना चाहिए. इस स्थिति में लापरवाही बरतना आपके सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. इस समय आपको डॉक्टर से मिलना जरूरी है क्योंकि वह आपके लक्षणों के पीछे के कारणों का पता लगाने के बाद प्रभावी तरीके से इलाज कर आपकी समस्याओं को दूर कर सकते हैं.

निष्कर्ष-

मासिक धर्म के दौरान योनि स्राव होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो आपको सेहतमंद होने की तरफ इशारा करता है. लेकिन इसके रंग, मात्रा, समय में बदलाव आना या फिर इसकी वजह से आपकी योनि में दर्द, खुजली और जलन होना तथा बदबूदार स्राव आना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. इस स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इन लक्षणों की जांच और इलाज कराना आवश्यक है क्योंकि समय पर सही इलाज ना होने के कारण आगे चलकर यह दूसरी अन्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं. इसलिए अगर आपकी योनि से चिपचिपा या फिर किसी और तरह का स्राव होता है तो इसे आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

यह लेख सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है यदि उपर्युक्त लक्षण मिले तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें क्योंकि आपके बिमारी का निश्चित निदान एक योग्य चिकित्सक ही कर सकता है और उसके अनुसार आपको जरूरी दवाओं का चुनाव कर सही इलाज कर सकता है. धन्यवाद.

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