कल्याण आयुर्वेद- जब आप ऐसे कारकों पर नजर डालते हैं जिन्हें एक सफल गर्भाधान के लिए दुरुस्त करना आवश्यक हो जाता है, तो यह जानकर आपको हैरानी होगी कि मनुष्य जनन करने में पूर्णतया सक्षम होते है. पुरुष और महिला दोनों की उर्वरता हॉर्मोनों के नाजुक संतुलन पर निर्भर करती हैं, जिसे पर्यावरणीय कारक प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि आप जो भोजन खाते हैं, पर्यावरण में मौजूद जहर, तनाव तथा अन्य भावनात्मक कारक, बीमारी, शारीरिक सक्रियता और यहाँ तक कि बाहर के परिवेश का तापमान भी.
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पुरुषों और महिलाओं में उर्वरता में वृद्धि करने के तरीके- |
पुरुषों के लिए, उनके अपने उर्वरता चक्र की समझ रखना और शुक्राणु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी रखना भी उनकी उर्वरता में वृद्धि करने का एक अहम अंग है.
1 .पुरुष उर्वरता में वृद्धि में 3 महीनों की विराम अवधि-
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गतिविधियां और पर्यावरणीय प्रभाव जो अब होते हैं वह 3 महीनों के अंतराल में शुक्राणु की गुणवत्ता पर असर डाल सकते हैं.
2 .जल्दबाजी में फ़ैसला न लें-
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पुरुषों और महिलाओं में उर्वरता में वृद्धि करने के तरीके- |
आप सावधान रहें और भावुक होने से बचें क्योंकि किसी बड़े (या छोटे के लिए भी) खरीदों के लिए साइन अप करने से पहले सबूत देखना काफी अहम होता है.
आपको ऐसी कई वेबसाइट्स, विज्ञापन और सेवाएँ मिल जाएंगे जो कई प्रकार के अद्भुत उत्पादों की पेशकश करेंगे जिनसे आपकी उर्वरता में वृद्धि होगी लेकिन होता यह है कि वे आपने पैसे तो वसूल कर लेंगे, पर आप इंतजार ही करते रह जाएंगे.
यह भी संभव हो कि इनमें से कुछ उत्पाद वाकई आपकी उर्वरता में वृद्धि करें, पर ऐसे कई प्रमाणित, साक्ष्य आधारित सरल और किफ़ायती चीजें मौजूद हैं, जिन्हें आपको अपनी जेब हल्की करने से पहले आजमाना चाहिए।
3 .धूम्रपान छोड़ें-
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पुरुषों और महिलाओं में उर्वरता में वृद्धि करने के तरीके- |
कई सारे अध्ययनों से यह साफ हो गया है कि धूम्रपान का पुरुष और महिलाओं दोनों की उर्वरता पर काफी बुरा असर पड़ता है.
महिलाओं में, सिगरेट पीने से अंडाणु के परिपक्वता में बाधा आती है, फ़ॉलिकल विकास अंडोत्सर्ग दरों में और निषेचण दरों में व्यवधान आता है, क्योंकि निकोटीन के संपर्क में आने वाले अंडों में क्रोमोजोमल विकृतियाँ होने की अधिक संभावना बनी रहती है. धूम्रपान करने वाली महिलाओं में गर्भ गिरने का भी अधिक खतरा बना रहता है और IVF के जरिए गर्भ धारण करने की उनकी काफी कम संभावना रहती है.
पुरुषों में , धूम्रपान से शुक्राणुओं की संख्या और उसकी गतिशीलता में कमी आती है और पाया गया है कि इससे शुक्राणु के आकार और कार्य में भी गिरावट आती है.
4 .शराब छोड़ें-
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पुरुषों और महिलाओं में उर्वरता में वृद्धि करने के तरीके- |
महिलाएँ यदि मध्यम से लेकर अधिक मात्रा में शराब का सेवन करती हैं, तो उनमें गर्भ गिरने का खतरा बढ़ जाता है, हाइपोथैलेमल्स-पिट्युटरी-ओवेरियन खराबी पैदा होने, अंडोत्सर्ग विफलता होने, ल्युटीयल फ़ेज की खराबी और एंडोमीट्रियल लाइनिंग के असामान्य विकास होने का खतरा बढ़ जाता है.
पुरुषों में मध्यम से लेकर अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से लीवर की खराबी पैदा हो सकती है, एस्ट्रोजन के स्तरों में वृद्धि हो सकती है (शुक्राणु विकास में व्यवधान पैदा हो सकता है) और शुक्राणुओं की मात्रा में काफी तेजी से गिरावट आ सकती है.
5 .कैफ़ीन की मात्रा घटाएँ-
कई ऐसे अध्ययन किए जा चुके हैं जो बताते हैं कि दैनिक कैफ़ीन सेवन की उच्च मात्रा का (300 मि.ग्रा रोजाना से अधिक) पुरुषों में और महिलाओं में उर्वरता पर बुरा असर पड़ता है.
कई उर्वरता विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि गर्भ धारण करने के लिए इच्छुक दंपत्तियों को गर्भवती होने का प्रयास करने के दौरान (महिला और पुरुष दोनों) अपने आहार से कैफ़ीन की मात्रा हटा ही देनी चाहिए.
6 .स्वास्थ्यवर्धक आहार का सेवन करें-
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पुरुषों और महिलाओं में उर्वरता में वृद्धि करने के तरीके- |
2 .यदि आप ऑर्गैनिक उपज खरीदने में सक्षम हों, तो अधिक पैसे ख़र्च करना भी लाभदायक है. ऐसे प्रमाण हैं कि कृषि में इस्तेमाल होने वाले जहरीले रसायनों का उर्वरता पर बुरा असर पड़ सकता है, हालांकि इसकी मात्रा और सीमा का निर्धारण करना कठिन होता है.
3 .कई अध्ययनों से पता चलता है कि डेयरी आहार (कम वसा वाले डेयरी उत्पाद) से उर्वरता में वृद्धि होती है.
4 .वसायुक्त खाद्य आहारों, अत्यधिक संसाधित किए आहारों और ऐसे आहारों से बचें जिनमें शक्कर की काफी अधिक मात्रा होती है क्योंकि ये सभी आपके हॉर्मोनों के नाजुक संतुलन को बिगाड़ते हैं.
5 .ट्रांस-फ़ैट उर्वरता के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं और ये प्रायः अत्यधिक संसाधित आहारों में, जैसे कि वसा में तले चिप्स, कुछ अत्यधिक संसाधित अनाजों, पेस्ट्रीज और पाइज, कुछ केकों और यहाँ तक कि पिज्जा में पाए जाते है.
6 .भले ही मछलियाँ आपके स्वास्थ्यवर्धक आहार का महत्वपूण हिस्सा हो सकती हैं, पर जहरों और भारी धातुओं की बढ़ती मात्रा से उर्वरता में वृद्धि करने की दिशा में मछलियों का सेवन एक जोखिमभरा विकल्प साबित हो सकता है.
सार्डिंस और ऐंकोवीज जैसे छोटी मछलियों में विषों का कम खतरा होता है और ये ओमेगा-3 फ़ैटी एसिडों से भरपूर होते हैं, पर बड़ी मछलियाँ जैसे कि शार्क इत्यादि में भारी मात्रा में मर्क्युरी जैसी भारी धातु पाई जा सकती हैं.
7 .सॉफ़्ट ड्रिंक्स, कॉफ़ी और चाय की अधिक मात्रा से भी बचें. हर्बल चाय लेना और जम कर पानी पीना बेहतर माना जाता है. रस की बहुत अधिक मात्रा समस्या पैदा कर सकती है, क्योंकि इसमें फ्रक्टोज की काफी अधिक मात्रा होती है जो हॉर्मोन संतुलन की संवेदनशीलता को बाधित करती है.
7 .रसायन-मुक्त जीवन-शैली अपनाएँ-
यदि आप रासायनिक निवारक के शौकीन हैं, तो उनकी बजाए कम-विषैले और कुदरती उत्पादों का इस्तेमाल शुरु करें.
यही सही समय होगा जब आप किसी अजैविक सिंगार, शैम्पू और साबुन का इस्तेमाल बंद कर दें.
पेस्टिसाइड्स स्प्रे का इस्तेमाल न करें - इसकी जगह पर आप फ्लाइ स्वैट और लेमन ऑयल, साइट्रस और क्लॉव्स जैसे हानिमुक्त रोधकों के उचित मात्रा का इस्तेमाल करें.
कई अध्ययनों से पता चला है कि थैलेट्स के संपर्क में आने से उर्वरता में कमी आती है.ज्यादातर मनुष्य थैलेट्स के संपर्क में क्लीनिंग उत्पादों, लॉन्ड्री डिटर्जेंटों, पर्सनल केयर के उत्पादों, जैसे कि मेक अप, शैम्पू और साबुनों - और प्लास्टिक्स, पेंट्स और कुछ पेस्टिसाइड्स घोलों के माध्यम से आते हैं.
8 .शारीरिक व्यायाम करें-
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पुरुषों और महिलाओं में उर्वरता में वृद्धि करने के तरीके- |
अनुसंधानों से पता चलता है कि अत्यंत उच्च स्तर या अत्यंत कम स्तर की शारीरिक गतिविधि का उर्वरता पर बुरा असर पड़ता है, पर मध्यम स्तर की गतिविधि से उर्वरता बढ़ती है. अंत में, यही कहा जा सकता है कि सही संतुलन साधना ही कारगर होता है. जो पुरुषों और महिलाओं में उर्वरता में वृद्धि करने के लिए महत्वपूर्ण है.
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