पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कौवे के सफेद रंग से काले रंग के होने के पीछे एक अलग कहानी हैं !
काफी समय पहले एक ऋषि महाराज ने एक सफेद कौवे को अमृत ढूंढने का आदेश दिया ! और कहा कि मुझे अमृत के बारे में जानकारी ला कर दे ! लेकिन ध्यान रखना तुम्हे उस अमृत को पीना नहीं हैं !
कई वर्षो की मेहनत के बाद उस सफेद कौवे ने अमृत का पता लगा लिया ! मगर इतनी मेहनत के बाद उस सफेद कौवे को अमृत पीने की इच्छा होने लगी ! और उसने ऋषि के आदेश की अवहेलना करके अमृत को पी लिया ! और अमृत पीने के बाद इसकी जानकारी ऋषि को आकर बता दी.
जब ऋषि को इस बात का पता चला तो वे कौवे से नाराज उसे श्राप दिया कि तुमसे सभी घृणा करेंगे और तुमको अशुभ मानेगें ! क्योकिं तुमने अपनी अपवित्र चोंच से इस पवित्र अमृत को जूठा कर दिया !ऋषि ने श्राप देते हुए सफेद कौवे पर अपने कमंडल से उस पर पानी छिड़क दिया ! उसके बाद कौवे का रंग हमेशा के लिए काला पड़ गया ! इस तरह कौवे का सफ़ेद से काला रंग हो गया !
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